जहानाबाद (नगर) : जनता के दरबार में जिलाधिकारी कार्यक्रम के तहत गुरुवार को आयोजित जनता दरबार में अलीनगर पाली निवासी अहमद सज्जाद ने शिकायत की कि वह 2011 में टीइटी पास किया था. इसके बाद उसकी नियुक्ति राजकीयकृत उर्दू प्राथमिक विद्यालय, काको में हुई थी.
शिक्षक पद पर योगदान के उपरांत उसके सभी शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच करायी गयी थी, जिसमें सभी सही पाया गया था.
नियुक्ति के उपरांत उसने फलक तथा प्रेरणा प्रशिक्षण भी प्राप्त किया था. उसने 2015 की इंटरमीडिएट परीक्षा में वीक्षक का कार्य भी किया था. जुलाई, 2015 में बिहार सरकार द्वारा वेतनमान की घोषणा किये जाने के बाद उनसे शैक्षणिक तथा प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की मांग की गयी. उन्होंने सभी प्रमाण पत्रों से संबंधित फोल्डर शिक्षा विभाग में जमा कराया था. प्रमाण पत्र सही होने के बावजूद उसकी नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया गया तथा शिक्षक पद से हटा दिया गया.
फरियादी ने शिकायत की कि वह अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित है. प्रमाण पत्र सही होने के बाद भी उसकी नियुक्ति को अवैध किये जाने के मामले में न्यायोचित कार्रवाई की जाये. इधर, मखदुमपुर थाना क्षेत्र के महादेव बिगहा निवासी अरुण कुमार ने शिकायत की कि गांव के ही कुछ दबंगों द्वारा सरकारी गैरमजरूआ जमीन का अतिक्रमण कर लिया गया है. इसके कारण आवासीय रैयती जमीन में आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है.
अतिक्रमणकारियों से जब अतिक्रमण हटाने की बात कही जाती है, तो वे गाली-गलौज तथा खून-खराबा पर उतारू हो जाते हैं. फरियादी ने जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने की मांग की है. जनता दरबार में विशेष शिकायत निवारण पदाधिकारी ज्ञान शंकर दास द्वारा 60 फरियादियों की शिकायत सुनी गयी तथा उन्हें त्वरित न्याय दिलाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारी के पास भेजा गया. जनता दरबार में आये एक युवक ने कहा कि वह कार्यपालक सहायक के लिए परीक्षा में शामिल हुआ है,
उसे मदद की जाये. वहीं, एएनएम पद से सेवानिवृत्त एक महिला ने शिकायत की कि वह जनवरी में ही सेवानिवृत्त हो गयी है, लेकिन अबतक उसके पेंशन का कागजात एजी ऑफिस में नहीं भेजा गया है. जनता दरबार में जिलास्तरीय पदाधिकारी शामिल थे.
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
शिक्षक पद पर योगदान के उपरांत उसके सभी शैक्षणिक एवं प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच करायी गयी थी, जिसमें सभी सही पाया गया था.
नियुक्ति के उपरांत उसने फलक तथा प्रेरणा प्रशिक्षण भी प्राप्त किया था. उसने 2015 की इंटरमीडिएट परीक्षा में वीक्षक का कार्य भी किया था. जुलाई, 2015 में बिहार सरकार द्वारा वेतनमान की घोषणा किये जाने के बाद उनसे शैक्षणिक तथा प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की मांग की गयी. उन्होंने सभी प्रमाण पत्रों से संबंधित फोल्डर शिक्षा विभाग में जमा कराया था. प्रमाण पत्र सही होने के बावजूद उसकी नियुक्ति को अवैध घोषित कर दिया गया तथा शिक्षक पद से हटा दिया गया.
फरियादी ने शिकायत की कि वह अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित है. प्रमाण पत्र सही होने के बाद भी उसकी नियुक्ति को अवैध किये जाने के मामले में न्यायोचित कार्रवाई की जाये. इधर, मखदुमपुर थाना क्षेत्र के महादेव बिगहा निवासी अरुण कुमार ने शिकायत की कि गांव के ही कुछ दबंगों द्वारा सरकारी गैरमजरूआ जमीन का अतिक्रमण कर लिया गया है. इसके कारण आवासीय रैयती जमीन में आने-जाने का रास्ता बंद हो गया है.
अतिक्रमणकारियों से जब अतिक्रमण हटाने की बात कही जाती है, तो वे गाली-गलौज तथा खून-खराबा पर उतारू हो जाते हैं. फरियादी ने जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने की मांग की है. जनता दरबार में विशेष शिकायत निवारण पदाधिकारी ज्ञान शंकर दास द्वारा 60 फरियादियों की शिकायत सुनी गयी तथा उन्हें त्वरित न्याय दिलाने के लिए संबंधित विभागों के अधिकारी के पास भेजा गया. जनता दरबार में आये एक युवक ने कहा कि वह कार्यपालक सहायक के लिए परीक्षा में शामिल हुआ है,
उसे मदद की जाये. वहीं, एएनएम पद से सेवानिवृत्त एक महिला ने शिकायत की कि वह जनवरी में ही सेवानिवृत्त हो गयी है, लेकिन अबतक उसके पेंशन का कागजात एजी ऑफिस में नहीं भेजा गया है. जनता दरबार में जिलास्तरीय पदाधिकारी शामिल थे.
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