मुंगेर [राम प्रवेश ¨सह]। सरकार द्वारा ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्र के
बच्चों को शिक्षित करने के लिए बड़े-बड़े दावे तो सरकार करती है, लेकिन
खड़गपुर अनुमंडल क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गंगटा पंचायत के घने जंगल और
पहाड़ से घिरे भीमबांध का प्राथमिक विद्यालय सरकार के इन दावों की पोल खोलती
नजर आ रही है।
भीमबांध के इस विद्यालय को 25 मई 2006 में नक्सलियों द्वारा उड़ा दिया गया था। बावजूद इसके आज इसमें पढ़ाई हो रही है। भवन नहीं होने के कारण सामुदायिक भवन में विद्यालय का संचालन हो रहा है। यहां 146 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। इतने बच्चों की पढ़ाई के लिए यहां मात्र एक शिक्षक नियुक्त हैं। इस विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक के बच्चे एक साथ बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं और इन्हीं कक्ष में मध्याह्न भोजन भी करते हैं।
वर्ग कक्ष नहीं रहने के कारण छात्र-छात्राओं को बैठने के लिए जगह कम पड़ रही है। बच्चों को सामुदायिक भवन मे बैठकर पढ़ाई के साथ-साथ मध्याह्न भोजन भी कराया जाता है। बेंच डेस्क के अभाव में बच्चों को जमीन पर बैठ कर पढ़ना पड़ता है। विद्यालय में सुविधा के नाम पर चापाकल है जो पिछले एक वर्ष से खराब है। मध्याह्न भोजन बनाने एवं पीने के लिए पड़ोस के घर का सहारा लेना पड़ता है। वहीं छात्र-छात्राओं के लिए शौचालय नहीं रहने के कारण खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है जो स्वच्छ भारत सुंदर भारत के सपनों पर प्रश्न चिह्न लगा रहा है। विद्यालय में रसोई घर भी नहीं है। इसके लिए चदरा से घेरा डालकर विद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए मध्याह्न भोजन बनाया जाता है। विद्यालय में मात्र एक शिक्षक प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार हैं। हाल में एक शिक्षक का डेपुटेशन इस विद्यालय में किया गया है।
विद्यालय भवन को नक्सलियों ने बनाया था निशाना :
25 मई 2006 को भीमबांध प्रक्षेत्र में विद्यालय भवन सहित वन विभाग के कैफिटेरिया व टूरिज्म लॉज को ध्वस्त कर नक्सलियों ने क्षेत्र में दहशत फैला दिया। जिसका मलबा आज भी देखा जा सकता है ।
क्या कहते हैं ग्रामीण :
अकलू ठाकुर, गोरेलाल कोड़ा, गुरुदेव ¨सह, अशोक ठाकुर, मंटू ठाकुर, प्रमोद कोड़ा, जितेंद्र कोड़ा, राजेश, पैरु आदि का कहना है कि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की बात कर रही है। लेकिन इस दिशा में पहल नहीं कर रही है। क्योंकि यदि सरकार इस दिशा में पहल करती तो विद्यालय भवन का निर्माण कर अनुपात के हिसाब से शिक्षकों की नियुक्ति करती। लोगों ने आगे बताया कि 29 जून 2013 को सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम, डीआईजी सुधांशु कुमार, डीएम नरेंद्र कुमार ¨सह सहित जिला के तमाम पदाधिकारी पहुंचे थे। पदाधिकारियों की उपस्थिति में शिक्षा सहित अन्य समस्याओं को दूर करने का आश्वासन भी दिया था।
कहते हैं प्रभारी प्रधानाध्यापक :
प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति सहित विद्यालय भवन का निर्माण कराने को लेकर कई बार विभागीय पदाधिकारी को अवगत कराया गया है ।
कहते हैं पदाधिकारी : प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हवेली खड़गपुर कंचनलता कुमारी ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय में भीमबांध में एक शिक्षक को योगदान देने को कहा गया था। उन्होंने अपना योगदान भी कर दिया है। विद्यालय भवन के निर्माण के बारे में उन्होंने बताया कि विद्यालय भवन के निर्माण हेतु राशि यदि आवंटित नहीं हुई है तो इसके लिए वरीय पदाधिकारी को लिखित रूप से अवगत कराया जाएगा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
भीमबांध के इस विद्यालय को 25 मई 2006 में नक्सलियों द्वारा उड़ा दिया गया था। बावजूद इसके आज इसमें पढ़ाई हो रही है। भवन नहीं होने के कारण सामुदायिक भवन में विद्यालय का संचालन हो रहा है। यहां 146 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। इतने बच्चों की पढ़ाई के लिए यहां मात्र एक शिक्षक नियुक्त हैं। इस विद्यालय में कक्षा एक से पांच तक के बच्चे एक साथ बैठकर शिक्षा ग्रहण करते हैं और इन्हीं कक्ष में मध्याह्न भोजन भी करते हैं।
वर्ग कक्ष नहीं रहने के कारण छात्र-छात्राओं को बैठने के लिए जगह कम पड़ रही है। बच्चों को सामुदायिक भवन मे बैठकर पढ़ाई के साथ-साथ मध्याह्न भोजन भी कराया जाता है। बेंच डेस्क के अभाव में बच्चों को जमीन पर बैठ कर पढ़ना पड़ता है। विद्यालय में सुविधा के नाम पर चापाकल है जो पिछले एक वर्ष से खराब है। मध्याह्न भोजन बनाने एवं पीने के लिए पड़ोस के घर का सहारा लेना पड़ता है। वहीं छात्र-छात्राओं के लिए शौचालय नहीं रहने के कारण खुले में शौच के लिए जाना पड़ता है जो स्वच्छ भारत सुंदर भारत के सपनों पर प्रश्न चिह्न लगा रहा है। विद्यालय में रसोई घर भी नहीं है। इसके लिए चदरा से घेरा डालकर विद्यालय के छात्र-छात्राओं के लिए मध्याह्न भोजन बनाया जाता है। विद्यालय में मात्र एक शिक्षक प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार हैं। हाल में एक शिक्षक का डेपुटेशन इस विद्यालय में किया गया है।
विद्यालय भवन को नक्सलियों ने बनाया था निशाना :
25 मई 2006 को भीमबांध प्रक्षेत्र में विद्यालय भवन सहित वन विभाग के कैफिटेरिया व टूरिज्म लॉज को ध्वस्त कर नक्सलियों ने क्षेत्र में दहशत फैला दिया। जिसका मलबा आज भी देखा जा सकता है ।
क्या कहते हैं ग्रामीण :
अकलू ठाकुर, गोरेलाल कोड़ा, गुरुदेव ¨सह, अशोक ठाकुर, मंटू ठाकुर, प्रमोद कोड़ा, जितेंद्र कोड़ा, राजेश, पैरु आदि का कहना है कि सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने की बात कर रही है। लेकिन इस दिशा में पहल नहीं कर रही है। क्योंकि यदि सरकार इस दिशा में पहल करती तो विद्यालय भवन का निर्माण कर अनुपात के हिसाब से शिक्षकों की नियुक्ति करती। लोगों ने आगे बताया कि 29 जून 2013 को सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त मिन्हाज आलम, डीआईजी सुधांशु कुमार, डीएम नरेंद्र कुमार ¨सह सहित जिला के तमाम पदाधिकारी पहुंचे थे। पदाधिकारियों की उपस्थिति में शिक्षा सहित अन्य समस्याओं को दूर करने का आश्वासन भी दिया था।
कहते हैं प्रभारी प्रधानाध्यापक :
प्रभारी प्रधानाध्यापक संजय कुमार ने बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति सहित विद्यालय भवन का निर्माण कराने को लेकर कई बार विभागीय पदाधिकारी को अवगत कराया गया है ।
कहते हैं पदाधिकारी : प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हवेली खड़गपुर कंचनलता कुमारी ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय में भीमबांध में एक शिक्षक को योगदान देने को कहा गया था। उन्होंने अपना योगदान भी कर दिया है। विद्यालय भवन के निर्माण के बारे में उन्होंने बताया कि विद्यालय भवन के निर्माण हेतु राशि यदि आवंटित नहीं हुई है तो इसके लिए वरीय पदाधिकारी को लिखित रूप से अवगत कराया जाएगा।
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