सिवान । जिले के कई मध्य व प्राथमिक विद्यालय में उच्च न्यायालय के आदेश
का अनुपालन नहीं किया जा रहा है। आदेश के बावजूद प्रधानाध्यापक के पद पर
नियोजित शिक्षक कुंडली मार कर बैठे है। उनके द्वारा न तो प्रभार दिया जा
रहा है और न ही नियोजन ईकाई द्वारा उनके उपर विभागीय कार्रवाई की जा रही
है।
जो कि विभाग के उक्त निर्देश का उल्लंघन है। साथ ही शिक्षकों में आक्रोश भी व्याप्त है।
मालूम हो कि जिले के कई मध्य व प्राथमिक विद्यालयों में उच्च न्यायालय के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए नियोजित शिक्षक प्रभार लिए हुए है। यहां नियमित शिक्षक होने व उनके द्वारा प्रभार के लिए पदाधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी प्रभार नहीं दिया जा रहा है। यहीं नहीं नियोजन ईकाई भी उनके विरूद्ध विभाग कार्रवाई नहीं कर रही है जो कि न्यायालय के आदेश व विभाग के उक्त निर्देश का उल्लंघन है। गौरतलब हो कि न्यायालय व विभाग का सख्त निर्देश है कि जिन शिक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा में प्रभार नहीं दिया जाता है तो विद्यालय के वित्तीय मामले संचालन पर रोक लगा संबंधित बैंक को आदेश दे दिया जाय। साथ ही संबंधित शिक्षक के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने व वेतन के भुगतान पर रोक लगा दी जाय। इसके बावजूद अगर प्रभार अदान-प्रदान में विलंब हो रहा है तो संबंधित शिक्षक पर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने व वित्तीय गबन का आरोप लगा प्राथमिकी दर्ज कराई जाय। परंतु जिले में कहीं कुछ ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा है। नियोजित शिक्षक आराम से विद्यालय का प्रभार लिए बैठे हुए है। प्राथमिक विद्यालय बंगरा (दुरेजी) व प्राथमिक विद्यालय (कन्या) बंगरा में भी नियमित शिक्षक केरहते हुए नियोजित शिक्षक प्रभार लिए बैठे है।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामापाली में भी नियमित शिक्षिका सुनीता प्रभार के लिए वर्ष 2014 से गुहार लगा रही है। परंतु उन्हें नियोजित शिक्षकद्वारा प्रभार नहीं जा रहा है। कुछ यहीं हाल स्वामी कर्मदेव मध्य विद्यालय नगर पंचायत महाराजगंज का भी है। इस संबंध में राजकुमार मांझी ने कहा कि कई विद्यालयों के नियमित शिक्षक प्रभार लेने में आनकानी कर रहे है। इसलिए वहां नियोजित को प्रभार दे दिया। कई प्रभार लेने के डर से मेडिकल का बहा कन्नी काट रहे है। उन्होंने कुछ नियमित शिक्षकों ने प्रभार न लेने के लिए आवेदन भी दिया है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
जो कि विभाग के उक्त निर्देश का उल्लंघन है। साथ ही शिक्षकों में आक्रोश भी व्याप्त है।
मालूम हो कि जिले के कई मध्य व प्राथमिक विद्यालयों में उच्च न्यायालय के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए नियोजित शिक्षक प्रभार लिए हुए है। यहां नियमित शिक्षक होने व उनके द्वारा प्रभार के लिए पदाधिकारियों से गुहार लगाने के बाद भी प्रभार नहीं दिया जा रहा है। यहीं नहीं नियोजन ईकाई भी उनके विरूद्ध विभाग कार्रवाई नहीं कर रही है जो कि न्यायालय के आदेश व विभाग के उक्त निर्देश का उल्लंघन है। गौरतलब हो कि न्यायालय व विभाग का सख्त निर्देश है कि जिन शिक्षकों द्वारा निर्धारित समय सीमा में प्रभार नहीं दिया जाता है तो विद्यालय के वित्तीय मामले संचालन पर रोक लगा संबंधित बैंक को आदेश दे दिया जाय। साथ ही संबंधित शिक्षक के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने व वेतन के भुगतान पर रोक लगा दी जाय। इसके बावजूद अगर प्रभार अदान-प्रदान में विलंब हो रहा है तो संबंधित शिक्षक पर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने व वित्तीय गबन का आरोप लगा प्राथमिकी दर्ज कराई जाय। परंतु जिले में कहीं कुछ ऐसा होता नहीं दिखाई दे रहा है। नियोजित शिक्षक आराम से विद्यालय का प्रभार लिए बैठे हुए है। प्राथमिक विद्यालय बंगरा (दुरेजी) व प्राथमिक विद्यालय (कन्या) बंगरा में भी नियमित शिक्षक केरहते हुए नियोजित शिक्षक प्रभार लिए बैठे है।
उत्क्रमित मध्य विद्यालय रामापाली में भी नियमित शिक्षिका सुनीता प्रभार के लिए वर्ष 2014 से गुहार लगा रही है। परंतु उन्हें नियोजित शिक्षकद्वारा प्रभार नहीं जा रहा है। कुछ यहीं हाल स्वामी कर्मदेव मध्य विद्यालय नगर पंचायत महाराजगंज का भी है। इस संबंध में राजकुमार मांझी ने कहा कि कई विद्यालयों के नियमित शिक्षक प्रभार लेने में आनकानी कर रहे है। इसलिए वहां नियोजित को प्रभार दे दिया। कई प्रभार लेने के डर से मेडिकल का बहा कन्नी काट रहे है। उन्होंने कुछ नियमित शिक्षकों ने प्रभार न लेने के लिए आवेदन भी दिया है।
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