जिले के 17 नियमित शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। हाईकोर्ट व प्राथमिक शिक्षा निदेशक के आदेश पर डीईओ ने कार्रवाई की है। डीईओ ने मुख्यमंत्री शिकायत कोषांग को भेजे पत्र में कहा है कि शिक्षक ने डॉ. अम्बेदकर हिन्दी संस्कृत विद्यापीठ, जोकिया, बेगूसराय नामक शैक्षणिक संस्थान से वर्ष 1986-88 में प्राथमिक शिक्षण प्रशिक्षण की डिग्री ली थी।
जबकि, हाईकोर्ट द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि इस संस्थान को प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षण कोर्स चलाने की मान्यता एनसीटीई (नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजुकेशन) ने 2009-10 में दी थी। डॉ. अम्बेदकर हिन्दी संस्कृत विद्यापीठ, जोकिया, बेगूसराय द्वारा जारी इसके पहले के सर्टिफिकेट को अवैध माना जाएगा।
हालांकि इन शिक्षकों को बर्खास्त करने का पहला पत्र जुलाई 2014 में ही जारी किया गया था। लेकिन शिक्षकों ने नौकरी बचाने की गुहार कोर्ट के साथ ही मुख्यमंत्री शिकायत कोषांग में लगायी थी।
मुख्यमंत्री शिकायत कोषांग ने जिला शिक्षा विभाग को पत्र के माध्यम से हकीकत की जानकारी ली। आखिरकार शिक्षा विभाग ने अपने आदेश को सही बताते हुए कहा कि उनके सर्टिफिकेट को किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है।
डीईओ योगेशचंद्र सिंह ने बताया कि पूर्णिया में पदस्थापित नीतीश कुमार ने हाईकोर्ट में वेतन न देने के संबंध में बिहार सरकार के विरुद्ध मामला दायर किया था। उनकी बहाली 34,540 कोटि के माध्यम से हुई थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने त्वरित गति से इसकी जांच करायी।
पड़ताल में यह मामला सामने आया कि डॉ. अम्बेदकर हिन्दी संस्कृत विद्यापीठ, जोकिया, बेगूसराय को वर्ष 2009-10 के पहले प्राथमिक शिक्षण प्रशिक्षण का कोर्स चलाने की मान्यता ही नहीं मिली थी। ऐसे में आवेदक की डिग्री की वैद्यता पर सवाल उठा दिया आखिरकार यह कहा गया कि इस संस्थान द्वारा वर्ष 2009-10 के पहले की डिग्री अमान्य समझी जाये।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिहार सरकार के प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने डीईओ को ऐसे शिक्षकों को हटाने का फरमान सुनाया। नालंदा जिले के बर्खास्त 17 शिक्षकों ने भी वर्ष 2009 के पहले ही उक्त संस्थान से डिग्री ली थी।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC