नमस्कार साथियों ।
कैसा बिहार दिवस उत्सव ???? कैसी भ्रष्ट व् संवेदनहीन सरकार और कैसी बधाई ??? खुद की हालत का अंदाजा लगाइए जब 3 या चार महीना वेतन नही मिलता है और यहाँ तो 32 महीने से नही मिला ।।
एक तरफ जहाँ पूरा प्रदेश बिहार दिवस मना रही है वहीँ राष्ट्रनिर्माताओं की स्थिति अब आत्मदाह करने की बन आयी है ।नितीश कुमार और लालू यादव की जुगलबंदी तो इस बार पूरे शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करके ही दम लेगी ।
एक छोटा सा उदाहरण सामने छपरा जिले की घटना है जिसमें लगभग 3 साल से 92 नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान नही हुआ और धरना देने पर कार्यवाही और बर्खास्तगी की धमकी दी गयी ।
अधिकारियों की चमड़ी इतनी मोटी हो गयी है कि भाला भी बेअसर है । मित्रों । किसी के साथ ऐसी परिस्थिति आ सकती है क्योंकि हमारे बीच के ही कुछ दलालों और अधिकारियों ने मिल कर शिक्षा कार्यालयों को दलाली का अड्डा बना दिया है और मंत्रीजी तक तो माल पहुँच ही रहा है ।यह लड़ाई सभी शिक्षकों के मान सम्मान का है । सबलोग इसमें साथ दें ।
आत्मदाह करने की नही बल्कि ऐसे अधिकारियों को बीच चौराहा पर खड़ाकर जुतियाने की जरूरत आन पड़ी है ।
आपका मित्र
आचार्य रवि
मुजफ्फरपुर ।
कैसा बिहार दिवस उत्सव ???? कैसी भ्रष्ट व् संवेदनहीन सरकार और कैसी बधाई ??? खुद की हालत का अंदाजा लगाइए जब 3 या चार महीना वेतन नही मिलता है और यहाँ तो 32 महीने से नही मिला ।।
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एक तरफ जहाँ पूरा प्रदेश बिहार दिवस मना रही है वहीँ राष्ट्रनिर्माताओं की स्थिति अब आत्मदाह करने की बन आयी है ।नितीश कुमार और लालू यादव की जुगलबंदी तो इस बार पूरे शिक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करके ही दम लेगी ।
एक छोटा सा उदाहरण सामने छपरा जिले की घटना है जिसमें लगभग 3 साल से 92 नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान नही हुआ और धरना देने पर कार्यवाही और बर्खास्तगी की धमकी दी गयी ।
अधिकारियों की चमड़ी इतनी मोटी हो गयी है कि भाला भी बेअसर है । मित्रों । किसी के साथ ऐसी परिस्थिति आ सकती है क्योंकि हमारे बीच के ही कुछ दलालों और अधिकारियों ने मिल कर शिक्षा कार्यालयों को दलाली का अड्डा बना दिया है और मंत्रीजी तक तो माल पहुँच ही रहा है ।यह लड़ाई सभी शिक्षकों के मान सम्मान का है । सबलोग इसमें साथ दें ।
आत्मदाह करने की नही बल्कि ऐसे अधिकारियों को बीच चौराहा पर खड़ाकर जुतियाने की जरूरत आन पड़ी है ।
आपका मित्र
आचार्य रवि
मुजफ्फरपुर ।
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