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अब नहीं चलेगी प्रधानों की मनमानी चलाना होगा मानक अनुरूप एमडीएम

सुपौल : जिले भर के विद्यालयों में संचालित एमडीएम योजना शुरुआती दिनों से ही विवादों में रही है. दरअसल एमडीएम योजना के माध्यम से सरकार द्वारा जहां विद्यालय में नामांकित बच्चों को पठन-पाठन के साथ समुचित तरीके से गुणवत्ता युक्त भोजन परोसे जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी. इसका एक उद्देश्य सरकारी विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति को बढ़ाना भी था. लेकिन जिले के कई विद्यालयों में इस योजना का समुचित तरीके से अनुपालन नहीं हो रहा है.

सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को लागू किये जाने बाद करोड़ों-अरबों की राशि खर्च विद्यालयों को सुसज्जित कराने का कार्य किया गया है. साथ ही प्रखंड से लेकर जिला स्तर पर अलग से एमडीएम कार्यालय का संचालन कराया गया. बच्चों को सप्ताह भर परोसे जाने वाले मिड डे मिल की तालिका भी विद्यालय प्रबंधन को उपलब्ध करायी गयी. ताकि नामांकित बच्चों को मानक अनुरूप एमडीएम योजना का लाभ मिल सके. लेकिन जिले में कई ऐसे विद्यालयों में समुचित तरीके से एमडीएम का संचालन नहीं हो पा रहा है. इसे विभागीय उदासीनता कहें या फिर कुछ और, लेकिन खामियाजा बच्चों को ही भुगतना पड़ रहा है. लेकिन विभागीय अधिकारियों की मानें तो योजना में सुधार के लिए नये सिरे से पहल आरंभ हुई है. जिससे योजना क्रियान्वयन को लेकर प्रधानों की मनमानी पर भी विराम लगेगा.
इंफ्रास्ट्रक्चर व शिक्षक की है कमी  : विभागीय आंकड़े के मुताबिक जिले भर के विद्यालयों में शिक्षा पाने की गरज से कुल 04 लाख 62 हजार 60 छात्र-छात्रा नामांकित हैं. जहां विभाग द्वारा छात्र व शिक्षक का अनुपात भी तैयार किया गया. ताकि बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया करायी जा सके. वही मानक के अनुरूप शिक्षा प्रदान कराने हेतु जिले भर में लगभग 15 हजार शिक्षकों की दरकार है. लेकिन आलम यह है कि जिले भर में कार्यरत शिक्षकों का आंकड़ा 10 हजार से भी नीचे है. जिसके कारण अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा वार भी शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. वहीं कई मध्य विद्यालय विषयवार शिक्षकों के अभाव से जूझ रहे हैं. यहां नामांकित बच्चे भूमि व भवन के अभाव में खुले आसमान के नीचे, बांस बाड़ी या फिर किसी निजी दरवाजे पर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. जो सरकार की स्वच्छता अभियान की पोल खोलती नजर आ रही है. जबकि स्वच्छता अभियान के तहत विद्यालयों में शौचालय व स्वच्छ पेयजल के नाम पर करोड़ों की राशि खर्च की गयी है.
एमडीएम योजना संचालन कराने हेतु प्रतिदिन स्थानीय शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों सहित कई आलाधिकारियों द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है. वही विभाग द्वारा भी दैनिकी दूरभाष सहित अन्य संसाधन के जरिये जानकारी हासिल की जा रही है. साथ ही गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित विद्यालय प्रधान के विरुद्ध कार्रवाई भी की जा रही है. बावजूद एमडीएम संचालन में कई विद्यालय प्रबंधनों की उदासीनता बरकरार है. गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन योजना राघवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा भी जिले के बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण किया गया. जहां कुछ विद्यालयों में उन्होंने एमडीएम का संचालन बंद पाया. वहीं 17 जनवरी को जिला शिक्षा पदाधिकारी मो हारुण ने सदर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय अमहा उत्तर के निरीक्षण के दौरान वे विद्यालय में अपराह्न 01 बजे तक एमडीएम नहीं बनाया गया था. इसी प्रकार योजना में गड़बड़ी के अन्य कई मामलों में भी कार्रवाई हो चुकी है.
जिले के कुछ विद्यालयों में कतिपय कारणों से एमडीएम योजना बाधित होने की जानकारी मिली है. एक सप्ताह पूर्व हमने प्रभार ग्रहण किया है. मिड डे मिल योजना से प्रभावित विद्यालयों में शीघ्र ही संचालन कराया जायेगा. साथ ही नियमानुकूल एमडीएम का संचालन नहीं किये जाने पर संबंधितों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी.
राघवेंद्र प्रताप सिंह, प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, एमडीएम

फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षक का नियोजन रद्द करने का आदेश

फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षक का नियोजन रद्द करने का आदेश
बक्सर। जिला अपीलीय प्राधिकार ने इटाढ़ी प्रखंड के अतरौना पंचायत में प्राथमिक विद्यालय सिकटौना में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षक शिव कुमार चौधरी का नियोजन रद्द करने का आदेश दिया है। साथ ही विभाग से अनुमति लेकर अपीलार्थी ओम प्रकाश का नियोजन करने के लिए कहा है। प्राधिकार के आदेश पर डीपीओ स्थापना द्वारा शिव कुमार चौधरी के प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई, जो जाली पाया गया। बता दें कि ओम प्रकाश द्वारा फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर 2006 में बहाल पंचायत शिक्षक शिव कुमार चौधरी का नियोजन रद्द करते हुए उक्त पद पर अपनी बहाली के लिए जिला अपीलीय प्राधिकार में अपील की गई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए प्राधिकार ने 21 दिसम्बर को यह आदेश दिया था।

जिप शिक्षकों के नियोजन पर लगा ब्रेक, बैठक में हुआ फैसला

मधुबनी। जिला परिषद माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन पैनल निर्माण समिति की बैठक समिति अध्यक्ष सह जिप अध्यक्ष शीला देवी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में सोमवार को हुई। जिसमें समिति सदस्य व जिला पार्षद उदय कुमार मंडल, डीडीसी सह जिप के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हाकिम प्रसाद, डीपीओ-स्थापना के प्रतिनिधि ने भाग लिया। बैठक में नियोजन प्रभारी पवन कुमार व सहायक रंधीर कुमार झा भी उपस्थित थे।
रोस्टर की भी समीक्षा
इस बैठक में जिप माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियोजन के लिए विचार-विमर्श किया गया। काउंसलिंग के उपरांत तैयार किए गए अंतिम मेधा सूची की समीक्षा इस बैठक में की गई। साथ ही बैठक में जिला परिषद माध्यमिक शिक्षक तथा जिला परिषद उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन के लिए तैयार की गई रिक्तियों संबंधी रोस्टर की भी समीक्षा की गई।
समीक्षा में यह पाया गया कि डीपीओ-स्थापना द्वारा जिप माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियोजन के लिए जो रोस्टर तैयार कर उपलब्ध कराई गई है, उसमें राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को 35 फीसद तथा स्वतंत्रता सेनानियों के तीसरी पीढ़ी (पोता, पोती, नाती, नतिनी) के लिए 02 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के प्रावधान का अनुपालन नहीं किया गया है।
जिस कारण रिक्तियों के लेकर तैयार की गई रोस्टर को सरकारी प्रावधान के अनुकूल नहीं पाया गया। इस कारण 25 जनवरी 2017 को निर्धारित नियोजन प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्णय लिया गया।

बहरहाल जिप माध्यमिक शिक्षक के 331 तथा जिप उच्चतर माध्यमिक शिक्षक के 670 रिक्त पदों पर नियोजन की प्रक्रिया स्थगित हो गई है। जिस कारण नियोजन का बाट जोह रहे अभ्यर्थियों को एक बार फिर मायूसी हाथ लगी है।

28 को शिक्षक देंगे धरना

सुपौल। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ गोप गुट सुपौल के जिला संयोजक हरिलाल यादव ने सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र में कार्यरत नियमित शिक्षक, नियोजित शिक्षक-शिक्षिकाओं से 28 जनवरी को जिला मुख्यालय में आयोजित एक दिवसीय धरना में भाग लेने का अपील किया है। उन्होंने कहा कि धरना के माध्यम से सरकार को मांगों के समर्थन में ज्ञापन भेजा जाएगा।

Big Breaking News : बिहार शिक्षक नियोजन : 24 Jan 2017

अथ् श्री ठेका वाले शिक्षक कथा by शिक्षा मित्र 2003

भाजपा से अलगाव के बाद सूबे के राजा रोज नई परेशानियों से घिरते नजर आ रहे हैं. बगहा में आदिवासियों पर पुलिस फायरिंग, बोधगया बम बलास्ट, मशरख मिड-डे मील कांड से उनकी किरकिरी हो चुकी है.

अब बिहार में नई नियमावली के तहत होगी शिक्षकों की बहाली!

अब बिहार में नई नियमावली के तहत होगी शिक्षकों की बहाली!
पटना। नई शिक्षक नियोजन नियमावली में राज्य शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार को दंडात्मक अधिकार मिलेंगे। पहले प्राधिकार के निर्णय की अवहेलना की शिकायतें मिलती थीं।

शिक्षकों के 14 हजार पदों पर बहाली जल्द , बीएसईबी को दिया तैयारी का निर्देश

पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरो शिक्षा विभाग ने राज्य के सरकारी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में 14 हजार रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया तेज कर दी है।

मुख्य विन्दु : बिहार शिक्षक नियोजन एवं सेवाशर्त नियमावली 2016

शिक्षक नियोजन एवं सेवाशर्त नियमावली २०१६ मुख्य विन्दु
१. स्नातक प्रतिष्ठा वाले का सम्बंधित विषय में नियोजन होने पर 5 बोनस अंक मिलेगा.

शिक्षक नियोजन 2008 के मुताबिक कर रहे नियुक्ति की मांग

आजमनगर :  बलरामपुर, कदवा प्रखंड में शिक्षक नियोजन 2008 के मुताबिक करने की मांग शिक्षक अभ्यर्थी कर रहे हैं. इस संबंध में हाइकोर्ट में एलपीए नंबर 858/212 जो 12 दिसंबर 2014 को निष्पादन होने के बावजूद भी आज तक नियोजन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जा सकी है.

मुजफ्फरपुर में पकड़े गये 335 फर्जी गुरुजी, मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू

मुजफ्फरपुर:  बिहार के मुजफ्फरपुर में टीईटी शिक्षकों की बहाली में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। फर्जी टीईटी प्रमाण-पत्र पर बहाल हुए कुल 335 ऐसे फर्जी शिक्षकों को शिक्षा विभाग की शुरूआती जांच में पकड़ा गया है।

खुशखबरी ! शिक्षा मंत्री का एलान बिहार में 9000 व्याख्याताओं की होगी बहाली

किशनगंज : इस वित्त वर्ष में शिक्षा का बजट लगभग 18,000 करोड़ का है. शिक्षा के मामले में हम उन राज्यों में है जहां हम शिक्षा के क्षेत्र में व्यय तो करते हैं, पर परिणाम संतोषजनक नहीं मिलते़  प्लस टू व कॉलेजों में शिक्षकों की काफी कमी है़ महाविद्यालयों में शिक्षक कहते हैं बच्चे अनुपस्थित रहते हैं तथा बच्चे कहते हैं

2.60 लाख में 417 शिक्षक निकले फर्जी , निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने पटना हाइकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट

PATNA: निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने पटना हाइकोर्ट को सौंपी रिपोर्ट में बताया है कि बिहार में फ् लाख, म्भ् हजार, क्भ्ख् नियोजित शिक्षकों में अब तक ख् लाख, म्0 हजार, ख्ब्ब् के प्रमाणपत्रों की जांच हो चुकी है। जिसमें ब्क्7 प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं।

फर्जीवाड़ा : बिना टीईटी के बहाल हो गए 275 शिक्षक

 छपरा। प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन की जांच कर रही निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को नियोजन में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आया है। सारण जिले में बिना टीईटी के करीब 275 अभ्यर्थी को शिक्षक बना दिया गया है।

डेढ़ साल से गायब है नौला विद्यालय की शिक्षिका

सहरसा। नौला पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय की एक शिक्षिका के लगभग डेढ़ साल से गायब रहने का मामला सामने आया है। गायब शिक्षिका के विरुद्ध लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने कार्रवाई का निर्देश बीडीओ सह सचिव शिक्षक नियोजन समिति को दिया है।

दो अभ्यर्थी को मिला नियोजन पत्र

सुपौल। स्थानीय सुपौल उच्च माध्यमिक विद्यालय सुपौल में एक समारोह आयोजित कर दो माध्यमिक शिक्षकों के बीच नियोजन पत्र दिया गया। जहां नगर पंचायत निर्मली व वीरपुर के एक-एक शिक्षकों के बीच नियोजन पत्र वितरण किया गया।

नियोजित शिक्षक अभियर्थियों की काउंसि¨लग 27 को

सहरसा। उच्च न्यायालय द्वारा मोबारकपुर पंचायत के नियोजित शिक्षकों का नियोजन रद किये जाने के बाद उक्त पंचायत में सभी अभ्यर्थियों की काउंसि¨लग 27 जनवरी को होगी।

जिप शिक्षकों के नियोजन पर लगा ब्रेक

मधुबनी। जिला परिषद माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन पैनल निर्माण समिति की बैठक समिति अध्यक्ष सह जिप अध्यक्ष शीला देवी की अध्यक्षता में उनके कार्यालय प्रकोष्ठ में सोमवार को हुई।

वकालत में फर्जीवाड़ा : काला चोगा पहने सचमुच वकील ही हो, इसकी कोई गारंटी नहीं ............

काला चोगा पहने हाथ में कानून की मोटी किताब उठाये कचहरी में घूमता-टहलता नजर आनेवाला शख्स सचमुच वकील ही हो, इसकी कोई गारंटी नहीं है. वह इस भेष में कोई ठग भी हो सकता है. दिलचस्प है कि उसकी ठगी सालों-साल बगैर रोक-टोक अदालतों में चलती भी रह सकती है.

तीन बार दक्षता परीक्षा फेल शिक्षकों को हटाने पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

क्या यही न्याय है ? और हम किसकी गुनाहों की सजा काट रहे है ?
पॉलिटिकल रिपोर्टर | पटना सुप्रीम कोर्ट ने 3 बार में भी दक्षता परीक्षा पास नहीं करने वाले नियोजित शिक्षकों को नौकरी से हटाने पर रोक लगा दी है। हाल की परीक्षा में करीब 2000 शिक्षक तीसरी बार भी फेल हो गए थे।

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