भागलपुर ' वरीय संवाददाता
सीबीएसई ने शिक्षकों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। वेबिनार के माध्यम से होने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद उन्हें प्रमाणपत्र के लिए परीक्षा भी देनी होगी।
नई शिक्षा नीति के सुझाव के अनुसार सीबीएसई स्कूलों के शिक्षकों के लिए सीपीडी (कंटिन्यूअस प्रोफेशनल डेवलपमेंट) कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें शिक्षकों को एक साल में 50 घंटे के इस वेबिनार में शामिल होना होगा। प्रत्येक वेबिनार एक-एक घंटे का होगा। इसमें शिक्षकों को विभिन्न क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसमें सीबीएसई स्कूल के कोई भी शिक्षक शामिल हो सकते हैं। इसमें शामिल होने के लिए सीट पहले से आरक्षित करानी होगी। सीमित सीट होने के कारण सीट फुल होने पर अगले वेबिनार में शामिल हो सकते हैं। इसमें कई वेबिनार तो नि:शुल्क हैं तो कुछ के लिए काफी कम राशि के शुल्क भी देने होंगे। इसे अनिवार्य तो नहीं किया गया है लेकिन करने के लिए सुझाव दिया गया है, ताकि शिक्षकों और छात्रों को इसका लाभ मिले। यह कार्यक्रम पूरी तरह ऑनलाइन है। जिला में 33 मान्यता प्राप्त स्कूल हैं। जिनके शिक्षक लाभान्वित हो सकते हैं।
कई क्षेत्रों में होंगे प्रशिक्षित:
नवयुग विद्यालय के प्रिंसिपल सुभोदीप डे ने बताया कि इसके माध्यम से शिक्षकों के कौशल विकास, अद्यतन और उन्नयन के लिए किया जा रहा है। इसके विभिन्न वेबिनार में कौशल विकास कार्यक्रम, जागरूकता, साइबर सुरक्षा, क्लासरूम टीचिंग, अनुशासन, कोविड बाद स्कूलों में पढ़ाई, व्यवहार कुशलता आदि की जानकारी दी जाएगी।
परीक्षा में शामिल होने पर मिलेगा प्रमाणपत्र :
इस कार्यक्रम में शामिल होने के तुरंत बाद उसी आधार पर विकल्पों वाले वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की एक प्रश्नावली मिलेगी। जिसका जवाब शिक्षकों को देना होगा। जिसके बाद सीबीएसई द्वारा शिक्षकों को प्रमाणपत्र देना होगा। सुभोदीप डे ने कहा कि इन प्रशिक्षण के प्रमाणपत्र से शिक्षकों को काफी लाभ होगा। वे जब भी किसी स्कूल में नौकरी के लिए जाएंगे और अपने बायोडाटा में ये प्रमाणपत्र दिखाएंगे तो उन्हें प्राथमिकता मिलेगी। इतना ही नहीं इस कार्यक्रम का उस स्कूल के शिक्षण पर भी सकारात्मक असर दिखेगा। इसलिए शिक्षकों को यह कार्यक्रम अवश्य करनी चाहिए। पिछले दिनों शुरू हुए इस कार्यक्रम में से वह अभी तक कुछ वेबिनार कर चुके हैं।
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इन कार्यक्रमों में शिक्षकों को शामिल होना चाहिए। इससे न सिर्फ शिक्षकों का कौशल विकास होगा बल्कि छात्रों की भी कुशलता बढ़ेगी। जिसका असर समाज पर भविष्य में दिखेगा। शिक्षकों को इसका बाद में भी लाभ मिल सकता है।
संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, भागलपुर