भागलपुर ' वरीय संवाददाता
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के नियोजन का मामला करीब दो साल से शुरू हुआ है और आज तक यह नियोजन नहीं हो सका है। करीब ढाई हजार से अधिक विद्यार्थियों को नियोजन का इंतजार है।
सरकारी स्कूलों की कक्षा एक से लेकर 12 वीं तक में शिक्षकों का नियोजन होना है। इसके लिए अलग-अलग विज्ञापनों द्वारा 2019 में नियोजन के लिए आवेदन पत्र लिया गया। इसके बाद नियोजन की प्रक्रियाएं शुरू हुईं। 2020 में मेधा सूची जनवरी में बन गया था। लेकिन होई कोर्ट की रोक के कारण यह मामला आगे नहीं बढ़ सका।
कोरोना ने भी किया नियोजन को प्रभावित:
अब कोरोना के कारण कोर्ट में अत्यावश्यक कार्यों के अलावा अन्य काम बाधित तो था ही लॉक डाउन होने से काम और भी प्रभावित हो गया है। इस मामले में भी आगे की कार्रवाई नहीं हो पा रही है। ऐसे में न तो शिक्षकों का नियोजन हो पा रहा है और न ही छात्रों को ही इसका लाभ मिल पा रहा है।
करीब ढाई हजार अभ्यर्थियों का होना नियोजन:
जानकारी हो कि प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में शिक्षकों के नियोजन में हाई कोर्ट का रोक लग गया था। इसमें काउंसिलिंग नहीं हुई है। इन प्रारंभिक विद्यालयों में कुल 2218 पदों पर नियोजन होना है। इसके लिए करीब दस हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन दिया था। वहीं माध्यमिक और और उच्चतर माध्यमिक के स्कूलों में नियोजन को लेकर काउंसिलिंग की प्रक्रिया भी पूर्ण हो गई है। इसके बाद चयन सूची निकाल कर नियोजन होना है। इसमें करीब 172 पदों पर शिक्षकों का नियोजन होना है। इसपर भी हाईकोर्ट का रोक अभी तक नहीं हटा है। इस नियोजन से कक्षा नौवीं से लेकर 12 वीं तक में शिक्षक मिल जाएंगे और छात्रों को विभिन्न विषयों में बाधित हो रही पढ़ाई से राहत मिलेगी। सभी कक्षाओं को मिला दिया जाए तो जिला में करीब ढाई हजार शिक्षकों का नियोजन होना है।
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जिला स्तर पर सारी तैयारियां हैं। कोरोना समाप्त होने और मुख्यालय से निर्देश मिलने के बाद से आगे की कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी। इससे न सिर्फ नियोजन होने से हजारों अभ्यर्थियों को रोजगार मिल जाएगा बल्कि छात्रों की भी पढ़ाई और अच्छे से होने लगेगी।
संयज कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, भागलपुर