भागलपुर, वरीय संवाददाता
जिले के 22 सौ नियमित शिक्षकों का वेतन बैंक में तो आता है, लेकिन वेतन खाता के बदले बचत खाता में आता है। विभागीय लापरवाही के कारण आज तक इन शिक्षकों का बचत खाता वेतन खाता में नहीं बदला गया। ऐस में ये शिक्षक कई तरह के लाभ नहीं उठा पाते हैं।
शिक्षकों का वेतन खाता खुल जाने पर उन्हें कई तरह के लाभ मिलते हैं। एसबीआई सिटी शाखा के प्रबंधक मनीष मिश्रा ने बताया कि वेतन खाता में दो महीने का वेतन ओवर ड्राफ्ट के रूप में मिल सकता है। जीरो बैलेंस पर खाता चलता है। जबकि सेविंग खाता में एक निश्चित न्यूनतम राशि नहीं रखने पर शुल्क लगता है। ऐसे खाताधारकों को एनईएफटी करने पर कोई शुल्क नहीं लगता है। इतना ही नहीं, ड्राफ्ट बनवाने पर भी कोई शुल्क नहीं लगता है। पर्सनल लोन लेने पर 0.5 फीसदी तक तो होम लोन पर भी 0.05 फीसदी तक छूट मिलती है। एसबीआई मुख्य शाखा के प्रबंधक गणेश प्रसाद मेहता ने बताया कि प्रोसेसिंग चार्ज पर भी छूट की सुविधा है। इंश्योरेंस के अलावा, कार लोन में 90 फीसदी तक लोन मिल जाता है जबकि अन्य में 85 फीसदी तक मिलता है। इसके अलावा भी कुछ अन्य सुविधाएं मिलती हैं।
प्रारंभिक माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष शेखर गुप्ता ने बताया कि नियोजित पंचायत प्रखंड शिक्षकों का वेतन बचत खाता में आता था, उसे दो साल पहले वेतन खाता में बदल दिया गया। इसमें करीब सात हजार शिक्षकों का खाता बदला गया। यह काम मुख्यालय के आदेश पर हुआ था। जबकि नियमित शिक्षकों का वेतन दशकों से बचत खाता में ही आ रहा है। इसमें बदलाव हो जाने से उनलोगों को कई लाभ मिलेंगे।
कोट
वेतन खाता से शिक्षकों को काफी लाभ मिलते हैं, लेकिन यह उनके आने के पहले से चल रहा है। इस बचत खाता को जल्द ही वेतन खाता में बदलवा दिया जाएगा।
संजय कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी, भागलपुर