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शिक्षकों को दिया गया गैर आवासीय प्रशिक्षण

 मधेपुरा। प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालयों में पांच अप्रैल से कैचअप कोर्स को लेकर सभी सीआरसी केंद्रों में शिक्षकों को एक दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण दिया गया।

प्रखंड संसाधन केंद्र चौसा में प्रखंड साधनसेवी दयाशंकर शर्मा, रामप्रकाश रेणु, आदर्श मध्य विद्यालय चौसा में प्रशिक्षण को संचालक सचिद्र पासवान, फुलौत संकुल में संचालक कृष्ण गोपाल पासवान, लौआलगान संकुल में संचालक प्रमोद पासवान, बशैठा संकुल में संचालक भैरवानंद योगी, कलासन संकुल में संचालक बंदना कुमारी, घोषई संकुल में संचालक अंगद कुमार सिंह ने दीप प्रज्ज्वलित व फीता काटकर उद्घाटन किया। चौसा संकुल में प्रशिक्षण दे रहे प्रशिक्षक सह समन्वयक विजय कुमार व भालचंद्र मंडल ने बताया कि कैचअप कोर्स से ऐसे बच्चे पढ़ेंगे जो शैक्षिक सत्र 2021-22 में दूसरी कक्षा से दसवीं कक्षा तक में नामांकित है। शिक्षा विभाग ने कोरोना काल में स्कूल बंदी के कारण बच्चों की पढ़ाई की क्षति की भरपाई के लिए 60 कार्य दिवसों का कैचअप कोर्स तैयार किया है। अप्रैल महीने से आरंभ होने वाले नए सत्र में नई कक्षा में जाने वाले विद्यार्थियों को पिछली कक्षा के पाठ्यक्रम पर आधारित चयनित पाठ पढ़ाया जाएगा। कैचअप कोर्स राज्य शैक्षिक शोध व प्रशिक्षण परिषद (एससीइआरटी) पटना ने विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की मदद से तैयार कराया है। तीन माह अर्थात (60 कार्य दिवस) का उक्त कोर्स की पढ़ाई की तैयारी को ले शिक्षा विभाग ने बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (बीईपी) को जिम्मा सौंपा है। इसके अंतर्गत प्रखंड में 25 से 26 मार्च के बीच यह प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है। संकुल मध्य विद्यालय लौआलगान में संचालक प्रमोद पासवान ने शिक्षक-शिक्षिका को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में एक वर्ष तक विद्यालय के छात्र-छात्रों का पठन-पाठन का कार्य पूरी तरह बाधित रहा। इसी को लेकर बिहार के शिक्षा विभाग ने पूर्व के वर्ग का कोर्स को तीन माह में पूर्ण करने के लिए कैच अप कोर्स के माध्यम से पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। संकुल मध्य विद्यालय फुलौत में संचालक कृष्ण गोपाल पासवान व समन्वयक सह प्रशिक्षक प्रमेंद्र कुमार ने कहा कि कोरोना काल मे घोषित लॉकडाउन के दौरान स्कूलों में तकरीबन एक वर्ष पठन-पाठन पूरी तरह प्रभावित रहा। ऐसे में अब शिक्षा विभाग ने कैचअप कोर्स की शुरुआत की है ताकि कम समय में बच्चों का कोर्स पूरा हो सके। 

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