सारण। लोकनायक जयप्रकाश प्रौद्यौगिकी संस्थान में सिविल इंजीनियरिग के छात्रों के लिए स्पेशल व्याख्यान का आयोजन किया गया। इसमें ऑनलाइन के माध्यम से आयोजित विशेष व्याख्यान में भागलपुर के सरकारी
इंजीनियरिग कॉलेज के सेवानिवृत्त प्राचार्य डॉ. निर्मल कुमार ने मिक्स डिजाइन एवं मॉर्डन कंस्ट्रक्शन प्रैक्टिसेज के बारे में विस्तार से पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी। व्याख्यान में भागलपुर के इंजीनियरिग कॉलेज के सेवानिवृत प्राचार्य डा. निर्मल कुमार ने कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों में अध्ययन के प्रति प्रेरित करते हैं। उन्होंने कंक्रीट मिक्स डिजाइन एवं मॉर्डन कंस्ट्रक्शन प्रैक्टिसेज पर जानकारी देते हुए कहा कि भविष्य में निर्माण की इस प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। जिससे कम से कम समय बड़ा से बड़ा भवन मजूबत बनेगा। व्याख्यान में आइआइटी दिल्ली के प्राध्यापक डा.नीरज झा ने भी कंक्रीट मिक्स डिजाइन व निर्माण की इस प्रक्रिया पर जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कंक्रीट बेस्ड निर्माण में पूरी गुणवत्ता व तैयार मिश्रण की मात्रा पर ध्यान दिया जाए तो निर्मित भवन की मजबूती का कहीं जोड़ नही मिलेगा। इसके पूर्व मुख्य वक्ताओं का स्वागत लोकनायक जयप्रकाश प्रौद्यौगिकी संस्थान के प्राचार्य प्रो.एसएन शर्मा ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने ऑनलाइन व्याख्यान को वर्तमान स्थिति में शिक्षा का सबसे सशक्त माध्यम बताया। उन्होंने व्याख्यान में शामिल होने वाले सभी छात्रों के साथ ही एक्सपर्ट वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर छपरा इंजीनियरिग कॉलेज की सोमा श्रीवास्तव समेत अन्य प्राध्यापक एवं विद्यार्थी मौजूद थे।माध्यमिक शिक्षक संघ का नहीं है कुटुंब एप
जागरण संवाददाता, छपरा : माध्यमिक शिक्षक संघ ने कोई भी कुटुंब एप जारी नहीं किया है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कुटुंब ऐप फर्जी है। जिसे कोई शिक्षक डाउनलोड कर मांगी गई सूचना न दे। इस संबंध में माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सह विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय एवं प्रभारी महासचिव विनय मोहन ने गुरूवार को संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि होली पर्व के बाद कुछ शरारती तत्वों के द्वारा सोशल मीडिया पर एक कुटुंब एप बना कर डाला गया है, जिसमें शिक्षकों से उनका पहचान पत्र डाउनलोड करने को लेकर भ्रामक प्रचार किया जा रहा है।इस एप में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के लोगो को गलत ढंग से बिना अनुमति प्राप्त किये इस्तेमाल किया गया है, जो न सिर्फ गलत है बल्कि साइबर अपराध की श्रेणी में भी आता है।