किशनगंज। बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिला इकाई द्वारा टाउन हॉल
के निकट सात फरवरी से अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया जाएगा। इस धरना का मूल
कारण शिक्षकों के समस्याओं का समय रहते उचित समाधान नही होना है।
यह जानकारी मंगलवार को शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रागीर्बुरहमान ने डीएम हिमांशु शर्मा को ज्ञापन सौंपने के बाद दी। उन्होंने बताया कि नियोजित शिक्षकों का प्रशिक्षण दिलवाने में काफी समय लग रहा है। जो शिक्षक प्रशिक्षक ले चुके हैं, उन्हें भी वेतन बढ़ोतरी का लाभ नही मिल पा रहा है। वर्षों से लंबित पड़े अनु्ग्रह राशि मृत शिक्षकों के आश्रितों को नही मिल पाया है। उनके आश्रितों के लिए अनुकंपा के आधार पर बहाली ही शुरु नहीं की गई है। प्रखंड और नगर के कई शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश, चिकित्सा अवकाश सहित लंबित वेतन का भुगतान नही हो पाया है। प्रारंभिक विद्यालयों में एमडीएम के लिए गैस का उपयोग किया जाता है। लेकिन राशि का भुगतान लकड़ी के वजन के हिसाब से किया जाना दुखद है। जिसकी वजह से शिक्षकों को आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। कई विद्यालयों में चहार दीवारी नही होने से बच्चों की सुरक्षा खतरे में रहती है। इसके अलावा कई प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के बैठने के लिए बैंच डेस्क भी जरुरत के अनुरुप नही हैं।
यह जानकारी मंगलवार को शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रागीर्बुरहमान ने डीएम हिमांशु शर्मा को ज्ञापन सौंपने के बाद दी। उन्होंने बताया कि नियोजित शिक्षकों का प्रशिक्षण दिलवाने में काफी समय लग रहा है। जो शिक्षक प्रशिक्षक ले चुके हैं, उन्हें भी वेतन बढ़ोतरी का लाभ नही मिल पा रहा है। वर्षों से लंबित पड़े अनु्ग्रह राशि मृत शिक्षकों के आश्रितों को नही मिल पाया है। उनके आश्रितों के लिए अनुकंपा के आधार पर बहाली ही शुरु नहीं की गई है। प्रखंड और नगर के कई शिक्षिकाओं को मातृत्व अवकाश, चिकित्सा अवकाश सहित लंबित वेतन का भुगतान नही हो पाया है। प्रारंभिक विद्यालयों में एमडीएम के लिए गैस का उपयोग किया जाता है। लेकिन राशि का भुगतान लकड़ी के वजन के हिसाब से किया जाना दुखद है। जिसकी वजह से शिक्षकों को आर्थिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। कई विद्यालयों में चहार दीवारी नही होने से बच्चों की सुरक्षा खतरे में रहती है। इसके अलावा कई प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के बैठने के लिए बैंच डेस्क भी जरुरत के अनुरुप नही हैं।