चार प्रखंडों में भवन निर्माण नहीं होने को लेकर चार शिक्षकों पर की गई
कार्रवाई का विरोध शुरू हो गया है। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ की ओर से
सोमवार को बैठक कर आदेश को वापस लेने की मांग की गई।
संघ के प्रधान सचिव भूपनारायण पांडेय, संयुक्त प्रधान सचिव रघुवंश प्रसाद सिंह, सचिव राजीव रंजन, कार्यालय सचिव चंद्रमोहन प्रसाद सिंह ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि जिला व राज्य संघ की ओर से तीन वर्षों से मांग की जा रही है कि गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को अलग किया जाए, लेकिन सरकार इसे नजरअंदाज कर उनसे गैर शैक्षणिक कार्य ले रही है। वहीं स्थानीय समस्या की अनदेखी कर उन्हें निलंबित किया जा रहा है। उन्हाेंने कहा, शिक्षकों की नियुक्ति पठन-पाठन के लिए की गई है न कि भवन निर्माण के लिए। भवन निर्माण में स्थानीय जन प्रतिनिधि व बिचौलियों-रंगदारों की ओर से मोटी राशि की मांग की जाती है। ऐसा नहीं करने पर शिक्षकों को बेवजह परेशान किया जाता है। उन्हाेंने कहा, उमावि अहियापुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में आशा कुमारी के रिटायरमेंट को देखते हुए डीईअाे खुद उन्हें भवन निर्माण कार्य से मुक्त कर चुके हैं। फिर भी उन्हें निलंबित किया गया है। शिक्षक नेताओं ने मांग की है कि अगर निलंबन आदेश वापस नहीं हुआ तो आंदोलन होगा।
संघ के प्रधान सचिव भूपनारायण पांडेय, संयुक्त प्रधान सचिव रघुवंश प्रसाद सिंह, सचिव राजीव रंजन, कार्यालय सचिव चंद्रमोहन प्रसाद सिंह ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि जिला व राज्य संघ की ओर से तीन वर्षों से मांग की जा रही है कि गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को अलग किया जाए, लेकिन सरकार इसे नजरअंदाज कर उनसे गैर शैक्षणिक कार्य ले रही है। वहीं स्थानीय समस्या की अनदेखी कर उन्हें निलंबित किया जा रहा है। उन्हाेंने कहा, शिक्षकों की नियुक्ति पठन-पाठन के लिए की गई है न कि भवन निर्माण के लिए। भवन निर्माण में स्थानीय जन प्रतिनिधि व बिचौलियों-रंगदारों की ओर से मोटी राशि की मांग की जाती है। ऐसा नहीं करने पर शिक्षकों को बेवजह परेशान किया जाता है। उन्हाेंने कहा, उमावि अहियापुर के प्रभारी प्रधानाध्यापक के रूप में आशा कुमारी के रिटायरमेंट को देखते हुए डीईअाे खुद उन्हें भवन निर्माण कार्य से मुक्त कर चुके हैं। फिर भी उन्हें निलंबित किया गया है। शिक्षक नेताओं ने मांग की है कि अगर निलंबन आदेश वापस नहीं हुआ तो आंदोलन होगा।