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जिले में अब भी जमे हैं कई फर्जी शिक्षक

सहरसा। जिले में अब भी कई फर्जी शिक्षक जमे हुए है। अब तक जिले में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करनेवाले करीब 90 शिक्षकों ने खुद त्याग पत्र दे दिया है। इसके बाद भी कई शिक्षक शिक्षा विभाग की आंखों में धूल झोंककर नौकरी कर रहे हैं। जिले में नियोजित शिक्षकों की संख्या करीब सात हजार से अधिक है।
वर्ष 2015 में हाई कोर्ट के निर्देश पर ही जिले ही नहीं पूरे बिहार में शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए निगरानी विभाग को जिम्मेवारी दी गई। निगरानी विभाग ने सहरसा में आकर इसकी जांच करनी शुरू कर दी। इसी बीच हाई कोर्ट के निर्देश पर ही 90 शिक्षकों ने अलग-अलग जगहों से त्याग पत्र दे दिया है। लेकिन इसके बाद भी कई शिक्षक फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर जमे हुए है। पिछले चार वर्षों के दौरान कई रिमांडर देने के बाद भी करीब 200 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का फोल्डर जमा नहीं हो पाया है। जिस कारण इन शिक्षकों के प्रति विभाग का संदेह बढता ही जा रहा है। हाल ही में जिले के महिषी प्रखंड के लिलजा गांव के ग्रामीणों ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करनेवाले मो. कमरे आलम पर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने की शिकायत शिक्षा विभाग के अधिकारियों से की है। ग्रामीणों ने हस्ताक्षरित आवेदन में कहा कि सलखुआ प्रखंड के कबीरपुर मध्य विद्यालय में फरवरी 2012 में ही मो. कमरे आलम की नियुक्ति हुई थी। नियुक्ति में डा. अम्बेदकर हिन्दी संस्कृत विद्यापीठ जोकिया बेगूसराय का प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है। शिक्षक प्रशिक्षण प्रमाण पत्र स्वतंत्र कोर्स के अंतगर्त है। जिसे संबंधित संस्था के सचिव के स्तर से ही निर्गत किया गया है, जो अवैध है। इसकी जांच अब तक पूरी नहीं हो पायी है। ग्रामीणों का दावा है कि इसकी जांच करायी जाए तो मामला का पर्दाफाश हो जाएगा।


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32 पंचायत सचिव के विरूद्ध दर्ज हो चुकी है प्राथमिकी
संबंधित पंचायत नियोजन समिति द्वारा निर्धारत समय तक शिक्षकों का फोल्डर जमा नहीं किए जाने पर वर्ष 2016 में ही 32 पंचायत सचिव के विरूद्ध विभिन्न थानों में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। इसके बाद भी फोल्डर उपलब्ध नहीं हो पाए है। क्योंकि पंचायत सचिव के पास शिक्षक नियोजन से संबंधित दस्तावेज ही नहीं है।
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2000 शिक्षकों की वैधता की हुई जांच
निगरानी विभाग के पास करीब 6800 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का फोल्डर जमा हो गया है। लेकिन निगरानी विभाग ने अब तक दो हजार शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की वैधता की जांच की गयी है। हालांकि अधिकांश प्रमाण पत्रों के वेरीफिकेशन में संबंधित विश्वविद्यालय व परीक्षा समिति के पास ही मामला अटका हुआ है।
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200 शिक्षकों का जमा नहीं हुआ फोल्डर
निगरानी विभाग नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कर रही है। करीब 200 शिक्षकों का फोल्डर जमा नहीं हो पाया है। शिकायत मिलने पर स्थानीय स्तर पर भी जांच की जाती है।

राहुल चन्द्र चौधरी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना

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