दरभंगा। दो प्रखंड और तीन पंचायत में बंटा भवानीपुर गांव विकास से कोसों
दूर है। इस गांव में अशिक्षा, बेरोजगारी और जर्जर सड़क मुख्य समस्याएं हैं।
गरीब मजदूरों का स्थिति दिन-प्रतिदिन बदहाल होती जा रही है। परिवार के
भरण-पोषण के लिए मजदूरों दूसरे प्रदेशों में पलायन को मजबूर हैं। पंचायत
भवन का उद्घाटन करीब छह माह पूर्व हो चुका है, लेकिन इसमें कार्य अभी तक
शुरू नहीं हो पाया है।
फर्नीचर और कम्प्यूटर आदि से जुड़ी फाइल पंचायती राज विभाग में फंसी हुई है। अस्पताल है, लेकिन एक एएनएम के भरोसे मरीजों का इलाज होता है। दवा बाहर से खरीदना पड़ता है। शिक्षा की स्थिति बद से बदतर हो गई है। कभी बाढ़, कभी सुखाड़, तो कभी शिक्षक नियोजन में गांव के हर विद्यालय से दो से तीन शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगा दिए जाने से शिक्षा व्यवस्था चौपट है। बच्चों को मिलने वाले मध्याह्न भोजन में गुणवत्ता का घोर अभाव है। पंचायत ओडीएफ हो चुका है, लेकिन लोगों को शत प्रतिशत लाभ नहीं मिल पाया है। सरकार की ओर से चल रही विभिन्न तरह की जनहितैषी योजनाएं पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो रही है। कई लोगों को पेंशन नहीं मिल रहा है। पंचायत सेवक को यह काम करना था, लेकिन तीन पंचायतों की जिम्मेदारी एक पंचायत सेवक पर होने से लोग प्रभावित हैं। किसान का रसीद नहीं कट रहा है, क्योंकि अंचल में तीन ही कर्मचारी हैं। इन पर 26 पंचायतों की जिम्मेवारी है। किराए के लोगों के भरोसे कार्यालय चल रहा है। खासकर मृत्यु और जन्म प्रमाण पत्र के लिए लोग प्रखंड से पंचायत तक चक्कर काटते रहते हैं। दैनिक जागरण टीम गांव की पाती अभियान के तहत भवानीपुर गांव पहुंची तो लोगों ने बेबाकी से अपनी समस्याएं साझा की। अरुण कुमार चौधरी, सेवानिवृत्त शिक्षक परमानंद मिश्र, कुलानंद मिश्र, तारानंदन ठाकुर, जीवछ सदा, जोगी मंडल, बैजू नायक, रघुनंदन राम, अशोक कमती, मदन कमती, बबलू मिश्रा, लंबोदर मंडल, बाल गोविद मंडल, कमल किशोर मिश्र आदि ने कहा कि पूर्व में यह गांव राजनीति का शिकार हो गया था। इससे गांव तीन पंचायतों में बांट दी गई। इससे गांव का विकास अवरुद्ध हो चुका है। बेरोजगारी इतनी बढ़ गई है कि पढ़े-लिखे हों या मजदूर वर्ग के लोग, दूसरे प्रदेशों में जाने को मजबूर हैं। एक गांव से दूसरे गांव को जोड़ने वाली भवानीपुर यज्ञ स्थल से कसरौर, नवटोल कहुआ में आज भी अंग्रेज जमाने की कच्ची सड़क पर लोग चलने को मजबूर हैं। चुनाव के समय वादे होते हैं, लेकिन जीतने के बाद एक भी जनप्रतिनिधि इन सड़कों के निर्माण में कोई रूचि नहीं ले पा रहे। जलजमाव की स्थिति विकराल है। पंचायत में गर्ल्स हाईस्कूल की स्थापना को लेकर स्थानीय लोग हमेशा आवाज उठाते रहे हैं, लकिन आश्वासन के अलावा आज तक कुछ ना मिला। लोगों का मानना है कि भवानीपुर यज्ञ स्थल की सरकारी भूमि कई एकड़ में फैली है। इस जगह पर गर्ल्स हाईस्कूल बनने से बिटिया सुरक्षित होंगी। लोग चाहते हैं कि पंचायत भवन में बैंक की शाखा स्थापित होने से आए दिन होने वाली छिनतई की घटनाओं पर रोक लगेगी।
फर्नीचर और कम्प्यूटर आदि से जुड़ी फाइल पंचायती राज विभाग में फंसी हुई है। अस्पताल है, लेकिन एक एएनएम के भरोसे मरीजों का इलाज होता है। दवा बाहर से खरीदना पड़ता है। शिक्षा की स्थिति बद से बदतर हो गई है। कभी बाढ़, कभी सुखाड़, तो कभी शिक्षक नियोजन में गांव के हर विद्यालय से दो से तीन शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगा दिए जाने से शिक्षा व्यवस्था चौपट है। बच्चों को मिलने वाले मध्याह्न भोजन में गुणवत्ता का घोर अभाव है। पंचायत ओडीएफ हो चुका है, लेकिन लोगों को शत प्रतिशत लाभ नहीं मिल पाया है। सरकार की ओर से चल रही विभिन्न तरह की जनहितैषी योजनाएं पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो रही है। कई लोगों को पेंशन नहीं मिल रहा है। पंचायत सेवक को यह काम करना था, लेकिन तीन पंचायतों की जिम्मेदारी एक पंचायत सेवक पर होने से लोग प्रभावित हैं। किसान का रसीद नहीं कट रहा है, क्योंकि अंचल में तीन ही कर्मचारी हैं। इन पर 26 पंचायतों की जिम्मेवारी है। किराए के लोगों के भरोसे कार्यालय चल रहा है। खासकर मृत्यु और जन्म प्रमाण पत्र के लिए लोग प्रखंड से पंचायत तक चक्कर काटते रहते हैं। दैनिक जागरण टीम गांव की पाती अभियान के तहत भवानीपुर गांव पहुंची तो लोगों ने बेबाकी से अपनी समस्याएं साझा की। अरुण कुमार चौधरी, सेवानिवृत्त शिक्षक परमानंद मिश्र, कुलानंद मिश्र, तारानंदन ठाकुर, जीवछ सदा, जोगी मंडल, बैजू नायक, रघुनंदन राम, अशोक कमती, मदन कमती, बबलू मिश्रा, लंबोदर मंडल, बाल गोविद मंडल, कमल किशोर मिश्र आदि ने कहा कि पूर्व में यह गांव राजनीति का शिकार हो गया था। इससे गांव तीन पंचायतों में बांट दी गई। इससे गांव का विकास अवरुद्ध हो चुका है। बेरोजगारी इतनी बढ़ गई है कि पढ़े-लिखे हों या मजदूर वर्ग के लोग, दूसरे प्रदेशों में जाने को मजबूर हैं। एक गांव से दूसरे गांव को जोड़ने वाली भवानीपुर यज्ञ स्थल से कसरौर, नवटोल कहुआ में आज भी अंग्रेज जमाने की कच्ची सड़क पर लोग चलने को मजबूर हैं। चुनाव के समय वादे होते हैं, लेकिन जीतने के बाद एक भी जनप्रतिनिधि इन सड़कों के निर्माण में कोई रूचि नहीं ले पा रहे। जलजमाव की स्थिति विकराल है। पंचायत में गर्ल्स हाईस्कूल की स्थापना को लेकर स्थानीय लोग हमेशा आवाज उठाते रहे हैं, लकिन आश्वासन के अलावा आज तक कुछ ना मिला। लोगों का मानना है कि भवानीपुर यज्ञ स्थल की सरकारी भूमि कई एकड़ में फैली है। इस जगह पर गर्ल्स हाईस्कूल बनने से बिटिया सुरक्षित होंगी। लोग चाहते हैं कि पंचायत भवन में बैंक की शाखा स्थापित होने से आए दिन होने वाली छिनतई की घटनाओं पर रोक लगेगी।