बांका। फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल धोरैया के दो दर्जन शिक्षकों पर निगरानी
ब्यूरो की प्राथमिकी के बाद धोरैया में खलबली मच गई है। इसमें शामिल लोग अब
अपनी गर्दन बचाने के लिए जमानत के लिए भी जुट गये हैं। इसके लिए वे
अधिवक्ता से सलाह ले रहे हैं। सोमवार को अखबार में खबर प्रकाशित होते ही
सबसे अधिक बेचैनी पंचायत सचिवों दिखी। कई पंचायत अभी बांका जिला में ही
किसी दूसरे पंचायत का काम देख रहे हैं।
वहीं दो पूर्व प्रमुख और आधा दर्जन पूर्व मुखिया के नामजद होने पर उसकी भी हालत खराब है। किसी को यह अंदाज भी नहीं था कि बहाली के इतने दिनों बाद निगरानी शिक्षक नियोजन की जांच कराएगी। शिक्षा विभाग के अधिकारी से नियोजित शिक्षकों की सारी कागजात मांगी गई, तो इस दौरान कई शिक्षक अपना त्यागपत्र दे दिया। लेकिन निगरानी जांच कराने की बात को लेकर बहुत फर्जी शिक्षकों ने इसे डराने की बात मानते हुए फर्जी होकर भी त्यागपत्र नहीं दिया। जिसकी सजा आज उन्हें मिली है। सोमवार को दिन भर बीआरसी में जुटे शिक्षकों के बीच इसकी ही चर्चा होती रही। जानकारी के अनुसार प्रखंड व पंचायत शिक्षक नियोजन में बीडीओ के साथ प्रमुख, पंचायत सचिव और मुखिया ने जमकर मनमानी की। पंचायतों में मुखिया अपने परिजनों में शिक्षक की नौकरी रेवड़ी की तरह बांटी। प्रखंड में दो दर्जन से अधिक फर्जी शिक्षक के पकड़ में आने के बाद इसकी बहाली का एक-एक राज खुलने लगा है। धोरैया में सामने आये कई शिक्षकों में प्रमाण पत्र ही नहीं बल्कि, चेहरा भी फर्जी होने की बात सामने आयी है। निगरानी ब्यूरो जिला के बेलहर और चांदन प्रखंड के शिक्षकों की भी जांच पूरी कर चुकी है। जल्द ही उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी।
वहीं दो पूर्व प्रमुख और आधा दर्जन पूर्व मुखिया के नामजद होने पर उसकी भी हालत खराब है। किसी को यह अंदाज भी नहीं था कि बहाली के इतने दिनों बाद निगरानी शिक्षक नियोजन की जांच कराएगी। शिक्षा विभाग के अधिकारी से नियोजित शिक्षकों की सारी कागजात मांगी गई, तो इस दौरान कई शिक्षक अपना त्यागपत्र दे दिया। लेकिन निगरानी जांच कराने की बात को लेकर बहुत फर्जी शिक्षकों ने इसे डराने की बात मानते हुए फर्जी होकर भी त्यागपत्र नहीं दिया। जिसकी सजा आज उन्हें मिली है। सोमवार को दिन भर बीआरसी में जुटे शिक्षकों के बीच इसकी ही चर्चा होती रही। जानकारी के अनुसार प्रखंड व पंचायत शिक्षक नियोजन में बीडीओ के साथ प्रमुख, पंचायत सचिव और मुखिया ने जमकर मनमानी की। पंचायतों में मुखिया अपने परिजनों में शिक्षक की नौकरी रेवड़ी की तरह बांटी। प्रखंड में दो दर्जन से अधिक फर्जी शिक्षक के पकड़ में आने के बाद इसकी बहाली का एक-एक राज खुलने लगा है। धोरैया में सामने आये कई शिक्षकों में प्रमाण पत्र ही नहीं बल्कि, चेहरा भी फर्जी होने की बात सामने आयी है। निगरानी ब्यूरो जिला के बेलहर और चांदन प्रखंड के शिक्षकों की भी जांच पूरी कर चुकी है। जल्द ही उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करायी जाएगी।