पहली प|ी को तलाक दिए बिना दूसरी शादी, दूसरी प|ी का गलत जाति प्रमाण बनाकर
नियोजन करवाने, दो शादी और पहली प|ी से तलाक की अर्जी के केस में शिक्षक
द्वारा किसी अन्य महिला को पहली प|ी के स्थान पर खड़ा कर फर्जी सुलहनामा कर
फर्जी तलाक को मंजूर कर लेना के आरोप में मध्य विद्यालय गुलाबबाग के
शिक्षक सुबोध कुमार यादव को बर्खास्त कर दिया गया है।
इसके लिए आदेश डीईओ कार्यालय ने जारी कर दिया है। शिक्षक का कहना है कि विभागीय कार्रवाई से पहले मेरा पक्ष नहीं लिया गया है। उधर, मामले में हाल ही में ज्वाइन करने वाले डीईओ श्यामबाबू राम ने कहा कि उन्हें फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है। यह पहले का मामला है। आदेश में बताया गया है कि मध्य विद्यालय गुलाबबाग के शिक्षक विरुद्ध गठित आरोपों के तहत विभागीय कार्रवाई संचालन पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा पूर्णिया ने शिक्षक द्वारा सौंपे गए द्वितीय कारणपृच्छा की समीक्षा के बाद नियम के तहत यह कार्रवाई की गई है। उधर, मामले में विभागीय कार्रवाई को रद्द करने के लिए सुबोध कुमार ने उच्च न्यायालय पटना में याचिका दायर की। इसमें बर्खास्तगी को निरस्त करने की याचना की गई, लेकिन हाईकोर्ट से याचिका रद्द कर दी गई। इसमें अब जाकर विभागीय कार्रवाई शुरू हुई है। इस दौरान शिक्षक स्कूल जाते रहे। बर्खास्तगी आदेश की प्रति उनके पदस्थापित विद्यालय के पते पर निबंधित डाक के माध्यम से भेजा गया था। डाकिया ने उक्त डाक पत्र पर नॉट मीट ड्यू टू लीव अंकित कर वापस कर दिया। शिक्षक सुबोध कुमार यादव ने कहा कि विभागीय कार्रवाई करने से पहले मेरा पक्ष नहीं लिया गया। मैं इस आदेश के खिलाफ में आरडीडीई के पास अपील में गया हूं। वर्तमान डीईओ से मिलकर सारी बातों से अवगत करा दिया है।
इसके लिए आदेश डीईओ कार्यालय ने जारी कर दिया है। शिक्षक का कहना है कि विभागीय कार्रवाई से पहले मेरा पक्ष नहीं लिया गया है। उधर, मामले में हाल ही में ज्वाइन करने वाले डीईओ श्यामबाबू राम ने कहा कि उन्हें फिलहाल इसकी जानकारी नहीं है। यह पहले का मामला है। आदेश में बताया गया है कि मध्य विद्यालय गुलाबबाग के शिक्षक विरुद्ध गठित आरोपों के तहत विभागीय कार्रवाई संचालन पदाधिकारी सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारी माध्यमिक शिक्षा पूर्णिया ने शिक्षक द्वारा सौंपे गए द्वितीय कारणपृच्छा की समीक्षा के बाद नियम के तहत यह कार्रवाई की गई है। उधर, मामले में विभागीय कार्रवाई को रद्द करने के लिए सुबोध कुमार ने उच्च न्यायालय पटना में याचिका दायर की। इसमें बर्खास्तगी को निरस्त करने की याचना की गई, लेकिन हाईकोर्ट से याचिका रद्द कर दी गई। इसमें अब जाकर विभागीय कार्रवाई शुरू हुई है। इस दौरान शिक्षक स्कूल जाते रहे। बर्खास्तगी आदेश की प्रति उनके पदस्थापित विद्यालय के पते पर निबंधित डाक के माध्यम से भेजा गया था। डाकिया ने उक्त डाक पत्र पर नॉट मीट ड्यू टू लीव अंकित कर वापस कर दिया। शिक्षक सुबोध कुमार यादव ने कहा कि विभागीय कार्रवाई करने से पहले मेरा पक्ष नहीं लिया गया। मैं इस आदेश के खिलाफ में आरडीडीई के पास अपील में गया हूं। वर्तमान डीईओ से मिलकर सारी बातों से अवगत करा दिया है।