जमुई। बालक-बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने के लिए सरकार ने भले ही कई लाभकारी योजनाएं चला रखी हो कितु जमीनी हकीकत कुछ और ही है। आधुनिक दौर में भी स्कूली छात्र-छात्राएं मूलभूत सुविधाओं से महरूम हैं। इतना ही नहीं, उन्हें पढ़ाने के लिए विद्यालय में कई विषयों के शिक्षक भी उपलब्ध नहीं है जिसके कारण शिक्षा विभाग द्वारा किए गए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के दावे खोखले नजर आ रहे हैं।
ऐसे ही विद्यालयों में से प्लस टू जनता हाईस्कूल अलीगंज सोनखार है। प्लस टू हाईस्कूल अलीगंज सोनखार विद्यालय की स्थापना 1964 में हुई थी और प्लस टू का दर्जा 2009 में मिला है। इस विद्यालय में कुल नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या 1364 है। यहां माध्यमिक में कुल 13 शिक्षक हैं एवं उच्चतर माध्यमिक में 14 की जगह पर मात्र 4 शिक्षक ही पदस्थापित हैं। इसके अलावा पुस्ताकालयाध्यक्ष तथा एक प्रयोगशाला सहायक एवं लिपिक का पद रिक्त है। उच्चतर माध्यमिक के लिए 10 शिक्षकों का पद रिक्त है। साथ ही कम्प्यूटर शिक्षक का भी अभाव है, जबकि शारीरिक शिक्षक हैं।
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शुद्ध पेयजल की नहीं है व्यवस्था :
विद्यालय में छात्रों को शुद्ध पेयजल के नाम पर मात्र एक चापाकल है। बच्चों की संख्या ज्यादा होने के कारण चापाकल पर अक्सर भीड़ लग जाती है। छात्रों को विद्यालय से बाहर जाकर अपनी प्यास बुझानी पड़ती है। पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से खासकर छात्राओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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शौचालय में नहीं है पानी की व्यवस्था :
विद्यालय में छात्रों की संख्या को ध्यान में रखते हुए पांच शौचालय बनाए गए हैं लेकिन एक में भी पानी की व्यवस्था नहीं है जिस कारण छात्रों के साथ यहां के शिक्षकों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ता है। संयोग से यदि किसी को शौच लग जाए तो उन्हें चापाकल से पानी भरकर ले जाना पड़ता है।
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कहते हैं प्राचार्य
प्रभारी प्रधानाध्यापक सुरेश प्रसाद ने कहा कि शिक्षकों की कमी है। इस संबंध में विभाग को लिखा गया है। साथ ही भवन जर्जर रहने की भी जानकारी वरीय पदाधिकारी को दी गई है।
Posted By: Jagran
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