बच्चों को संविधान में लिखित मौलिक अधिकारों के बारे में कैसे बतलाएंगे जबकि सरकार संविधान में लिखित बातों को प्रयोग अपने हित को ध्यान में रखकर करती है और आमजनों को उसका फायदा उठाने के लिए कोर्ट के मकरजाल में फंसा दिया जाता है ।ऐसे में शिक्षक बच्चों को हमारे देश के संविधान की शिक्षा कैसे देंगे क्योंकि इसके नियम का दोहन स्वयं सरकार ही करती है और लोगों का शोषण करती है ,।ऐसे में सरकार द्वारा जनतांत्रिक लोकतंत्र की स्थापना की बात करना एक लोक कल्याणकारी राज्य में बेइमानी स्वरुप है ।
इस परिस्थिति में कैसी हमारी भावी पीढ़ी का निर्माण होगा इसका स्वत: अंदाजा लगाया जा सकता है। Rahul Kumar ,Katihar ,Nps kabar