समान वेतन को हर साल 15000 करोड़ और चाहिए
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि समान वेतन देने पर प्रति साल 15000 करोड़ अतिरिक्त चाहिए। विदित है कि फिलहाल नियोजित शिक्षकों के वेतन पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।
इसमें से करीब 7200 करोड़ रुपए सर्वशिक्षा अभियान के तहत नियोजित किए गए शिक्षकों पर तथा शेष राशि राज्य योजना मद से भुगतान पाने वाले शिक्षकों के वेतन पर खर्च है। समान वेतन के बाद यह राशि 25000 करोड़ सालाना हो जाएगी, जो शिक्षा विभाग के बजट के बराबर है।
3.69 लाख नियोजित शिक्षक हैं राज्य में
फिलहाल राज्य में करीब 3 लाख 69 हजार नियोजित शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष हैं। इनमें 3.19 लाख शिक्षक प्रारंभिक कक्षाओं में, जबकि करीब 50 हजार हाईस्कूल, प्लसटू शिक्षक तथा पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में नियोजित हैं। 3.19 प्रारंभिक शिक्षकों में से 2 लाख 53 हजार सर्वशिक्षा अभियान के तहत कार्यरत हैं। इनके वेतन भुगतान में 60 फीसदी राशि केन्द्र सरकार जबकि 40 फीसदी राशि राज्य सरकार को देनी होती है। दूसरी तरफ 66 हजार ऐसे नियोजित शिक्षक हैं जिनके वेतन पर शत-प्रतिशत राशि राज्य सरकार खर्च करती है।
मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि समान वेतन देने पर प्रति साल 15000 करोड़ अतिरिक्त चाहिए। विदित है कि फिलहाल नियोजित शिक्षकों के वेतन पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।
इसमें से करीब 7200 करोड़ रुपए सर्वशिक्षा अभियान के तहत नियोजित किए गए शिक्षकों पर तथा शेष राशि राज्य योजना मद से भुगतान पाने वाले शिक्षकों के वेतन पर खर्च है। समान वेतन के बाद यह राशि 25000 करोड़ सालाना हो जाएगी, जो शिक्षा विभाग के बजट के बराबर है।
3.69 लाख नियोजित शिक्षक हैं राज्य में
फिलहाल राज्य में करीब 3 लाख 69 हजार नियोजित शिक्षक और पुस्तकालयाध्यक्ष हैं। इनमें 3.19 लाख शिक्षक प्रारंभिक कक्षाओं में, जबकि करीब 50 हजार हाईस्कूल, प्लसटू शिक्षक तथा पुस्तकालयाध्यक्ष के रूप में नियोजित हैं। 3.19 प्रारंभिक शिक्षकों में से 2 लाख 53 हजार सर्वशिक्षा अभियान के तहत कार्यरत हैं। इनके वेतन भुगतान में 60 फीसदी राशि केन्द्र सरकार जबकि 40 फीसदी राशि राज्य सरकार को देनी होती है। दूसरी तरफ 66 हजार ऐसे नियोजित शिक्षक हैं जिनके वेतन पर शत-प्रतिशत राशि राज्य सरकार खर्च करती है।