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होली ईद और दीपावली जैसे पर्व पर तीन तीन चार चार माह के बकाए वेतन पर सरकार की राजनीति!!

यही तमाशा आरंभ से देखता सुनता और करता भी आ रहा हूं! होली ईद और दीपावली जैसे पर्व पर तीन तीन चार चार माह के बकाए वेतन पर सरकार की राजनीति!!

!!!!!!!!!ईद!!!!!!
रूठ गयी सेवई रामजान भी बीत गया,
हार गया शिक्षक,सिस्टम जीत गया!!
शिक्षको का वेतन बिकाऊ अखबारो की
सुर्खियां बन कर रह गयी
ईद की खुशीया और तैयारियां
आंखो से आंसू बनकर बह
गयी!!
घूमता रहा मुफलिस
बाजार की रौनको मे बेबस सी सूरत लिए हुए:
चीखती रही घर की दीवारे
त्योहारो की जरुरत लिए हुए!
पढता रहा रोज पूर्णानंद बेचैनी से
अपने वेतन को बस अखबार मे
नजरे चुराकर बैठा रहा खुद अपने ही परिवार मे!!
बच्चो की अपेक्षाएं,बेगम की उम्मीदो से खेलता रह गया
अब्बा अम्मी के हसरतो का गला घोंट कर
मुसीबतो को झेलता रह गया!!
कैसे मनाऊ ईद रामजान के पाक महिने मे
तीन माह की सैलरी दबी है
वाहियात सिस्टम के सीने में!!
कहां है वो अखबार वाले"
जो हमारे तोहफे को मुख्य पृष्ठ पर छापते है!
नाचते है सरकार के ईशारे पर
हकीकत लिखने से कांपते है!!
बना सकते है तो बनाइये एक खबर यह भी::::::शीर्षक मै देता हूँ!!
!! उम्मीदो का सागर फिर से सूखा रह गया:
वो देते रहे इफ्तार की पार्टी उधर,
इधर ईद के दिन भी शिक्षक भूखा रह गया!!!!
🙏🙏🙏🌹🌷 *ईद की अग्रिम शुभकामनाएं*🌹🌷🙏🙏🙏🙏🙏

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