94 फीसदी रिजल्ट, फिर भी अभिभावकों को पसंद नहीं सरकारी स्कूल

पटना : नामांकन में 50 हजार रुपये तो ट्यूशन फीस पर एक साल में लगभग 24 हजार खर्च हो जाता है. इसके अलावा साल भर कुछ ना कुछ चार्जेज स्कूल वाले लेते हैं, लेकिन जब रिजल्ट आता है तो प्राइवेट स्कूल नीचे के पायदान पर होता है. ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि सीबीएसइ 10वीं और 12वीं के रिजल्ट समीक्षा में ये बात सामने आयी है.

पिछले पांच साल की बात करें तो प्राइवेट स्कूल का रिजल्ट हर साल सरकारी स्कूलों के मुकाबले कम होता जा रहा है. 2013 से 2017 में प्राइवेट स्कूल का रिजल्ट औसतन 75 फीसदी के लगभग रहा है वहीं नवाेदय और केंद्रीय विद्यालय का रिजल्ट 94 फीसदी के लगभग रहा है. बेहतर रिजल्ट देने के बाद भी सरकारी स्कूल के प्रति अभिभावकों का झुकाव नहीं है.
 
क्वालिटी वाले शिक्षक, नियमित क्लास, फिर भी नामांकन से दूर : नवोदय विद्यालय में सालाना दो हजार रुपये का खर्च आता है. केंद्रीय विद्यालय में भी शुल्क कम है. इन स्कूलों में सारे शिक्षक ट्रेंड और पीजीटी वाले होते हैं, लेकिन फिर भी अभिभावक मोटी रकम देकर प्राइवेट स्कूलों में बच्चे के नामांकन के लिए बेचैन होते हैं. सीबीएसइ पटना रीजन के रिजनल आॅफिसर एलएल मीणा की मानें तो प्राइवेट स्कूलों में एडहॉक पर शिक्षकों की बहाली होती है, जो समय-समय पर बदलते रहते हैं, इस वजह से रिजल्ट में गिरावट आ रही है. 
 
25 सालों से टॉप पर है नवोदय विद्यालय का रिजल्ट
नवोदय विद्यालय स्थापना के तीन चार सालों के बाद से अब तक रिजल्ट देने में टॉप पर रहा है. 1992 से लेकर 2017 तक के 10वीं और 12वीं के रिजल्ट में नवोदय विद्यालय का पास परसेंटेज 96 के उपर ही रहा है. कुछ एेसा ही योगदान केंद्रीय विद्यालय का भी रहता है. नवाेदय विद्यालय से दो या तीन पायदान ही कम केेंद्रीय विद्यालय का रिजल्ट होता है. 
 
हर साल घट रहा है प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट
प्राइवेट स्कूलों के रिजल्ट की बात करें तो हर साल रिजल्ट में पास परसेंटेज कम हो रहा है. पटना जोन के प्राइवेट स्कूलों में 2015 में जहां 76.03 फीसदी विद्यार्थी 12वीं में पास हुए थे वहीं 2016 में रिजल्ट 75.61 फीसदी पर रह गया. 2017 में प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट देखें तो 74 फीसदी ही प्राइवेट स्कूलों की रिजल्ट रह पाया है. पटना के कई बड़े स्कूलों का रिजल्ट 2017 में काफी खराब रहा है.
 
पिछले पांच सालों में पटना जोन के प्राइवेट स्कूलों का रिजल्ट
साल पास परसेंटेज 
2013 76.06 फीसदी 
2014 75.33 फीसदी 
2015 76.04 फीसदी 
2016 75.61 फीसदी 
2017 74 फीसदी
पिछले पांच सालों में पटना जोन के नवोदय विद्यालय का रिजल्ट 
साल पास परसेंटेज 
2013 98.06 फीसदी 
2014 97.33 फीसदी 
2015 96.76 फीसदी 
2016 95.16 फीसदी 
2017 98 फीसदी 
पिछले पांच सालों पटना जोन के केंद्रीय विद्यालय का रिजल्ट
साल पास परसेंटेज 
2013 91.56 फीसदी 
2014 92.34 फीसदी 
2015 93.54 फीसदी 
2016 92.90 फीसदी 
2017 94 फीसदी 
 
नवोदय विद्यालय में आधारभूत संरचना का पूरा ख्याल रखा जाता है. हर विद्यार्थी पर फोकस होता है. असर रिजल्ट पर दिखता है. 
सीबी सिंह, पूर्व प्राचार्य, नवोदय विद्यालय
 
शिक्षकों को बेहतर पढ़ाने पर प्रोत्साहन स्वरूप इनाम व सम्मान मिलता है. इससे शिक्षक पूरी लगन के साथ पढ़ाते हैं.  
एस वल्लभ, प्राचार्य, केंद्रीय विद्यालय, बेली रोड 
 
प्राइवेट स्कूलों में एडहॉक पर दो से तीन हजार में शिक्षकों को रखा जाता है. इससे क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल पाता है. 

एलएल मीणा, रीजनल ऑफिसर, सीबीएसइ

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