पटना।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. प्रेम कुमार ने आरोप लगाया है कि
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार में राज्य की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह
से ध्वस्त हो गयीं वहीं सरकार चुप बैठी हुई है । राज्य में शिक्षकों की
हड़ताल के कारण इंटरमीडिएट के 14 लाख छात्रों एवं लाखों मैट्रिक की
परीक्षाओं की कॉपियों का मूल्यांकन नहीं हो पा रहा है। इन शिक्षकों के
खिलाफ सरकार ने कार्रवाई करने की धमकी दी है। भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम
कुमार ने कहा कि शिक्षकों को समान काम समान वेतन सरकार नहीं दे रही है ।
राज्य में शिक्षा के नाम पर घोटाले ही घोटाले हो रहे हैं, जिनमें टॉपर्स
घोटाल, कॉपी घोटाला, छात्रवृति घोटाला, पुस्तक घोटाले शामिल हैं। इससे तो
यही लगता है कि राज्य का शिक्षा विभाग घोटालों का विभाग बन गया है । सूबे
की शिक्षा प्रणाली पूरी तरह चौपट है। वहीं, छात्रों एवं शिक्षकों का भविष्य
अंधकार में डूबा हुआ है। डॉ. कुमार ने कहा कि नियोजित शिक्षकों, वित्त
रहित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतन दिए जाएं।
बिहार इंटरमीडिएट शिक्षक एवं
शिक्षकेत्तर कर्मचारी महासंघ, की मांगों को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं।
उन्होंने अपनी मांगों को लेकर कॉपी मूल्यांकन का भी बहिष्कार किया। इसके
कारण लाखों छात्रों का भविष्य अंधकारमय बना हुआ है । डॉ. कुमार ने कहा कि
छात्रों के हिसाब से सूबे में स्कूल नहीं हैं और न ही शिक्षक हैं। स्कूलों
में बुनियादी सुविधाओं में पेयजल, शौचालय, बिजली, प्रयोगशाला, कम्प्यूटर
सहित कई अन्य सुविधाओं का अभाव है। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी
राज्य की शिक्षा व्यवस्था कब तक चौपट रहेगी यह तो बताएं ?