पटना। कार्यालय संवाददाता बीएसएससी इंटर स्तरीय प्रारंभिक परीक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में है। रविवार को पहले चरण की हुई परीक्षा से पहले ही बाजार में उत्तर बिक रहे थे। परीक्षार्थियों का दावा है कि शनिवार रात से बिक रहे उत्तर से करीब बीस सवाल मिले जबकि रविवार सुबह दस बजे बाजार में आए उत्तर हू-ब-हू मिल रहे थे।
आयोग सचिव परमेश्वर राम ने कहा कि आगे की परीक्षाएं समय से होंगी। उन्होंने कहा कि बाजार में उत्तर कहां से और कौन बेच रहा था, यह देखना प्रशासन का काम है। इसके लिए जोनल आईजी से लेकर कमिश्नर तक को पत्र भेजा गया था। ट्रेजरी से प्रश्न पत्र परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचाने और कदाचार मुक्त परीक्षा कराने की जिम्मेवारी जिला प्रशासन और पुलिस-प्रशासन की होती है।
कई जिलों में उत्तर होता रहा वायरल नवादा, गया, आरा, औरंगाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, वैशाली पटना सहित कई जगहों पर मॉडल उत्तर वायरल हो गए थे। परीक्षा केन्द्र से निकलने के बाद परीक्षार्थियों ने जब उत्तर को मिलाया तो पता चला कि सुबह दस बजे वायरल हुए उत्तर से संबंधित सवाल ही पूछे गए हैं। ऐसे वाट्सअप पर दो से तीन तरह के मॉडल उत्तर का सेट बाजार में उपलब्ध था।
राज्य में 742 केंद्रों पर हुई परीक्षापरीक्षा निर्धारित समय 11 बजे से शुरू हो गई थी। परीक्षार्थियों को किताब ले जाने की छूट दी गई थी। हालांकि, परीक्षा केन्द्रों पर दिन-भर पर्चा लीक होने की खबर चर्चा का विषय बना रहा। पूरे राज्यभर में 742 केन्द्रों और पटना में 72 केन्द्रों पर परीक्षा हुई। पहले दिन साढ़े चार लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा थी।
60 से 65 फीसदी परीक्षार्थी उपस्थित रहे। छह नकलची धराए भागलपुर। एसएससी की इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में मधेपुरा में दो और सहरसा, किशनगंज, लखीसराय व मुंगेर में एक-एक छात्र परीक्षा में नकल करते पकड़े गए।
सहरसा में वाट्सअप की सहायता से नकल करते एक परीक्षार्थी को केन्द्राधीक्षक ने पकड़ लिया और उसे पुलिस को सौंप दिया। मधेपुरा डिग्री कॉलेज केन्द्र से दो परीक्षार्थी को कदाचार के आरोप में निष्कासित कर दिया गया।
किशनगंज शहर के सेंट जेवियर स्कूल में प्रतिबंधित किताब लेकर परीक्षा दे रही एक छात्रा कुमारी श्वेता को डीएम पंकज दीक्षित ने पकड़ा। लखीसराय के संत जोसेफ केंद्र पर ब्लूटूथ से चोरी करते एक युवक गोपाल साव को केंद्राधीक्षक ने पकड़ा।
परीक्षा शुरू होने के पूर्व केएसएस कॉलेज परीक्षा केंद्र पर पर्चा लीक होने की अफवाह पर थोड़ी देर तक हंगामा भी हुआ। वहीं, मुंगेर के आरबी हाई स्कूल से एक मुन्ना भाई को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
बीएसएससी का पक्ष : पेपर लीक की कोई शिकायत नहीं मिली है। परीक्षा रद्द करने का कोई फैसला भी नहीं लिया गया है। बाजार में मिल रहे उत्तर कहां से आए, हमलोगों को कुछ पता नहीं है। यह देखना पुलिस-प्रशासन का काम है। - परमेश्वर राम, सचिव, बीएसएससी।
जिला प्रशासन का पक्ष :पेपर लीक की सूचना हमें प्राप्त नहीं हुई है। समय पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा कराने की जिम्मेवारी प्रशासन की थी। पेपर लीक की सूचना देने का काम आयोग का है। प्रश्न पत्र से उत्तर तो आयोग ही मिला सकता है।- राजेश चौधरी, एडीएम विधि व्यवस्था,
कहां से लीक हुआ पेपर?
कुछ जानकारों की मानें तो प्रश्न पत्र की छपाई के दौरान ही पेपर लीक करवा दिया जाता है। जिसका उत्तर परीक्षा से कुछ समय पूर्व बेचा जाता है। पहले हुई जांच में ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। परीक्षा से एक दिन पहले पकड़ में आए गिरोह से भी पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है।
ऐसे आयोग सूत्रों का कहना है कि जब परीक्षा केंद्रों के लिए प्रश्नपत्र भेजे जाते हैं तभी ऐसा हो सकता है। पहले भी हुआ है स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीकयह कोई पहला मौका नहीं है कि बीएसएससी की ओर से आयोजित परीक्षा का पेपर लीक हुआ है।
इसके पहले भी स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर हुआ था। वर्ष 2014 में हुई परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच के लिए कमेटी भी बनाई गई थी। हालांकि कमेटी ने पेपर लीक का साक्ष्य नहीं मिले के बाद क्लीन चीट दे दी थी। इससे पहले महादलित आयोग की ओर से वर्ष 2013 में हुई परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद से आज तक इसकी परीक्षा नहीं हुई है।
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आयोग सचिव परमेश्वर राम ने कहा कि आगे की परीक्षाएं समय से होंगी। उन्होंने कहा कि बाजार में उत्तर कहां से और कौन बेच रहा था, यह देखना प्रशासन का काम है। इसके लिए जोनल आईजी से लेकर कमिश्नर तक को पत्र भेजा गया था। ट्रेजरी से प्रश्न पत्र परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचाने और कदाचार मुक्त परीक्षा कराने की जिम्मेवारी जिला प्रशासन और पुलिस-प्रशासन की होती है।
कई जिलों में उत्तर होता रहा वायरल नवादा, गया, आरा, औरंगाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, वैशाली पटना सहित कई जगहों पर मॉडल उत्तर वायरल हो गए थे। परीक्षा केन्द्र से निकलने के बाद परीक्षार्थियों ने जब उत्तर को मिलाया तो पता चला कि सुबह दस बजे वायरल हुए उत्तर से संबंधित सवाल ही पूछे गए हैं। ऐसे वाट्सअप पर दो से तीन तरह के मॉडल उत्तर का सेट बाजार में उपलब्ध था।
राज्य में 742 केंद्रों पर हुई परीक्षापरीक्षा निर्धारित समय 11 बजे से शुरू हो गई थी। परीक्षार्थियों को किताब ले जाने की छूट दी गई थी। हालांकि, परीक्षा केन्द्रों पर दिन-भर पर्चा लीक होने की खबर चर्चा का विषय बना रहा। पूरे राज्यभर में 742 केन्द्रों और पटना में 72 केन्द्रों पर परीक्षा हुई। पहले दिन साढ़े चार लाख परीक्षार्थियों की परीक्षा थी।
60 से 65 फीसदी परीक्षार्थी उपस्थित रहे। छह नकलची धराए भागलपुर। एसएससी की इंटर स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में मधेपुरा में दो और सहरसा, किशनगंज, लखीसराय व मुंगेर में एक-एक छात्र परीक्षा में नकल करते पकड़े गए।
सहरसा में वाट्सअप की सहायता से नकल करते एक परीक्षार्थी को केन्द्राधीक्षक ने पकड़ लिया और उसे पुलिस को सौंप दिया। मधेपुरा डिग्री कॉलेज केन्द्र से दो परीक्षार्थी को कदाचार के आरोप में निष्कासित कर दिया गया।
किशनगंज शहर के सेंट जेवियर स्कूल में प्रतिबंधित किताब लेकर परीक्षा दे रही एक छात्रा कुमारी श्वेता को डीएम पंकज दीक्षित ने पकड़ा। लखीसराय के संत जोसेफ केंद्र पर ब्लूटूथ से चोरी करते एक युवक गोपाल साव को केंद्राधीक्षक ने पकड़ा।
परीक्षा शुरू होने के पूर्व केएसएस कॉलेज परीक्षा केंद्र पर पर्चा लीक होने की अफवाह पर थोड़ी देर तक हंगामा भी हुआ। वहीं, मुंगेर के आरबी हाई स्कूल से एक मुन्ना भाई को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
बीएसएससी का पक्ष : पेपर लीक की कोई शिकायत नहीं मिली है। परीक्षा रद्द करने का कोई फैसला भी नहीं लिया गया है। बाजार में मिल रहे उत्तर कहां से आए, हमलोगों को कुछ पता नहीं है। यह देखना पुलिस-प्रशासन का काम है। - परमेश्वर राम, सचिव, बीएसएससी।
जिला प्रशासन का पक्ष :पेपर लीक की सूचना हमें प्राप्त नहीं हुई है। समय पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा कराने की जिम्मेवारी प्रशासन की थी। पेपर लीक की सूचना देने का काम आयोग का है। प्रश्न पत्र से उत्तर तो आयोग ही मिला सकता है।- राजेश चौधरी, एडीएम विधि व्यवस्था,
कहां से लीक हुआ पेपर?
कुछ जानकारों की मानें तो प्रश्न पत्र की छपाई के दौरान ही पेपर लीक करवा दिया जाता है। जिसका उत्तर परीक्षा से कुछ समय पूर्व बेचा जाता है। पहले हुई जांच में ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। परीक्षा से एक दिन पहले पकड़ में आए गिरोह से भी पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है।
ऐसे आयोग सूत्रों का कहना है कि जब परीक्षा केंद्रों के लिए प्रश्नपत्र भेजे जाते हैं तभी ऐसा हो सकता है। पहले भी हुआ है स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीकयह कोई पहला मौका नहीं है कि बीएसएससी की ओर से आयोजित परीक्षा का पेपर लीक हुआ है।
इसके पहले भी स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर हुआ था। वर्ष 2014 में हुई परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच के लिए कमेटी भी बनाई गई थी। हालांकि कमेटी ने पेपर लीक का साक्ष्य नहीं मिले के बाद क्लीन चीट दे दी थी। इससे पहले महादलित आयोग की ओर से वर्ष 2013 में हुई परीक्षा का पेपर लीक हुआ था। इस परीक्षा को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद से आज तक इसकी परीक्षा नहीं हुई है।
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