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आरटीई कानून का उल्लंघन कर के फंसे पटना के 1190 प्राइवेट स्कूल, लटक सकता है ताला

मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा नियमावली 2011 के तहत आरटीई यानि राइट टू एजुकेशन का पालन नहीं करने पर पटना के 1190 प्राइवेट स्कूलों पर गाज गिरना लगभग तय हो चुका है.
शिक्षा विभाग ने इस संबंध में कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. ये सभी 1190 स्कूल पटना जिले के हैं जिनके द्वारा अलाभकारी एससी,एसटी और अन्य समूह के 25 प्रतिशत बच्चों को आरटीई के तहत नामांकन नहीं लिया गया था. जिला शिक्षा पदाधिकारी ने ऐसे सभी विद्यालयों की सूची तैयार कर प्राथमिक शिक्षा निदेशक को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा था.
पत्र  मिलते ही प्राथमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है. निदेशालय की ओर से अब तक कुल 59 स्कूलों से स्पष्टीकरण मांगा गया है जबकि शेष स्कूलों से अभी स्पष्टीकरण किया जाना है. उप निदेशक प्राथमिक शिक्षा पुष्पा झा ने जानकारी देते हुए कहा कि जल्द ही अगर इन स्कूलों की ओर से सही जवाब नहीं आता है तो इन स्कूलों से 1 लाख रूपये जुर्माना के तौर पर वसूले जाएंगे और 1 से लेकर 8 कक्षा तक को बंद करने का आदेश दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि आरटीई के अलावे कई अन्य नियमों का स्कूलों के द्वारा उल्लंघन किया जाता रहा है और मानकों का ख्याल नहीं रखा गया है. इस लिस्ट में पटना जिले के नामी गिरामी स्कूल भी शामिल हैं. सबसे ज्यादा डीएवी स्कूलों की तरफ से कानून के पालन में अनियमितता बरती गई है.
जिन स्कूलों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है उनमें डीएवी- गोला रोड, डीएवी--ट्रांसपोर्टनगर, डीएवी--मोकामा, डीएवी--बाल्मी, डीएवी-बिहटा, डीपीएस, प्रयास भारती, आनंद पब्लिक स्कूल, संत सेवा इंटरनेशनल, प्रेमलोक स्कूल, डेल्ही मॉडल स्कूल, रेड कार्पेट हाईस्कूल, रोज बर्ड, संत मैरी जैसे प्रतिष्ठित स्कूल शामिल हैं.
मामले में पटना के आयुक्त आनंद किशोर ने भी कहा कि स्कूलों को चिन्हित करने के साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया को भी शुरू कर दिया गया है.

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