कुछ नन्हीं चींटीयां रोज अपने काम पर समय से आती थी और अपना काम अपना काम समय पर करती थी.....वे जरूरत से ज्यादा काम करके भी खूब खुश थी.......
जंगल के राजा शेर 🐅 नें एक दिन चींटीयों को काम करते हुए देखा, और आश्चर्यचकित हुआ कि चींटीयां बिना किसी निरीक्षण के काम कर रही थी........
उसने सोचा कि अगर चींटीयां बिना किसी सुपरवाईजर के इतना काम, कर रही थी तो जरूर सुपरवाईजर के साथ वो अधिक काम कर सकती थी.......
उसनें काक्रोच 🐞 को नियुक्त किया जिसे सुपरवाईजरी का 10 साल का अनुभव था,
और वो रिपोर्टों का बढ़िया अनुसंधान करता था .....
🐞 काक्रोच नें आते ही साथ सुबह आने का टाइम, लंच टाईम और जाने का टाईम निर्धारित किया, और अटेंडेंस रजिस्टर बनाया...
..उसनें अपनी रिपोर्टें टाईप करने के लिये, सेकेट्री भी रखी....
उसनें मकड़ी को नियुक्त किया जो सारे फोनों का जवाब देता था और सारे रिकार्डों को मेनटेन करता था......
🐅 शेर को काक्रोच 🐞 की रिपोर्टें 📋 पढ़ कर बड़ी खुशी हुई, उसने काक्रोच से कहा कि वो प्रोडक्शन एनालिसिस करे और, बोर्ड मीटिंग में प्रस्तुत करने के लिये ग्राफ 📊📈 बनाए......
इसलिये काक्रोच को नया कम्प्यूटर और लेजर प्रिंटर खरीदना पड़ा.........
और उसनें आई टी डिपार्टमैंट संभालने के लिए मक्खी 🐝 को नियुक्त किया........
🐜चींटी जो शांति के साथ पूरा करना चाहती थी इतनी रिपोर्टों को लिखकर और मीटिंगों से परेशान होने लगी.......
🐅 शेर ने सोचा कि अब वक्त आ गया है कि जहां चींटी काम करती है वहां डिपार्टमेंट का अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिये....
उसनें झींगुर को नियुक्त किया, झींगुर ने आते ही साथ अपने आॅफिस के लिये कार्पेट और ए.सी. खरीदा.....
नये बाॅस झींगुर को भी कम्प्यूटर की जरूरत पड़ी और उसे चलाने के लिये वो अपनी पिछली कम्पनी में काम कर रही असिस्टंट को भी नई कम्पनी में ले आया.........
🐜🐜चींटीयां जहां काम कर रही थी वो दुःख भरी जगह हो गयी जहां सब एक दूसरे पर आदेश चलाते थे और चिल्लाते रहते थें.....
.झींगुर ने शेर को कुछ समय बाद बताया कि आॅफिस मे टीमवर्क कमजोर हो गया है और माहौल बदलने के लिए कुछ करना चाहिये......
🐜चींटीयों के डिपार्टमेंट की रिव्यू करते वक्त शेर ने देखा कि पहले से उत्पादकता बहुत कम हो गयी थी.......
उत्पादकता बढ़ाने के लिये शेर ने एक प्रसिद्ध कंसलटेंट उल्लू को नियुक्त किया.......
उल्लू नें चींटीयों के विभाग का गहन अघ्ययन तीन महीनों तक किया फिर उसनें अपनी 1200 📒 पेज की रिपोर्ट दी जिसका निष्कर्ष था कि विभाग में बहुत ज्यादा लोग हैं.....
जो कम करने की आवश्यकता है......
सोचिये शेर 🐅 ने नौकरी से किसको निकाला....???
............
नन्हीं चींटीयों को 🐜🐜🐜🐜......
क्योंकि उसमें “ नेगेटिव एटीट्यूड, टीमवर्क, और मोटिवेशन की कमी थी.......
“
इसे कहते है*** "शिक्षा विभाग" जहाँ आजकल केवल उत्पादकता बढाने के लिए अध्यापकों (चीँटियों) पर नित्य नये प्रयोग हो रहे हैं और जिसका खामियाजा सिर्फ हम अध्यापकों को ही उठाना पङ रहा हैं... भले ही हम अपना काम कितनी ही ईमानदारी से करें.....!
बिल्कुल सही बात है बन्धु । इस मेसेज को जंगल की आग की तरह पूरे देश के कथित शिक्षाविदों तक पहुचाना चाहिए । मैंने प्रयास प्रारम्भ कर दिया है।
जंगल के राजा शेर 🐅 नें एक दिन चींटीयों को काम करते हुए देखा, और आश्चर्यचकित हुआ कि चींटीयां बिना किसी निरीक्षण के काम कर रही थी........
उसने सोचा कि अगर चींटीयां बिना किसी सुपरवाईजर के इतना काम, कर रही थी तो जरूर सुपरवाईजर के साथ वो अधिक काम कर सकती थी.......
उसनें काक्रोच 🐞 को नियुक्त किया जिसे सुपरवाईजरी का 10 साल का अनुभव था,
और वो रिपोर्टों का बढ़िया अनुसंधान करता था .....
🐞 काक्रोच नें आते ही साथ सुबह आने का टाइम, लंच टाईम और जाने का टाईम निर्धारित किया, और अटेंडेंस रजिस्टर बनाया...
..उसनें अपनी रिपोर्टें टाईप करने के लिये, सेकेट्री भी रखी....
उसनें मकड़ी को नियुक्त किया जो सारे फोनों का जवाब देता था और सारे रिकार्डों को मेनटेन करता था......
🐅 शेर को काक्रोच 🐞 की रिपोर्टें 📋 पढ़ कर बड़ी खुशी हुई, उसने काक्रोच से कहा कि वो प्रोडक्शन एनालिसिस करे और, बोर्ड मीटिंग में प्रस्तुत करने के लिये ग्राफ 📊📈 बनाए......
इसलिये काक्रोच को नया कम्प्यूटर और लेजर प्रिंटर खरीदना पड़ा.........
और उसनें आई टी डिपार्टमैंट संभालने के लिए मक्खी 🐝 को नियुक्त किया........
🐜चींटी जो शांति के साथ पूरा करना चाहती थी इतनी रिपोर्टों को लिखकर और मीटिंगों से परेशान होने लगी.......
🐅 शेर ने सोचा कि अब वक्त आ गया है कि जहां चींटी काम करती है वहां डिपार्टमेंट का अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिये....
उसनें झींगुर को नियुक्त किया, झींगुर ने आते ही साथ अपने आॅफिस के लिये कार्पेट और ए.सी. खरीदा.....
नये बाॅस झींगुर को भी कम्प्यूटर की जरूरत पड़ी और उसे चलाने के लिये वो अपनी पिछली कम्पनी में काम कर रही असिस्टंट को भी नई कम्पनी में ले आया.........
🐜🐜चींटीयां जहां काम कर रही थी वो दुःख भरी जगह हो गयी जहां सब एक दूसरे पर आदेश चलाते थे और चिल्लाते रहते थें.....
.झींगुर ने शेर को कुछ समय बाद बताया कि आॅफिस मे टीमवर्क कमजोर हो गया है और माहौल बदलने के लिए कुछ करना चाहिये......
🐜चींटीयों के डिपार्टमेंट की रिव्यू करते वक्त शेर ने देखा कि पहले से उत्पादकता बहुत कम हो गयी थी.......
उत्पादकता बढ़ाने के लिये शेर ने एक प्रसिद्ध कंसलटेंट उल्लू को नियुक्त किया.......
उल्लू नें चींटीयों के विभाग का गहन अघ्ययन तीन महीनों तक किया फिर उसनें अपनी 1200 📒 पेज की रिपोर्ट दी जिसका निष्कर्ष था कि विभाग में बहुत ज्यादा लोग हैं.....
जो कम करने की आवश्यकता है......
सोचिये शेर 🐅 ने नौकरी से किसको निकाला....???
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नन्हीं चींटीयों को 🐜🐜🐜🐜......
क्योंकि उसमें “ नेगेटिव एटीट्यूड, टीमवर्क, और मोटिवेशन की कमी थी.......
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इसे कहते है*** "शिक्षा विभाग" जहाँ आजकल केवल उत्पादकता बढाने के लिए अध्यापकों (चीँटियों) पर नित्य नये प्रयोग हो रहे हैं और जिसका खामियाजा सिर्फ हम अध्यापकों को ही उठाना पङ रहा हैं... भले ही हम अपना काम कितनी ही ईमानदारी से करें.....!
बिल्कुल सही बात है बन्धु । इस मेसेज को जंगल की आग की तरह पूरे देश के कथित शिक्षाविदों तक पहुचाना चाहिए । मैंने प्रयास प्रारम्भ कर दिया है।