भागलपुर' वरीय संवाददाता भागलपुर विवि में कुलपति की नियुक्ति की चर्चा के आगे प्रतिकुलपति की नियुक्ति का मामला फीका पड़ गया है। यहां कुलपति से पहले प्रतिकुलपति का पद खाली होने वाला है। कुलपति प्रो. रमा शंकर दूबे का कार्यकाल छह फरवरी तक है तो प्रतिकुलपति का दो फरवरी तक।
राजभवन ने एक साथ दोनों पदों पर नियक्ति की प्रक्रिया शुरू की थी। प्रतिकुलपति के लिए भी विवि के दस शिक्षकों ने आवेदन किया है। प्रतिकुलपति के पद पर नियुक्ति के लिए जिन शिक्षकों ने आवेदन किया है, उनमें से कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं और कुछ सेवानिवृत्ति की कगार पर हैं।
इस पद के लिए आवेदन करने वालों में ज्यादातर वैसे शिक्षक हैं, जिन्होंने कुलपति के लिए भी आवेदन किया है। विवि के पदाधिकारी का नाम भी आवेदकों में बताया जा रहा है। हालांकि इन्होंने कुलपति के पद के लिए आवेदन नहीं किया है। सामाजिक विज्ञान के एक पूर्व शिक्षक ने भी प्रतिकुलपति के लिए आवेदन किया है।
बताया गया कि विवि के छह संकायाध्यक्षों में से भी कुछ ने कुलपति के साथ प्रतिकुलपति पद के लिए आवेदन किया है। रसायनशास्त्र विभाग के भी एक शिक्षक ने दावा किया है।दिलचस्प यह है कि भागलपुर विवि में जिस तरह पांच साल के बाद स्थायी कुलपति की नियुक्ति हुई, वैसे ही छह साल के बाद स्थायी प्रतिकुलपति की भी नियुक्ति हुई।
2008 में तत्कालीन प्रतिकुलति डा. केके मंडल ने अपना कार्यकाल पूरा किया था। इसके बाद से 2014 में प्रो. अवध किशोर राय के प्रतिकुलपति बनने तक या तो नियमित प्रतिकुलपति की नियुक्ति नहीं हुई और जिनकी नियुक्ति हुई भी उन्होंने कार्यकाल पूरा नहीं किया। इन छह वर्षों में डा. सैयद एहतेशामुद्दीन और डा. ध्रुव कुमार सिंह ही स्थायी प्रतिकुलपति के रूप में नियुक्त हुए थे लेकिन दोनों एक साल से ज्यादा इस पद पर नहीं रहे।
राजभवन ने एक साथ दोनों पदों पर नियक्ति की प्रक्रिया शुरू की थी। प्रतिकुलपति के लिए भी विवि के दस शिक्षकों ने आवेदन किया है। प्रतिकुलपति के पद पर नियुक्ति के लिए जिन शिक्षकों ने आवेदन किया है, उनमें से कुछ सेवानिवृत्त हो चुके हैं और कुछ सेवानिवृत्ति की कगार पर हैं।
इस पद के लिए आवेदन करने वालों में ज्यादातर वैसे शिक्षक हैं, जिन्होंने कुलपति के लिए भी आवेदन किया है। विवि के पदाधिकारी का नाम भी आवेदकों में बताया जा रहा है। हालांकि इन्होंने कुलपति के पद के लिए आवेदन नहीं किया है। सामाजिक विज्ञान के एक पूर्व शिक्षक ने भी प्रतिकुलपति के लिए आवेदन किया है।
बताया गया कि विवि के छह संकायाध्यक्षों में से भी कुछ ने कुलपति के साथ प्रतिकुलपति पद के लिए आवेदन किया है। रसायनशास्त्र विभाग के भी एक शिक्षक ने दावा किया है।दिलचस्प यह है कि भागलपुर विवि में जिस तरह पांच साल के बाद स्थायी कुलपति की नियुक्ति हुई, वैसे ही छह साल के बाद स्थायी प्रतिकुलपति की भी नियुक्ति हुई।
2008 में तत्कालीन प्रतिकुलति डा. केके मंडल ने अपना कार्यकाल पूरा किया था। इसके बाद से 2014 में प्रो. अवध किशोर राय के प्रतिकुलपति बनने तक या तो नियमित प्रतिकुलपति की नियुक्ति नहीं हुई और जिनकी नियुक्ति हुई भी उन्होंने कार्यकाल पूरा नहीं किया। इन छह वर्षों में डा. सैयद एहतेशामुद्दीन और डा. ध्रुव कुमार सिंह ही स्थायी प्रतिकुलपति के रूप में नियुक्त हुए थे लेकिन दोनों एक साल से ज्यादा इस पद पर नहीं रहे।