(बक्सर) : प्रखंड में फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर शिक्षकों के नियोजन
मामले की जांच के लिए शनिवार को डीएसपी गोपाल प्रसाद के नेतृत्व में
निगरानी की टीम प्रखंड कार्यालय पहुंची। जहां कई कागजातों को खंगाला गया।
हालांकि, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के बाहर होने के चलते इससे संबंधित
अधिकतर कागजात उपलब्ध नहीं हो सके। लिहाजा जांच की प्रक्रिया अधूरी रह गई।
इस दौरान जांच टीम के अधिकारी द्वारा एक सप्ताह के अंदर बहाली से संबंधित सभी 16 ¨बदुओं पर दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश जारी कर पटना के लिए रवाना हो गए। ज्ञात हो कि 2015 में स्थानीय प्रखंड में हुए शिक्षक नियोजन में व्यापक तौर पर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। यहां नियोजन में फर्जीवाडा़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में आठ फर्जी गुरुजी खुद ही त्यागपत्र दे दिए थे। जबकि, हाल में तीन फर्जी शिक्षकों को जिला शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। वहीं, 22 शिक्षक ऐसे भी हैं, जो निगरानी व विभाग के आदेश के बावजूद भी आज तक अपना एडमिट कार्ड जांच के लिए विभाग के पास जमा नहीं कराए हैं। नियोजन में फर्जीबाड़े को लेकर कांग्रेस नेता टीएन चौबे ने निगरानी से शिकायत की थी। जिसके बाद दस्तावेजों की छानबीन में प्राथमिक तौर पर धांधली उजागर होने के बाद जांच के लिए डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित की गई है।
शुरू से विवादों में रहा शिक्षक नियोजन
प्रखंड शिक्षको की बहाली का मामला यहां शुरुआती दौर से ही विवादो में घिरा रहा। जिसके चलते 2011 से शुरू हुई बहाली प्रक्रिया 2015 में पूरी हुई। बहाली प्रक्रिया की जांच की मांग को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता गोपाल ¨सह ने जिला से लेकर प्रखंड स्तर पर आवेदन देकर थक गए। तब उन्होंने सीधा मोर्चा खोलते हुए 2013 में धरना प्रदर्शन और बाद में अनशन पर उतर गए। जिसके बाद जिलाधिकारी ने एडीएम के नेतृत्व में जांच दल भेज कर अनशन तुड़वाया। जांच के क्रम में व्यापक पैमाने की गड़बड़ी की बात सामने आई। जिस पर नियोजन इकाई के संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी हुआ। लेकिन, प्राथमिकी दर्ज होने में भी दो साल का लंबा वक्त लग गया।
फर्जी शिक्षकों पर गिर सकती है गाज
शनिवार को डीएसपी गोपाल पासवान के नेतृत्व में शिक्षक नियोजन से जुडी़ फाइलों की जांच करने प्रखंड कार्यालय में निगरानी टीम के पहुंचने से फर्जी शिक्षको पर गाज गिरने की आशंका प्रबल हो गई है। हालांकि, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के बाहर होने के चलते कागजात उपलब्ध नहीं होने से जांच प्रक्रिया अधूरी रह गई। इस बाबत डीएसपी गोपाल पासवान से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने बहाली से जुडे़ सभी कागजात उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी भगवान झा ने भी जांच टीम के आने की पुष्टि की।
इस दौरान जांच टीम के अधिकारी द्वारा एक सप्ताह के अंदर बहाली से संबंधित सभी 16 ¨बदुओं पर दस्तावेज उपलब्ध कराने का निर्देश जारी कर पटना के लिए रवाना हो गए। ज्ञात हो कि 2015 में स्थानीय प्रखंड में हुए शिक्षक नियोजन में व्यापक तौर पर फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है। यहां नियोजन में फर्जीवाडा़ का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में आठ फर्जी गुरुजी खुद ही त्यागपत्र दे दिए थे। जबकि, हाल में तीन फर्जी शिक्षकों को जिला शिक्षा विभाग ने बर्खास्त कर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। वहीं, 22 शिक्षक ऐसे भी हैं, जो निगरानी व विभाग के आदेश के बावजूद भी आज तक अपना एडमिट कार्ड जांच के लिए विभाग के पास जमा नहीं कराए हैं। नियोजन में फर्जीबाड़े को लेकर कांग्रेस नेता टीएन चौबे ने निगरानी से शिकायत की थी। जिसके बाद दस्तावेजों की छानबीन में प्राथमिक तौर पर धांधली उजागर होने के बाद जांच के लिए डीएसपी के नेतृत्व में टीम गठित की गई है।
शुरू से विवादों में रहा शिक्षक नियोजन
प्रखंड शिक्षको की बहाली का मामला यहां शुरुआती दौर से ही विवादो में घिरा रहा। जिसके चलते 2011 से शुरू हुई बहाली प्रक्रिया 2015 में पूरी हुई। बहाली प्रक्रिया की जांच की मांग को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता गोपाल ¨सह ने जिला से लेकर प्रखंड स्तर पर आवेदन देकर थक गए। तब उन्होंने सीधा मोर्चा खोलते हुए 2013 में धरना प्रदर्शन और बाद में अनशन पर उतर गए। जिसके बाद जिलाधिकारी ने एडीएम के नेतृत्व में जांच दल भेज कर अनशन तुड़वाया। जांच के क्रम में व्यापक पैमाने की गड़बड़ी की बात सामने आई। जिस पर नियोजन इकाई के संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश जारी हुआ। लेकिन, प्राथमिकी दर्ज होने में भी दो साल का लंबा वक्त लग गया।
फर्जी शिक्षकों पर गिर सकती है गाज
शनिवार को डीएसपी गोपाल पासवान के नेतृत्व में शिक्षक नियोजन से जुडी़ फाइलों की जांच करने प्रखंड कार्यालय में निगरानी टीम के पहुंचने से फर्जी शिक्षको पर गाज गिरने की आशंका प्रबल हो गई है। हालांकि, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के बाहर होने के चलते कागजात उपलब्ध नहीं होने से जांच प्रक्रिया अधूरी रह गई। इस बाबत डीएसपी गोपाल पासवान से बात की गई तो उनका कहना था कि उन्होंने बहाली से जुडे़ सभी कागजात उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। प्रखंड विकास पदाधिकारी भगवान झा ने भी जांच टीम के आने की पुष्टि की।