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शिक्षकों ने अधिकारी-कर्मचारियों को बनाया बंधक

मुजफ्फरपुर। वरीय संवाददाता वेतन भुगतान के लिए महीनों से टरकाए जाने से आक्रोशित शिक्षकों ने मंगलवार को अधिकारी और कर्मचारियों को ही बंधक बना लिया। स्थापना कार्यालय में पहुंचे शिक्षकों ने डीपीओ स्थापना और कर्मचारियों को कार्यालय के अंदर कर गेट में ताला जड़ दिया।
टीईटी सर्टिफिकेट जांच के नाम पर हो रहे खेल के विरोध में शिक्षकों का आक्रोश फूट पड़ा। टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ के बैनर तले विभिन्न प्रखंडों से पहुंचे शिक्षकों ने अधिकारियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अधिकारी-कर्मचारी को उनके ही कार्यालय में बंधक बना शिक्षक अनिश्चतकालीन धरने पर बैठ गए। जिलाध्यक्ष मृत्युजंय कुमार, महासचिव गणेश सिंह, अरविन्द कुमार, रामकुमार ठाकुर आदि शिक्षकों ने कहा कि महीनों से हमें आश्वासन दिया जा रहा है। अब जब तक कार्रवाई नहीं होती है, हम यहां से नहीं हटेंगे।

लिखित आदेश की शर्त पर खोला ताला:

लगभग चार घंटे के बाद डीपीओ जियाउल होदा को कार्यालय से शिक्षकों ने बाहर निकाला। अधिकारी की ओर से वार्ता करने के प्रस्ताव पर शिक्षकों ने लिखित आदेश की शर्त पर गेट का ताला खोला। बाहर निकलने के बाद भी डीपीओ के आश्वासन देने पर शिक्षक भड़क उठे। बिना आदेश लिए शिक्षक डीपीओ और कर्मचारियों को नहीं निकलने देने पर अड़े रहे। डीपीओ जियाउल होदा ने सात फरवरी तक हर हाल में भुगतान के साथ ही सभी मांग पर कार्रवाई की जवाबदेही ली। इसके बाद शिक्षकों ने उन्हें निकलने दिया।

जांच का शिक्षक करेंगे बहिष्कार :

तालेबंदी कर रहे शिक्षकों ने टीईटी सर्टिफिकेट जांच का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। शिक्षकों ने कहा कि हर बार जांच के नाम पर हमारा अपमान किया जा रहा है। अब हम जांच नहीं होने देंगे। अगर जांच हुई तो हर कार्यालय में तालबंदी होगी। हिमांशु शेखर, संजय कुमार, दिलीप कुमार, निर्मल सत्यग्राही आदि ने कहा कि जांच की आड़ में शिक्षकों का शोषण कर पैसे का खेल चल रहा है। इसे अब शिक्षक बर्दाश्त नहीं करेंगे। दो साल में एक दर्जन बार जांच के बाद भी अब तक टीईटी फर्जीवाड़ी पकड़ में क्यों नहीं आया।

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