"शिक्षक चौपाल"
संदर्भ : समान कार्य समान वेतन और राज्यकर्मी का दर्जा ------साथियों लम्बे समय से सरकार से हमारी माँग समान कार्य समान वेतन और पूर्ण राज्यकर्मी के दर्जे की रही है ।
सरकार ने हमें वेतनमान तो दिया लेकिन यह छलावा मात्र है ।तक़रीबन डेढ़ साल बाद भी न सेवाशर्त का प्रकाशन और न ही राज्यकर्मियों की जैसी सुविधायें ।तक़रीबन 20-22 शिक्षक संगठन मिलकर भी विगत डेढ़ सालों में न सेवाशर्त का प्रकाशन करवा पाये और न ही राज्यकर्मी का दर्जा ही दिलवा पाये ।सभी अलग-अलग मंच से,अलग-अलग समय पर धरना-प्रदर्शन करते रहे ।नतीजा शून्य ।उल्टे सरकार के तुगलकी फैसले और दमनकारी नीतियों से दो-चार होना पड़ा ।इस बीच बहुत सारे संघों ने HC में समान कार्य समान वेतन पर केस दर्ज कर दिया ।जिसकी सुनवाई 2.5 महीनों से टलती जा रही है ।दिन पर दिन और तारीख पर तारीख।सरकार ने शिक्षकों के सुलगते आंदोलन को कुंद करने के लिये बड़ी चालाकी से बजट सत्र में बिना सभी संघों से विचार-विमर्श किये सेवाशर्त लाने की तैयारी कर रही है जिसमे राज्यकर्मी के दर्जे को सिरे से खारिज कर दिया गया है ।साथ ही मूल सुविधाओं से वंचित करने की पूरी तैयारी कर ली है इस हठी सरकार ने ।वही ढाक के तीन पात ।आनन-फानन में कुछ शिक्षक संगठनों ने बजट-सत्र के दरम्यान विधान-सभा घेरने की घोषणा की है ।नीतीश सरकार अभी पूर्ण बहुमत में है ।एकाकी धरना-प्रदर्शन से कुछ हासिल नही होगा ।आप सभी से पूछना चाहता हूँ की इस तरह से अलग-अलग मंचों से,अलग-अलग तिथियों पर आंदोलन करने से कुछ हासिल होनेवाला है क्या ?इस मुद्दे पर सभी शिक्षक संगठनो को एक समय में,एक मंच से आंदोलन की घोषणा करनी पड़ेगी तभी इसकी सफलता की गरान्टि है,वरना एकला चलो रे की नीति से कुछ भी हासिल नही होगा । सभी संघों को एक मंच पर लाने की मुहिम में प्रदेश भर के आम शिक्षकों ने "शिक्षक चौपाल" के माध्यम से पहल कर दी है ।इसी कड़ी में सभी ने आगामी 4 फरवरी 2017 को सभी शिक्षक संगठनो के शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं से सहमति पत्र के साथ 10-।0 की टीम बनाकर उनके आवास पर उनसे अपनी सहमति प्रदान करने के लिये कहा जायेगा । इसी दिन सभी संघ प्रमुखों के पास अलग-अलग टीम जायेगी तथा अपनी बात रखकर उनकी सहमति ली जायेगी ।आम शिक्षकों की "शिक्षक चौपाल" टीम आप सभी गुरुजनों से निवेदन करती है की शिक्षक हित के मुद्दे पर सहयोग करे । शिक्षक चौपाल
संदर्भ : समान कार्य समान वेतन और राज्यकर्मी का दर्जा ------साथियों लम्बे समय से सरकार से हमारी माँग समान कार्य समान वेतन और पूर्ण राज्यकर्मी के दर्जे की रही है ।
सरकार ने हमें वेतनमान तो दिया लेकिन यह छलावा मात्र है ।तक़रीबन डेढ़ साल बाद भी न सेवाशर्त का प्रकाशन और न ही राज्यकर्मियों की जैसी सुविधायें ।तक़रीबन 20-22 शिक्षक संगठन मिलकर भी विगत डेढ़ सालों में न सेवाशर्त का प्रकाशन करवा पाये और न ही राज्यकर्मी का दर्जा ही दिलवा पाये ।सभी अलग-अलग मंच से,अलग-अलग समय पर धरना-प्रदर्शन करते रहे ।नतीजा शून्य ।उल्टे सरकार के तुगलकी फैसले और दमनकारी नीतियों से दो-चार होना पड़ा ।इस बीच बहुत सारे संघों ने HC में समान कार्य समान वेतन पर केस दर्ज कर दिया ।जिसकी सुनवाई 2.5 महीनों से टलती जा रही है ।दिन पर दिन और तारीख पर तारीख।सरकार ने शिक्षकों के सुलगते आंदोलन को कुंद करने के लिये बड़ी चालाकी से बजट सत्र में बिना सभी संघों से विचार-विमर्श किये सेवाशर्त लाने की तैयारी कर रही है जिसमे राज्यकर्मी के दर्जे को सिरे से खारिज कर दिया गया है ।साथ ही मूल सुविधाओं से वंचित करने की पूरी तैयारी कर ली है इस हठी सरकार ने ।वही ढाक के तीन पात ।आनन-फानन में कुछ शिक्षक संगठनों ने बजट-सत्र के दरम्यान विधान-सभा घेरने की घोषणा की है ।नीतीश सरकार अभी पूर्ण बहुमत में है ।एकाकी धरना-प्रदर्शन से कुछ हासिल नही होगा ।आप सभी से पूछना चाहता हूँ की इस तरह से अलग-अलग मंचों से,अलग-अलग तिथियों पर आंदोलन करने से कुछ हासिल होनेवाला है क्या ?इस मुद्दे पर सभी शिक्षक संगठनो को एक समय में,एक मंच से आंदोलन की घोषणा करनी पड़ेगी तभी इसकी सफलता की गरान्टि है,वरना एकला चलो रे की नीति से कुछ भी हासिल नही होगा । सभी संघों को एक मंच पर लाने की मुहिम में प्रदेश भर के आम शिक्षकों ने "शिक्षक चौपाल" के माध्यम से पहल कर दी है ।इसी कड़ी में सभी ने आगामी 4 फरवरी 2017 को सभी शिक्षक संगठनो के शीर्ष नेतृत्वकर्ताओं से सहमति पत्र के साथ 10-।0 की टीम बनाकर उनके आवास पर उनसे अपनी सहमति प्रदान करने के लिये कहा जायेगा । इसी दिन सभी संघ प्रमुखों के पास अलग-अलग टीम जायेगी तथा अपनी बात रखकर उनकी सहमति ली जायेगी ।आम शिक्षकों की "शिक्षक चौपाल" टीम आप सभी गुरुजनों से निवेदन करती है की शिक्षक हित के मुद्दे पर सहयोग करे । शिक्षक चौपाल