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यहां छात्रों की भीड़ में गुम हो जाते शिक्षक

 गोपालगंज। उम्मीद तो थी कि छात्रों के अनुपात में शिक्षकों को सामंजन करने की शिक्षा विभाग की पहल से प्रखंड के रद्युआ जमसड़ में स्थित स्वामी प्रकाशानंद माध्यमिक सह इंटर कॉलेज की समस्या दूर हो जाएगी। लेकिन शिक्षा विभाग की यह कवायद भी इस कॉलेज की समस्या दूर नहीं कर सकी।
शिक्षकों के सामंजन में इस कॉलेज की पूरी तरह से उपेक्षा कर दी गई। यह उपेक्षा इस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों पर भारी पड़ रही है। इस कॉलेज में पढ़ने वाले 21 सौ छात्रों की भीड़ में यहां तैनात महज पांच शिक्षक गुम हो जाते हैं। शिक्षकों की कमी से विज्ञान से लेकर कई विषयों की इस कॉलेज में पढ़ाई नहीं हो पाती है। पढ़ाई के नाम पर यहां सिर्फ कोरम ही पूरा हो रहा है।
कभी प्रखंड के रघुआ जमसड़ स्थित स्वामी प्रकाशानंद माध्यमिक सह इंटर कॉलेज की गिनती आदर्श विद्यालय के रूप में होती थी। इस कॉलेज में विज्ञान की पढ़ाई करने के लिए जिले के कोने-कोने से छात्र नामांकन कराते थे। लेकिन इस कॉलेज पर व्यवस्था की ऐसी मार पड़ी कि अब यहां पढ़ाई के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा होता है। बताया जाता है कि इस कॉलेज में 21 सौ छात्र पढ़ते हैं। लेकिन यहां इन छात्रों को पढ़ाने के लिए महज पांच शिक्षक हैं। छात्र बताते हैं कि कक्षा नौ व दस के लगभग 12 सौ छात्रों के लिए मात्र तीन शिक्षक तथा इंटरमीडिएट के लगभग सात सौ छात्रों के लिए मात्र दो शिक्षक ही उपलब्ध हैं। विज्ञान विषय के एक भी शिक्षक नहीं हैं। ऐसा तब है जबकि शिक्षा विभाग के निदेशक के आदेश के आलोक में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों को विद्यालयों में सामंजन करने की शिक्षा विभाग ने पहल की थी। उन विद्यालयों में जहां शिक्षकों की संख्या अधिक थी, वहां के शिक्षकों को ऐसे विद्यालय में सामंजन किया गया, जहां छात्रों की संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या काफी कम थी। इस पहल के आलोक में जिले में सैकड़ों शिक्षकों का एक विद्यालय से दूसरे विद्यालय में सामंजन किया गया। लेकिन इस समांजन के दौरान रद्युआ जमसड़ स्थित इस विद्यालय की पूरी तरह से उपेक्षा कर दी गई। इस विद्यालय को एक भी शिक्षक नहीं मिले।
बोले प्राचार्य
कॉलेज के प्राचार्य नंदलाल मांझी ने कहा कि शिक्षकों की कमी से हो रही समस्या के बारे में शिक्षा विभाग को कई बार अवगत कराया जा चुका है। लेकिन सामंजन के माध्यम से भी इस कॉलेज को एक भी नहीं दिया गया।

नंदलाल मांझी, प्राचार्य

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