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बिहारः TTE की परीक्षा साल के अंत तक कराने का हाई कोर्ट का आदेश

पटना। शिक्षक पात्रता परीक्षा(टीटीई) संपन्न कराने में हो रही देरी पर पटना हाई कोर्ट ने बिहार सरकार और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति को आदेश दिया है कि साल के अंत तक परीक्षा लेने का आदेश दिया है। साथ ही आवेदक को आदेश पालन नहीं होने पर कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की पूरी छूट दी है।
मुख्य न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और न्यायमूर्ति चक्रधारी शरण सिंह की खंडपीठ ने जनहित याचिका को मंगलवार को निस्तारित करते हुए यह निर्देश दिया।

हर वर्ष एक बार करानी होती है परीक्षा

अदालत को बताया गया कि बच्चों के लिए बने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत शिक्षकों की बहाली के लिए प्रतिवर्ष कम से कम एक बार पात्रता परीक्षा लेने का कानून बनाया गया। परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवार अधिकतम 7 वर्षों तक शिक्षक बनने के योग्य रहेंगे। लेकिन अप्रशिक्षित उम्मीदवार को पांच वर्ष के भीतर दो वर्षीय प्रशिक्षण प्राप्त करना होगा।

2011 के बाद नहीं ली गई परीक्षा


उनका कहना था कि 2011 के बाद पात्रता परीक्षा नहीं ली गई, जबकि प्रत्येक वर्ष परीक्षा लेनी थी। वहीं सरकार तथा बोर्ड की ओर से जवाबी हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया गया कि द्वितीय प्रारंभिक शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन किसी कारणवश नहीं कराया जा सका है। लेकिन परीक्षा कराने के लिए नए सिरे से तेजी से कार्रवाई की जा रही है।
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