सुपौल। नगर के एक निजी विद्यालय में विगत दिनों छात्र की बाधकर पिटाई मामले में शिक्षा विभाग की सक्रियता बढ़ गई है। जिला शिक्षा पदाधिकारी ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी कर
निजी विद्यालयों का स्थल निरीक्षण कर मानक के अनुरूप जाच प्रतिवेदन समर्पित
करने को कहा है।
पत्र के आलोक में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी परमानंद यादव के द्वारा विद्यालयों का स्थल निरीक्षण का कार्य शुरू किया गया है। इस तरह की जाच से निजी विद्यालयों के संचालकों में अफरा-तफरी मच गई है। बीईओ
श्री यादव ने बताया कि प्रखंड में कितने निजी विद्यालयों को प्रस्वीकृति दी
गई है। इसकी कोई लिखित जानकारी प्रखंड शिक्षा कार्यालय को नहीं है।
जाच के उपरान्त ही सही मायने में यह पता चलेगा कि कितने विद्यालय प्रस्वीकृत हैं। जहा कुल नामाकित बच्चों में से 25 प्रतिशत आरक्षित बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है अथवा नहीं। कहा कि निजी विद्यालयों का भवन, भूमि, विद्यालय परिसर का क्षेत्रफल, शिक्षकों की संख्या, प्रशिक्षित अथवा अप्रशिक्षित, पेयजल, शौचालय की उपलब्धता, खेल मैदान, शिक्षण अधिगम सामग्री, पुस्तकालय, उपस्कर, कम्प्यूटर की उपलब्धता, आवास की सुविधा,
यातायात की सुविधा आदि संबंधित मानकों का बिन्दुवार जाच किया जाना
है। मानक को पूरा नहीं करने वाले निजी विद्यालयों का प्रस्वीकृति रद्द भी
किया जा सकता है। नगर के हंसवाहिनी विद्यासागर स्कूल में विगत 04 अगस्त को विद्यालय के ही एक छात्र की बाध कर पिटाई मामले में भी जाच का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी से प्राप्त है।
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पत्र के आलोक में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी परमानंद यादव के द्वारा विद्यालयों का स्थल निरीक्षण का कार्य शुरू किया गया है। इस तरह की जाच से निजी विद्यालयों के संचालकों में अफरा-तफरी मच गई है। बीईओ
श्री यादव ने बताया कि प्रखंड में कितने निजी विद्यालयों को प्रस्वीकृति दी
गई है। इसकी कोई लिखित जानकारी प्रखंड शिक्षा कार्यालय को नहीं है।
जाच के उपरान्त ही सही मायने में यह पता चलेगा कि कितने विद्यालय प्रस्वीकृत हैं। जहा कुल नामाकित बच्चों में से 25 प्रतिशत आरक्षित बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाती है अथवा नहीं। कहा कि निजी विद्यालयों का भवन, भूमि, विद्यालय परिसर का क्षेत्रफल, शिक्षकों की संख्या, प्रशिक्षित अथवा अप्रशिक्षित, पेयजल, शौचालय की उपलब्धता, खेल मैदान, शिक्षण अधिगम सामग्री, पुस्तकालय, उपस्कर, कम्प्यूटर की उपलब्धता, आवास की सुविधा,
यातायात की सुविधा आदि संबंधित मानकों का बिन्दुवार जाच किया जाना
है। मानक को पूरा नहीं करने वाले निजी विद्यालयों का प्रस्वीकृति रद्द भी
किया जा सकता है। नगर के हंसवाहिनी विद्यासागर स्कूल में विगत 04 अगस्त को विद्यालय के ही एक छात्र की बाध कर पिटाई मामले में भी जाच का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी से प्राप्त है।
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