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2009 के बाद पीएचडी करने वालों को भी सहायक प्रोफेसर बनने का मौका

 पटना। सहायक प्रोफेसर की नए सिरे से होने वाली नियुक्ति में वैसे उम्मीदवारों को मौका दिया जा सकता है जिन्होंने 2009 के बाद या 2012 के पहले अपनी पीएचडी पूरी की है। राज्य सरकार इस मसले पर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन से मार्गदर्शन मांगेगी।
अभी जो नियुक्तियां हो रहीं थीं उसमें यूजीसी के तय मापदंड के अनुसार सिर्फ 2009 तक पीएचडी पूरी करने वाले उम्मीदवारों मौका दिया जा रहा था।
कहां हुई चूक
जानकार बताते हैं कि यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने पीएचडी और एम.फिल. के लिए 2009 में नया रेगुलेशन जारी किया। राज्य सरकार ने इस रेगुलेशन की अधिसूचना तीन साल बाद यानी नवंबर 2012 में जारी की। नतीजा यहां के विश्वविद्यालयों में पूर्व के रेगुलेशन के आधार पर ही निबंधन होता रहा। अब उसी गलती को सुधारने की कवायद शुरू हुई है।
बीपीएससी को नए सिरे से प्रस्ताव

शिक्षा सूत्रों ने बताया कि यूजीसी से गाइडलाइन मिलने पर शिक्षा विभाग बिहार लोक सेवा आयोग को नए पैटर्न पर नियुक्ति का प्रस्ताव और यूजीसी की गाइडलाइन से अवगत कराते हुए नए सिरे से नियुक्ति प्रक्रिया प्रारंभ करने की अधियाचना देगा। बिहार लोकसेवा आयोग सरकार के प्रस्ताव के अनुरूप नए सिरे से बहाली के लिए आवेदन प्राप्त कर सकेगा।
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