पटना। मेरिट घोटाले में गिरफ्तार फर्जी इंटर साइंस के थर्ड टॉपर राहुल
ने एसआइटी के सामने चौकाने वाला खुलासा किया है। राहुल ने एसआइटी को बताया
कि विशुन राय कॉलेज में दर्जन भर से अधिक ऐसे छात्र थे, जिन्हें स्टेट
टॉपर, जिला टॉपर बनाने के साथ ही अच्छे अंक दिलाने के नाम पर बच्चा राय ने
मोटी रकम वसूली थी। राहुल सहित विशुन राय कॉलेज के ये छात्र परीक्षा
केन्द्र तो जाते थे, लेकिन सादी कॉपी जमा करते थे।
परीक्षा खत्म होने के बाद बच्चा रात में राहुल सहित कई छात्रों को विशुन राय कॉलेज में बुलाता था, जहां छात्रों से कॉपी लिखाई जाती थी।
रात में राहुल पहुंचता था बच्चा के पास
राहुल ने एसआइटी को बताया कि वह परीक्षा के दौरान सभी पेपर देने सेंटर पर गया, लेकिन तीन घंटे तक सिर्फ सेंटर पर बैठा रहा और सादी कॉपी ही जमा कर दी। इसके बाद बच्चा ने राहुल सहित 50 से अधिक छात्रों को रात में विशुन राय कॉलेज में बुलाया। राहुल के लिए अलग व्यवस्था की गई थी। राहुल को नई कॉपी मिलती थी। उसमें क्रमांक भी सेम होता था। फिर एक पेपर मिलता था, जिस पर सभी प्रश्न के उत्तर लिखे होते थे। उसे कॉपी में देखकर लिखना होता था।
कॉपी पर खुद हस्ताक्षर करता था बच्चा
एसआइटी के एक अधिकारी की मानें तो राहुल को वहीं मिलती थी जो वह परीक्षा केन्द्र पर जमा करता था। कुछ कॉपी पर अनुक्रमांक भी नहीं होता था। अनुक्रमांक लिखने के बाद बच्चा खुद ही उस कॉपी पर हस्ताक्षर करता था। कमरे में बच्चा और उसके साथ दो लोग रहते थे।
संदेह के घेरे में कई शिक्षक और कर्मी
एसआइटी अब ये पता करने में जुटी है कि राहुल की कॉपी असली है या नकली। राहुल की कॉपी को एफएसएल जांच के लिए भेजा जायेगा। एसआइटी को शक है कि पूरा खेल परीक्षा केन्द्र, मूल्यांकन केन्द्र और बोर्ड ऑफिस में हुआ। अगर राहुल की अधूरी कॉपी बच्चा के कॉलेज में लिखाई जा रही थी तो वज्रगृह से कॉपी को बंडल से अलग कौन करता था? अगर वहां से नहीं तो मूल्यांकन केन्द्र पर बंडल से कॉपी निकाली जाती थी। यह बात और है कि बच्चा के कॉलेज में डुप्लीकेट कॉपी पर भी उत्तर लिखाई जा रही थी, लेकिन ऐसा हुआ भी तो छात्रों की पुरानी कॉपी बंडल से अलग किसने की? ऐसे कई सवालों का जवाब अब एसआइटी तलाश रही है। इसमें डीओ, वज्रगृह के कर्मी, शिक्षक और कॉपी को परीक्षा केन्द्र से मूल्यांकन केन्द्र तक रखने के जिम्मेदारों की गर्दन नपनी तय मानी जा रही है।
बयान :
राहुल से पूछताछ में कई बातें सामने आई हैं। कई और लोगों की गिरफ्तारी होगी। कुछ लोगों को चिह्नित किया गया है, जिनकी तलाश की जा रही है। विवेक और फरार टॉपरों की तलाश में छापेमारी चल रही है।
चंदन कुशवाहा, एसपी मध्य
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परीक्षा खत्म होने के बाद बच्चा रात में राहुल सहित कई छात्रों को विशुन राय कॉलेज में बुलाता था, जहां छात्रों से कॉपी लिखाई जाती थी।
रात में राहुल पहुंचता था बच्चा के पास
राहुल ने एसआइटी को बताया कि वह परीक्षा के दौरान सभी पेपर देने सेंटर पर गया, लेकिन तीन घंटे तक सिर्फ सेंटर पर बैठा रहा और सादी कॉपी ही जमा कर दी। इसके बाद बच्चा ने राहुल सहित 50 से अधिक छात्रों को रात में विशुन राय कॉलेज में बुलाया। राहुल के लिए अलग व्यवस्था की गई थी। राहुल को नई कॉपी मिलती थी। उसमें क्रमांक भी सेम होता था। फिर एक पेपर मिलता था, जिस पर सभी प्रश्न के उत्तर लिखे होते थे। उसे कॉपी में देखकर लिखना होता था।
कॉपी पर खुद हस्ताक्षर करता था बच्चा
एसआइटी के एक अधिकारी की मानें तो राहुल को वहीं मिलती थी जो वह परीक्षा केन्द्र पर जमा करता था। कुछ कॉपी पर अनुक्रमांक भी नहीं होता था। अनुक्रमांक लिखने के बाद बच्चा खुद ही उस कॉपी पर हस्ताक्षर करता था। कमरे में बच्चा और उसके साथ दो लोग रहते थे।
संदेह के घेरे में कई शिक्षक और कर्मी
एसआइटी अब ये पता करने में जुटी है कि राहुल की कॉपी असली है या नकली। राहुल की कॉपी को एफएसएल जांच के लिए भेजा जायेगा। एसआइटी को शक है कि पूरा खेल परीक्षा केन्द्र, मूल्यांकन केन्द्र और बोर्ड ऑफिस में हुआ। अगर राहुल की अधूरी कॉपी बच्चा के कॉलेज में लिखाई जा रही थी तो वज्रगृह से कॉपी को बंडल से अलग कौन करता था? अगर वहां से नहीं तो मूल्यांकन केन्द्र पर बंडल से कॉपी निकाली जाती थी। यह बात और है कि बच्चा के कॉलेज में डुप्लीकेट कॉपी पर भी उत्तर लिखाई जा रही थी, लेकिन ऐसा हुआ भी तो छात्रों की पुरानी कॉपी बंडल से अलग किसने की? ऐसे कई सवालों का जवाब अब एसआइटी तलाश रही है। इसमें डीओ, वज्रगृह के कर्मी, शिक्षक और कॉपी को परीक्षा केन्द्र से मूल्यांकन केन्द्र तक रखने के जिम्मेदारों की गर्दन नपनी तय मानी जा रही है।
बयान :
राहुल से पूछताछ में कई बातें सामने आई हैं। कई और लोगों की गिरफ्तारी होगी। कुछ लोगों को चिह्नित किया गया है, जिनकी तलाश की जा रही है। विवेक और फरार टॉपरों की तलाश में छापेमारी चल रही है।
चंदन कुशवाहा, एसपी मध्य
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