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छात्रों की उपस्थिति 75 फीसदी से कम हुई तो कट जायेगा वेतन

सख्ती. शिक्षक और प्रधानाध्यापकों पर कसेगा शिकंजा
जीविका की दीदी महीने में दो बार प्राइमरी व मिडिल स्कूलों का औचक निरीक्षण करेंगी, कम से कम दो दीदियों की होगी एक टीम.

पटना : राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में छात्र-छात्राओं की उपस्थिति 75 फीसदी से कम हुई तो स्कूल के शिक्षक और प्रधानाध्यापक का वेतन कटेगा. इस संबंध में शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डॉ. डीएस. गंगवार ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जीविका के सभी  जिला कार्यक्रम प्रबंधक को आदेश भेज दिया है. जीविका के ग्राम पंचायत संगठन के सामाजिक कार्य समिति की सदस्य (दीदी) में से कम से कम दो दीदी हर महीने कम से कम दो बार एक स्कूल का निरीक्षण करेंगी.

उन्हें स्कूल समय पर खुल रहा है और बंद हो रहा है या नहीं, काम कर रहे शिक्षकों की उपस्थिति, छात्र-छात्राओं का नामांकन व उपस्थिति, स्कूलों में नियमित पढ़ाई, स्कूलों की साफ-सफाई व शौचालय का प्रयोग और मध्याह्न भोजन की जांच की जायेगी.
इसके लिए दीदियों को एक फॉर्मेट दिया गया है, जिसे भर कर उन्हें जमा करना होगा. जीविका की दीदी अगर किसी स्कूल का निरीक्षण करती है और वहां बच्चों की उपस्थिति 75 फीसदी से कम होती है तो उस स्कूल के प्रधानाध्यापक व शिक्षक स्कूल नहीं आये छात्र-छात्राओं के अभिभावकों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर उन बच्चों को स्कूल में लायेंगे.

इस काम में स्कूल को विद्यालय शिक्षा समिति और जीविका की दीदी भी मदद करेगी. इसके बाद भी अगर तीन बार निरीक्षण के दौरान 75 फीसदी की उपस्थिति स्कूल में नहीं पायी जाती है तो प्रधानाध्यापक और शिक्षकों के वेतन से जांच के दिन का वेतन काटा जायेगा.  निरीक्षण के दौरान 50 फीसदी से ज्यादा मासिक वेतन की कटौती नहीं होगी. स्कूलों में निरीक्षण के दौरान अगर कोई शिक्षक बिना सूचना के अनुपस्थित पाये जाते हैं तो प्रधानाध्यापक को अटेंडेंस रजिस्टर पर उन्हें गैरहाजिर करना होगा.

इसके बाद संबंधित शिक्षक से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी स्पष्टीकरण पूछेंगे. स्पष्टीकरण अगर असंतोषजनक रहा तो शिक्षकका उस दिन का वेतन भी काटने की अनुशंसा जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्थापना) से की जा सकेगी. इसके अलावा स्कूल अगर निर्धारित समय पर नहीं खुलता है और समय से पहले बंद होता है तो इसके लिए स्कूल के प्रधानाध्यापक पूर्ण रूप से जिम्मेवार माने जायेंगे.
इस पर प्रधानाध्यापक के खिलाफ कार्रवाई के लिए अनुशंसा की जायेगी. मध्याह्न भोजन की स्थिति पर भी जीविका की दीदियां देखेगी कि जो मिड डे मिल बना है या नहीं, अगर बना है तो उसकी क्या क्वालिटी है.

दीदियां हर निरीक्षण की रिपोर्ट प्रखंड में देंगी

हर निरीक्षण के बाद दीदियां अपनी रिपोर्ट प्रखंड कार्यक्रम क्रियांवयन इकाई (बीपीआइयू) जीविका को देगी. इसके बाद यह इकाई प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को कार्रवाई के लिए देंगे. इसके बार प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी हर महीने आयी शिकायतों और उसके निराकरण से संबंधित रिपोर्ट को जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंपेंगे.
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