सहरसा: जिले में विभागीय निर्देश को ठेंगा दिखाकर करीब 200 शिक्षक
अधिकारियों की मेहरबानी से प्रतिनियोजन पर जमे हुए है। अपने मूल विद्यालय
से हटकर मनचाहे जगहों पर प्रतिनियोजन होकर शिक्षक वेतन उठा रहे हैं। जिसपर
किसी का नियंत्रण नहीं है।
वर्षों से प्रतिनियोजित ऐसे शिक्षक पर विभाग के आदेश का भी असर नहीं होता है। यही नहीं नियोजित शिक्षकों का एक नेटवर्क है जो अधिकारियों की मेहरबानी प्राप्त कर अपना प्रतिनियोजन मनचाहे स्कूल व कार्यालय में करवा लेते हैं और घर बैठे ड्यूटी निभाई जा रही है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि कई स्कूलों में तो प्रतिनियोजन करवाकर शिक्षक स्कूल आते ही नहीं है। जबकि विभाग की मानें तो नियोजित शिक्षकों सहित अन्य किसी भी शिक्षकों का प्रतिनियोजन करना अवैध है। बावजूद इसके जिले के दसों प्रखंडों में शिक्षक प्रतिनियोजन पर है। कोसी तटबंध के अंदर स्कूलों की हालत तो ऐसी है कि वह कब बंद रहता है और कब खुलता है इसका लेखा-जोखा मिलना मुश्किल हो जाता है। शिक्षा अधिकारियों की टोली तटबंध के बाहरी इलाकों के स्कूलों का आकलन करते है लेकिन कोसी तटबंध के अंदर स्कूलों की स्थिति क्या है यह किसी से छिपी हुई नहीं है। सूत्रों का कहना है कि अगर विभाग प्रतिनियोजन मामले की जांच करायें तो अन्य कई कारनामा का पर्दाफाश होगा। कई शिक्षक तो से¨टग गेंटिग के आधार स्कूल से महीनों गायब रहते है। बनी व्यवस्था के आधार पर ऐसे शिक्षकों की उपस्थिति भी बन रही है और वेतन भी उठाया जा रहा है।
जबकि विभाग के प्रधान सचिव, निदेशक समेत अन्य द्वारा लगातार प्रतिनियोजन को रद करने का आदेश दिया जाता है। आदेश के आलोक में जिल स्तर पर भी प्रतिनियोजन को रद कर दिया जाता है। परंतु से¨टग-गे¨टग के आधार पर ऐसे शिक्षक जमे रहते हैं।
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विभागीय निर्देश के आलोक में सभी बीईओ को पूर्व ही शिक्षको के प्रतिनियोजन को रद्द करने का आदेश दे दिया गया है। अगर अब भी प्रतिनियोजन है तो जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।अब्दुल खालिक, डीईओ, सहरसा
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
वर्षों से प्रतिनियोजित ऐसे शिक्षक पर विभाग के आदेश का भी असर नहीं होता है। यही नहीं नियोजित शिक्षकों का एक नेटवर्क है जो अधिकारियों की मेहरबानी प्राप्त कर अपना प्रतिनियोजन मनचाहे स्कूल व कार्यालय में करवा लेते हैं और घर बैठे ड्यूटी निभाई जा रही है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि कई स्कूलों में तो प्रतिनियोजन करवाकर शिक्षक स्कूल आते ही नहीं है। जबकि विभाग की मानें तो नियोजित शिक्षकों सहित अन्य किसी भी शिक्षकों का प्रतिनियोजन करना अवैध है। बावजूद इसके जिले के दसों प्रखंडों में शिक्षक प्रतिनियोजन पर है। कोसी तटबंध के अंदर स्कूलों की हालत तो ऐसी है कि वह कब बंद रहता है और कब खुलता है इसका लेखा-जोखा मिलना मुश्किल हो जाता है। शिक्षा अधिकारियों की टोली तटबंध के बाहरी इलाकों के स्कूलों का आकलन करते है लेकिन कोसी तटबंध के अंदर स्कूलों की स्थिति क्या है यह किसी से छिपी हुई नहीं है। सूत्रों का कहना है कि अगर विभाग प्रतिनियोजन मामले की जांच करायें तो अन्य कई कारनामा का पर्दाफाश होगा। कई शिक्षक तो से¨टग गेंटिग के आधार स्कूल से महीनों गायब रहते है। बनी व्यवस्था के आधार पर ऐसे शिक्षकों की उपस्थिति भी बन रही है और वेतन भी उठाया जा रहा है।
जबकि विभाग के प्रधान सचिव, निदेशक समेत अन्य द्वारा लगातार प्रतिनियोजन को रद करने का आदेश दिया जाता है। आदेश के आलोक में जिल स्तर पर भी प्रतिनियोजन को रद कर दिया जाता है। परंतु से¨टग-गे¨टग के आधार पर ऐसे शिक्षक जमे रहते हैं।
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विभागीय निर्देश के आलोक में सभी बीईओ को पूर्व ही शिक्षको के प्रतिनियोजन को रद्द करने का आदेश दे दिया गया है। अगर अब भी प्रतिनियोजन है तो जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी।अब्दुल खालिक, डीईओ, सहरसा
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