मधेपुरा । विद्यालय खुलने के समय को लेकर सदर प्रखंड अन्तर्गत प्राथमिक
विद्यालय भगवानपुर (पूर्वी) में स्थानीय लोगों ने जमकर बवाल मचाया। इस
दौरान स्थानीय लोग व शिक्षकों के बीच भी जमकर झड़प भी हुई। स्थानीय रामयादव,
मंजेश, देबू यादव ने बताया कि विद्यालय में शिक्षक समय पर नहीं आते हैं।
यहीं नहीं नियमित रूप से मध्यान्ह भोजन भी नहीं मिलता है। कई शिक्षक तो महीनों गायब रहते हैं। शिक्षकों की मनमानी के कारण बच्चे के पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। स्थिति यह है कि विद्यालय कभी भी आठ बजे से पहले नहीं खुलता है। इस पर भी शिक्षक एक दो ज्यादा नहीं आते। स्थानीय सुधीर, जोगेन्द्र पवन का कहना है कि शिक्षक की मनमानी इस कदर बढ़ी है कि नहीं आने की शिकायत करने पर भगा देते हैं। वहीं मध्यान्ह भोजन की स्थिति इतनी दयनीय है कि शायद ही खिचड़ी के अलावा आहार चार्ट के अनुसार बच्चों को भोजन मिलता है।
विद्यालय में है पर्याप्त शिक्षक
लगातार शिक्षकों की मिल रही शिकायत के बीच इस विद्यालय में कुल छह शिक्षक हैं। वहीं इस विद्यालय में लगभग 263 बच्चे नामांकित हैं। लेकिन कक्षा की जर्जर स्थिति से नहीं लगता है कि बच्चे अच्छी स्थिति में पढ़ रहे होंगे। पूरे मामले में विद्यालय की प्रधान शिक्षिका रत्ना यादवेन्द्र का कहना है कि शिक्षक नियमित आते हैं। वहीं मध्यान्ह भोजन की नियमित चलता है। कुछ लोग ग्रामीण राजनीतिक के कारण इस तरह कर रहे हैं। ----------------
कोट
मामला गंभीर है। जांच के बाद हर हाल में कार्यवाही की जाएगी। दोषी को बख्शा नहीं जायेगा।
बीएन मंडल
जिला शिक्षा पदाधिकारी, मधेपुरा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
यहीं नहीं नियमित रूप से मध्यान्ह भोजन भी नहीं मिलता है। कई शिक्षक तो महीनों गायब रहते हैं। शिक्षकों की मनमानी के कारण बच्चे के पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। स्थिति यह है कि विद्यालय कभी भी आठ बजे से पहले नहीं खुलता है। इस पर भी शिक्षक एक दो ज्यादा नहीं आते। स्थानीय सुधीर, जोगेन्द्र पवन का कहना है कि शिक्षक की मनमानी इस कदर बढ़ी है कि नहीं आने की शिकायत करने पर भगा देते हैं। वहीं मध्यान्ह भोजन की स्थिति इतनी दयनीय है कि शायद ही खिचड़ी के अलावा आहार चार्ट के अनुसार बच्चों को भोजन मिलता है।
विद्यालय में है पर्याप्त शिक्षक
लगातार शिक्षकों की मिल रही शिकायत के बीच इस विद्यालय में कुल छह शिक्षक हैं। वहीं इस विद्यालय में लगभग 263 बच्चे नामांकित हैं। लेकिन कक्षा की जर्जर स्थिति से नहीं लगता है कि बच्चे अच्छी स्थिति में पढ़ रहे होंगे। पूरे मामले में विद्यालय की प्रधान शिक्षिका रत्ना यादवेन्द्र का कहना है कि शिक्षक नियमित आते हैं। वहीं मध्यान्ह भोजन की नियमित चलता है। कुछ लोग ग्रामीण राजनीतिक के कारण इस तरह कर रहे हैं। ----------------
कोट
मामला गंभीर है। जांच के बाद हर हाल में कार्यवाही की जाएगी। दोषी को बख्शा नहीं जायेगा।
बीएन मंडल
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