मुजफ्फरपुर। विधान पार्षद प्रो. संजय कुमार सिंह ने कहा कि वित्त रहित
शिक्षकों के लिए सेवा शर्त नियमावली बनेगी। सेवा शर्त नियमावली बनने के बाद
प्रबंधन की मनमानी रुकेगी।
इमलीचट्टी स्थित एक होटल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार के स्तर पर बातचीत हो चुकी है। दो से तीन महीने के अंदर नियमावली बन जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि 2010-11 से अनुदान बाकी है। अनुदान देने का तरीका पूरी तरह अनोखा है। इस तरह की व्यवस्था कहीं नहीं है। परीक्षाफल के आधार पर अनुदान दिया जा रहा है। सदन में वित्त रहित शिक्षक व वित्त रहित डिग्री कॉलेज के मामले को उठा चुके हैं। शिक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया है कि ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। अनुदान के सवाल पर कहा कि बकाया अनुदान का भुगतान होगा। 1986 में राज्य सरकार से बिहार राज्य विवि शिक्षक महासंघ के साथ अंगीभूतिकरण के समझौते व कोर्ट के आदेश तथा 1989 में सरकार से पारित प्रस्ताव के आलोक में इस श्रेणी के महाविद्यालय को अंगीभूतिकरण व अधिग्रहण करने की मांग सरकार से की है। सरकार से यह भी कहा गया कि वित्तरहित स्कूल व महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन भुगतान के घाटे का अनुदान देने की व्यवस्था करें।
मौके पर बिहार राज्य इंटर डिग्री संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष प्रो. राम विनोद शर्मा, प्रो. नरेन्द्र कुमार सिंह, पवन कुमार, अजय कुमार शर्मा, विभाष कुमार सिन्हा, प्रो. प्रशांत कुमार, अजय कुमार, अजीत कुमार शाही, रमेश कुमार गुप्ता आदि मौजूद थे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
इमलीचट्टी स्थित एक होटल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार के स्तर पर बातचीत हो चुकी है। दो से तीन महीने के अंदर नियमावली बन जाने की संभावना है। उन्होंने कहा कि 2010-11 से अनुदान बाकी है। अनुदान देने का तरीका पूरी तरह अनोखा है। इस तरह की व्यवस्था कहीं नहीं है। परीक्षाफल के आधार पर अनुदान दिया जा रहा है। सदन में वित्त रहित शिक्षक व वित्त रहित डिग्री कॉलेज के मामले को उठा चुके हैं। शिक्षा मंत्री ने आश्वस्त किया है कि ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। अनुदान के सवाल पर कहा कि बकाया अनुदान का भुगतान होगा। 1986 में राज्य सरकार से बिहार राज्य विवि शिक्षक महासंघ के साथ अंगीभूतिकरण के समझौते व कोर्ट के आदेश तथा 1989 में सरकार से पारित प्रस्ताव के आलोक में इस श्रेणी के महाविद्यालय को अंगीभूतिकरण व अधिग्रहण करने की मांग सरकार से की है। सरकार से यह भी कहा गया कि वित्तरहित स्कूल व महाविद्यालय में कार्यरत शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन भुगतान के घाटे का अनुदान देने की व्यवस्था करें।
मौके पर बिहार राज्य इंटर डिग्री संयुक्त संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष प्रो. राम विनोद शर्मा, प्रो. नरेन्द्र कुमार सिंह, पवन कुमार, अजय कुमार शर्मा, विभाष कुमार सिन्हा, प्रो. प्रशांत कुमार, अजय कुमार, अजीत कुमार शाही, रमेश कुमार गुप्ता आदि मौजूद थे।
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