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समान काम के लिये समान वेतनमान : हाईकोर्ट में क्यों मिल रही है तारीख पर तारीख,क्या केस हो जायेगा ख़ारिज

नियोजित शिक्षकों के समान काम के लिये समान वेतनमान का मामला.....हाईकोर्ट में क्यों मिल रही है तारीख पर तारीख,क्या केस हो जायेगा ख़ारिज...
सभी आदरणीय शिक्षकों को Ashutosh Amit का नमस्कार.नियोजित शिक्षकों की उम्मीद ‘समान काम के लिये समान वेतनमान’ को लेकर उपेन्द्र राय बनाम बिहार सरकार केस नंबर CWJC21199/2013 की सुनवाई रोज टल रही है.लिस्टेड होने के बाद भी 25 जनवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हुई.
क्या आपने कभी सोचा है कि जिस केस का फैसला 19 दिसंबर को ही आ जाता उस पर सुनवाई भी क्यों नहीं हो रही है.सुप्रीम कोर्ट का आदेश को हाईकोर्ट भी लागू करवाती है.बिहार सरकार को पता है अगर सुनवाई हुई तो हार तय है.
इसलिए अपने विभिन्न दलालों और संघ के नेताओं को राजी कर अलग-अलग केस करवाया जा रहा है.ताकि केस टैग हो और डेट आगे बढ़ता रहे.अगर नेता शिक्षकों के इतने ही हितैषी है तो उपेंद्र राय का समर्थन क्यों नहीं करते है?
दूसरा इस बार समान काम के लिये समान वेतनमान को लेकर मैट्रिक-इंटर परीक्षा और मूल्यांकन का बहिष्कार होने वाला है.सरकार ने बड़ी चालाकी से शिक्षकों का ध्यान बँटाया है.
संघ के नेता कहेंगे हम केस कर चुके है,फैसले का इंतजार करेंगे.इसलिए हड़ताल नहीं करेंगे.हाईकोर्ट में डेट आगे बढ़ता रहेगा.मैट्रिक-इंटर परीक्षा और मूल्यांकन शिक्षकों के द्वारा ही सफल होगा.और हम देखते रह जायेंगे.
फिलहाल अभी उपेन्द्र राय के साथ माध्यमिक शिक्षक संघ (BSTA) टैग है.आने वाले दिनों में व्रजवासी,पूरण,मार्कंड,प्रदीप पप्पू का केस भी टैग होगा.समय बीतता जायेगा,तारीख पे तारीख मिलती रहेगी,हम उम्मीद खोते रहेंगे.......एक उम्मीद के इंतजार में.....
जय भारत,जय बिहार,जय शिक्षक.

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