2017-18 ओडिएल मे नामांकन से संबंधित पत्र
Bihar Teachers News , BTET , BPSC , SSC , Shikshak Niyojan updates
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नियोजित शिक्षकों के ‘समान काम के लिये समान वेतनमान’ केस सुनवाई अब 25 जनवरी को
नियोजित शिक्षकों के ‘समान काम के लिये समान वेतनमान’ का मामला .......पटना हाईकोर्ट में केस नंबर CWJC21199/2013 को लेकर 24 जनवरी को होने वाले सुनवाई अब 25 जनवरी को होगी.
राज्य भर में TET शिक्षकों के हितार्थ आवश्यक कार्रवाई : TSS
मित्रों जैसा कि आपलोग देख रहे होंगे कि TSS की पूरी टीम पुरे मेहनत एवं जोश के साथ राज्य भर में TET शिक्षकों के हितार्थ आवश्यक कार्रवाई कर रही है जिससे आम tet शिक्षकों में संघ के प्रति श्रद्धा एवं विश्वास
समस्तीपुर में मानव श्रृंखला के दौरान शिक्षक का निधन
समस्तीपुर : मानव श्रृंखला बनाकर जब बिहार पूरी दुनिया को नशामुक्त समाज बनाने का संदेश दे रहा था तभी इस महाअभियान में भाग ले रहे समस्तीपुर जिले के उजियारपुर प्रखंड स्थित माधोडीह उत्क्रमित मध्य विद्यालय के शिक्षक शिव कुमार गिरि बेहोश हो गए थे, जिनका कल देर रात निधन हो गया। वे करीब 30 वर्ष के थे।
शिक्षकों के लंबित मांगों को शीघ्र पूरा करे विभाग
सिवान । शिक्षा विभाग के स्थापना कार्यालय में सोमवार को बिहार राज्य
प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव सह सारण जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के
प्रधान सचिव दिनेश ¨सह ने डीपीओ अखिलेश्वर ¨सह से मिलकर शिक्षकों की लंबित
मांगों से को लेकर वार्ता की।
रुपये खत्म होने से शिक्षकों को नहीं मिल रहा वेतन
सीवान। कार्यालय संवाददाता शिक्षा विभाग के स्थापना शाखा में वेतन मद के रुपये खत्म हो गए हैं। इससे सीवान में शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है। किसी का चार माह का तो किसी का तीन माह का वेतन लम्बित है।
मधुबनी में सात सौ शिक्षक अभ्यर्थियों के नियोजन पर ग्रहण
मधुबनी | नगर संवाददाता जिला परिषद के माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक के सात सौ शिक्षक अभ्यर्थियों के नियोजन पर ग्रहण लग गया है। शिक्षक नियोजन पैनल निर्माण समिति ने सोमवार को बैठक कर 25 जनवरी तक होने वाले नियोजन पर फिलहाल रोक लगा दी है।
प्रोत्साहन योजना के लिए पंजीकरण की तिथि बढ़ी
समस्तीपुर : इंस्पायर अवार्ड स्कीम (विज्ञान अनुसरण में अभिप्रेरित अनुसंधान के लिए अभिनव परिवर्तन) के तहत वर्ष 2016-17 के लिए विद्यार्थियों का पंजीयन नहीं हो रहा है़ निजी व सभी कोटियों के सरकारी विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों व शिक्षकों की लापरवाही का खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ सकता है़
अब नहीं चलेगी प्रधानों की मनमानी चलाना होगा मानक अनुरूप एमडीएम
सुपौल : जिले भर के विद्यालयों में संचालित एमडीएम योजना शुरुआती दिनों से ही विवादों में रही है. दरअसल एमडीएम योजना के माध्यम से सरकार द्वारा जहां विद्यालय में नामांकित बच्चों को पठन-पाठन के साथ समुचित तरीके से गुणवत्ता युक्त भोजन परोसे जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गयी. इसका एक उद्देश्य सरकारी विद्यालयों में बच्चों की उपस्थिति को बढ़ाना भी था. लेकिन जिले के कई विद्यालयों में इस योजना का समुचित तरीके से अनुपालन नहीं हो रहा है.
सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को लागू किये जाने बाद करोड़ों-अरबों की राशि खर्च विद्यालयों को सुसज्जित कराने का कार्य किया गया है. साथ ही प्रखंड से लेकर जिला स्तर पर अलग से एमडीएम कार्यालय का संचालन कराया गया. बच्चों को सप्ताह भर परोसे जाने वाले मिड डे मिल की तालिका भी विद्यालय प्रबंधन को उपलब्ध करायी गयी. ताकि नामांकित बच्चों को मानक अनुरूप एमडीएम योजना का लाभ मिल सके. लेकिन जिले में कई ऐसे विद्यालयों में समुचित तरीके से एमडीएम का संचालन नहीं हो पा रहा है. इसे विभागीय उदासीनता कहें या फिर कुछ और, लेकिन खामियाजा बच्चों को ही भुगतना पड़ रहा है. लेकिन विभागीय अधिकारियों की मानें तो योजना में सुधार के लिए नये सिरे से पहल आरंभ हुई है. जिससे योजना क्रियान्वयन को लेकर प्रधानों की मनमानी पर भी विराम लगेगा.
इंफ्रास्ट्रक्चर व शिक्षक की है कमी : विभागीय आंकड़े के मुताबिक जिले भर के विद्यालयों में शिक्षा पाने की गरज से कुल 04 लाख 62 हजार 60 छात्र-छात्रा नामांकित हैं. जहां विभाग द्वारा छात्र व शिक्षक का अनुपात भी तैयार किया गया. ताकि बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया करायी जा सके. वही मानक के अनुरूप शिक्षा प्रदान कराने हेतु जिले भर में लगभग 15 हजार शिक्षकों की दरकार है. लेकिन आलम यह है कि जिले भर में कार्यरत शिक्षकों का आंकड़ा 10 हजार से भी नीचे है. जिसके कारण अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा वार भी शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. वहीं कई मध्य विद्यालय विषयवार शिक्षकों के अभाव से जूझ रहे हैं. यहां नामांकित बच्चे भूमि व भवन के अभाव में खुले आसमान के नीचे, बांस बाड़ी या फिर किसी निजी दरवाजे पर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. जो सरकार की स्वच्छता अभियान की पोल खोलती नजर आ रही है. जबकि स्वच्छता अभियान के तहत विद्यालयों में शौचालय व स्वच्छ पेयजल के नाम पर करोड़ों की राशि खर्च की गयी है.
एमडीएम योजना संचालन कराने हेतु प्रतिदिन स्थानीय शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों सहित कई आलाधिकारियों द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है. वही विभाग द्वारा भी दैनिकी दूरभाष सहित अन्य संसाधन के जरिये जानकारी हासिल की जा रही है. साथ ही गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित विद्यालय प्रधान के विरुद्ध कार्रवाई भी की जा रही है. बावजूद एमडीएम संचालन में कई विद्यालय प्रबंधनों की उदासीनता बरकरार है. गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन योजना राघवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा भी जिले के बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण किया गया. जहां कुछ विद्यालयों में उन्होंने एमडीएम का संचालन बंद पाया. वहीं 17 जनवरी को जिला शिक्षा पदाधिकारी मो हारुण ने सदर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय अमहा उत्तर के निरीक्षण के दौरान वे विद्यालय में अपराह्न 01 बजे तक एमडीएम नहीं बनाया गया था. इसी प्रकार योजना में गड़बड़ी के अन्य कई मामलों में भी कार्रवाई हो चुकी है.
जिले के कुछ विद्यालयों में कतिपय कारणों से एमडीएम योजना बाधित होने की जानकारी मिली है. एक सप्ताह पूर्व हमने प्रभार ग्रहण किया है. मिड डे मिल योजना से प्रभावित विद्यालयों में शीघ्र ही संचालन कराया जायेगा. साथ ही नियमानुकूल एमडीएम का संचालन नहीं किये जाने पर संबंधितों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी.
राघवेंद्र प्रताप सिंह, प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, एमडीएम
सरकार द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 को लागू किये जाने बाद करोड़ों-अरबों की राशि खर्च विद्यालयों को सुसज्जित कराने का कार्य किया गया है. साथ ही प्रखंड से लेकर जिला स्तर पर अलग से एमडीएम कार्यालय का संचालन कराया गया. बच्चों को सप्ताह भर परोसे जाने वाले मिड डे मिल की तालिका भी विद्यालय प्रबंधन को उपलब्ध करायी गयी. ताकि नामांकित बच्चों को मानक अनुरूप एमडीएम योजना का लाभ मिल सके. लेकिन जिले में कई ऐसे विद्यालयों में समुचित तरीके से एमडीएम का संचालन नहीं हो पा रहा है. इसे विभागीय उदासीनता कहें या फिर कुछ और, लेकिन खामियाजा बच्चों को ही भुगतना पड़ रहा है. लेकिन विभागीय अधिकारियों की मानें तो योजना में सुधार के लिए नये सिरे से पहल आरंभ हुई है. जिससे योजना क्रियान्वयन को लेकर प्रधानों की मनमानी पर भी विराम लगेगा.
इंफ्रास्ट्रक्चर व शिक्षक की है कमी : विभागीय आंकड़े के मुताबिक जिले भर के विद्यालयों में शिक्षा पाने की गरज से कुल 04 लाख 62 हजार 60 छात्र-छात्रा नामांकित हैं. जहां विभाग द्वारा छात्र व शिक्षक का अनुपात भी तैयार किया गया. ताकि बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मुहैया करायी जा सके. वही मानक के अनुरूप शिक्षा प्रदान कराने हेतु जिले भर में लगभग 15 हजार शिक्षकों की दरकार है. लेकिन आलम यह है कि जिले भर में कार्यरत शिक्षकों का आंकड़ा 10 हजार से भी नीचे है. जिसके कारण अधिकांश प्राथमिक विद्यालयों में कक्षा वार भी शिक्षक उपलब्ध नहीं हैं. वहीं कई मध्य विद्यालय विषयवार शिक्षकों के अभाव से जूझ रहे हैं. यहां नामांकित बच्चे भूमि व भवन के अभाव में खुले आसमान के नीचे, बांस बाड़ी या फिर किसी निजी दरवाजे पर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. जो सरकार की स्वच्छता अभियान की पोल खोलती नजर आ रही है. जबकि स्वच्छता अभियान के तहत विद्यालयों में शौचालय व स्वच्छ पेयजल के नाम पर करोड़ों की राशि खर्च की गयी है.
एमडीएम योजना संचालन कराने हेतु प्रतिदिन स्थानीय शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों सहित कई आलाधिकारियों द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है. वही विभाग द्वारा भी दैनिकी दूरभाष सहित अन्य संसाधन के जरिये जानकारी हासिल की जा रही है. साथ ही गड़बड़ी पाये जाने पर संबंधित विद्यालय प्रधान के विरुद्ध कार्रवाई भी की जा रही है. बावजूद एमडीएम संचालन में कई विद्यालय प्रबंधनों की उदासीनता बरकरार है. गौरतलब है कि कुछ दिनों पूर्व प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मध्याह्न भोजन योजना राघवेंद्र प्रताप सिंह द्वारा भी जिले के बसंतपुर प्रखंड अंतर्गत विभिन्न विद्यालयों का निरीक्षण किया गया. जहां कुछ विद्यालयों में उन्होंने एमडीएम का संचालन बंद पाया. वहीं 17 जनवरी को जिला शिक्षा पदाधिकारी मो हारुण ने सदर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय अमहा उत्तर के निरीक्षण के दौरान वे विद्यालय में अपराह्न 01 बजे तक एमडीएम नहीं बनाया गया था. इसी प्रकार योजना में गड़बड़ी के अन्य कई मामलों में भी कार्रवाई हो चुकी है.
जिले के कुछ विद्यालयों में कतिपय कारणों से एमडीएम योजना बाधित होने की जानकारी मिली है. एक सप्ताह पूर्व हमने प्रभार ग्रहण किया है. मिड डे मिल योजना से प्रभावित विद्यालयों में शीघ्र ही संचालन कराया जायेगा. साथ ही नियमानुकूल एमडीएम का संचालन नहीं किये जाने पर संबंधितों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी.
राघवेंद्र प्रताप सिंह, प्रभारी जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, एमडीएम
फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षक का नियोजन रद्द करने का आदेश
फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षक का नियोजन रद्द करने का आदेश
बक्सर। जिला अपीलीय प्राधिकार ने इटाढ़ी प्रखंड के अतरौना पंचायत में प्राथमिक विद्यालय सिकटौना में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षक शिव कुमार चौधरी का नियोजन रद्द करने का आदेश दिया है। साथ ही विभाग से अनुमति लेकर अपीलार्थी ओम प्रकाश का नियोजन करने के लिए कहा है। प्राधिकार के आदेश पर डीपीओ स्थापना द्वारा शिव कुमार चौधरी के प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई, जो जाली पाया गया। बता दें कि ओम प्रकाश द्वारा फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर 2006 में बहाल पंचायत शिक्षक शिव कुमार चौधरी का नियोजन रद्द करते हुए उक्त पद पर अपनी बहाली के लिए जिला अपीलीय प्राधिकार में अपील की गई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए प्राधिकार ने 21 दिसम्बर को यह आदेश दिया था।
बक्सर। जिला अपीलीय प्राधिकार ने इटाढ़ी प्रखंड के अतरौना पंचायत में प्राथमिक विद्यालय सिकटौना में फर्जी प्रमाण पत्र पर बहाल शिक्षक शिव कुमार चौधरी का नियोजन रद्द करने का आदेश दिया है। साथ ही विभाग से अनुमति लेकर अपीलार्थी ओम प्रकाश का नियोजन करने के लिए कहा है। प्राधिकार के आदेश पर डीपीओ स्थापना द्वारा शिव कुमार चौधरी के प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई, जो जाली पाया गया। बता दें कि ओम प्रकाश द्वारा फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर 2006 में बहाल पंचायत शिक्षक शिव कुमार चौधरी का नियोजन रद्द करते हुए उक्त पद पर अपनी बहाली के लिए जिला अपीलीय प्राधिकार में अपील की गई थी, जिसपर सुनवाई करते हुए प्राधिकार ने 21 दिसम्बर को यह आदेश दिया था।
जिप शिक्षकों के नियोजन पर लगा ब्रेक, बैठक में हुआ फैसला
मधुबनी।
जिला परिषद माध्यमिक, उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन पैनल निर्माण समिति की
बैठक समिति अध्यक्ष सह जिप अध्यक्ष शीला देवी की अध्यक्षता में उनके
कार्यालय प्रकोष्ठ में सोमवार को हुई। जिसमें समिति सदस्य व जिला पार्षद
उदय कुमार मंडल, डीडीसी सह जिप के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी हाकिम प्रसाद,
डीपीओ-स्थापना के प्रतिनिधि ने भाग लिया। बैठक में नियोजन प्रभारी पवन
कुमार व सहायक रंधीर कुमार झा भी उपस्थित थे।
रोस्टर की भी समीक्षा
इस
बैठक में जिप माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियोजन
के लिए विचार-विमर्श किया गया। काउंसलिंग के उपरांत तैयार किए गए अंतिम
मेधा सूची की समीक्षा इस बैठक में की गई। साथ ही बैठक में जिला परिषद
माध्यमिक शिक्षक तथा जिला परिषद उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन के लिए तैयार
की गई रिक्तियों संबंधी रोस्टर की भी समीक्षा की गई।
समीक्षा
में यह पाया गया कि डीपीओ-स्थापना द्वारा जिप माध्यमिक व उच्च माध्यमिक
शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियोजन के लिए जो रोस्टर तैयार कर उपलब्ध कराई
गई है, उसमें राज्य सरकार द्वारा महिलाओं को 35 फीसद तथा स्वतंत्रता
सेनानियों के तीसरी पीढ़ी (पोता, पोती, नाती, नतिनी) के लिए 02 प्रतिशत
क्षैतिज आरक्षण के प्रावधान का अनुपालन नहीं किया गया है।
जिस
कारण रिक्तियों के लेकर तैयार की गई रोस्टर को सरकारी प्रावधान के अनुकूल
नहीं पाया गया। इस कारण 25 जनवरी 2017 को निर्धारित नियोजन प्रक्रिया को
तत्काल प्रभाव से स्थगित करने का निर्णय लिया गया।
बहरहाल
जिप माध्यमिक शिक्षक के 331 तथा जिप उच्चतर माध्यमिक शिक्षक के 670 रिक्त
पदों पर नियोजन की प्रक्रिया स्थगित हो गई है। जिस कारण नियोजन का बाट जोह
रहे अभ्यर्थियों को एक बार फिर मायूसी हाथ लगी है।
28 को शिक्षक देंगे धरना
सुपौल। जिला प्राथमिक शिक्षक संघ गोप गुट सुपौल के जिला संयोजक हरिलाल यादव
ने सरायगढ़-भपटियाही प्रखंड क्षेत्र में कार्यरत नियमित शिक्षक, नियोजित
शिक्षक-शिक्षिकाओं से 28 जनवरी को जिला मुख्यालय में आयोजित एक दिवसीय धरना
में भाग लेने का अपील किया है। उन्होंने कहा कि धरना के माध्यम से सरकार
को मांगों के समर्थन में ज्ञापन भेजा जाएगा।
Big Breaking News : बिहार शिक्षक नियोजन : 24 Jan 2017
- Govt Jobs : Alerts Jan 2017 : http://e-sarkarinaukritimes.blogspot.com
- जानिये लड़कियों को लड़कों के कौनसे अंग करते है सबसे ज्यादा आकर्षित
- समान काम समान वेतन : वक्त आने पर सब एक साथ , पर अपनी लडाई अपने हाथ
- 7th पे कमीशन की सिफारिशें मंजूर : Q&A में समझें कब से मिलेगी बढ़ी सैलरी? कैसे और कितना फायदा मिलेगा फायदा ?
अथ् श्री ठेका वाले शिक्षक कथा by शिक्षा मित्र 2003
भाजपा से अलगाव के बाद सूबे के राजा रोज नई परेशानियों से घिरते नजर आ रहे हैं. बगहा में आदिवासियों पर पुलिस फायरिंग, बोधगया बम बलास्ट, मशरख मिड-डे मील कांड से उनकी किरकिरी हो चुकी है.
अब बिहार में नई नियमावली के तहत होगी शिक्षकों की बहाली!
अब बिहार में नई नियमावली के तहत होगी शिक्षकों की बहाली!
पटना। नई शिक्षक नियोजन नियमावली में राज्य शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार को दंडात्मक अधिकार मिलेंगे। पहले प्राधिकार के निर्णय की अवहेलना की शिकायतें मिलती थीं।
पटना। नई शिक्षक नियोजन नियमावली में राज्य शिक्षक नियोजन अपीलीय प्राधिकार को दंडात्मक अधिकार मिलेंगे। पहले प्राधिकार के निर्णय की अवहेलना की शिकायतें मिलती थीं।
शिक्षकों के 14 हजार पदों पर बहाली जल्द , बीएसईबी को दिया तैयारी का निर्देश
पटना, हिन्दुस्तान ब्यूरो शिक्षा विभाग ने राज्य के सरकारी माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में 14 हजार रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया तेज कर दी है।
मुख्य विन्दु : बिहार शिक्षक नियोजन एवं सेवाशर्त नियमावली 2016
शिक्षक नियोजन एवं सेवाशर्त नियमावली २०१६ मुख्य विन्दु
१. स्नातक प्रतिष्ठा वाले का सम्बंधित विषय में नियोजन होने पर 5 बोनस अंक मिलेगा.
१. स्नातक प्रतिष्ठा वाले का सम्बंधित विषय में नियोजन होने पर 5 बोनस अंक मिलेगा.
शिक्षक नियोजन 2008 के मुताबिक कर रहे नियुक्ति की मांग
आजमनगर : बलरामपुर, कदवा प्रखंड में शिक्षक नियोजन 2008 के मुताबिक करने
की मांग शिक्षक अभ्यर्थी कर रहे हैं. इस संबंध में हाइकोर्ट में एलपीए नंबर
858/212 जो 12 दिसंबर 2014 को निष्पादन होने के बावजूद भी आज तक नियोजन की
प्रक्रिया पूर्ण नहीं की जा सकी है.
मुजफ्फरपुर में पकड़े गये 335 फर्जी गुरुजी, मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू
मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में टीईटी शिक्षकों
की बहाली में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। फर्जी टीईटी
प्रमाण-पत्र पर बहाल हुए कुल 335 ऐसे फर्जी शिक्षकों को शिक्षा विभाग की
शुरूआती जांच में पकड़ा गया है।
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