सीवान। कार्यालय संवाददाता शिक्षा विभाग के स्थापना शाखा में वेतन मद के रुपये खत्म हो गए हैं। इससे सीवान में शिक्षकों को वेतन नहीं मिल रहा है। किसी का चार माह का तो किसी का तीन माह का वेतन लम्बित है।
राज्य सरकार से रुपए की मांग की
विभाग को थोड़ी सी चिंता नहीं है कि समय पर वेतन मद की राशि राज्य सरकार से मांग कर हर माह का वेतन भुगतान कर दे। वेतन भुगतान के लिए अफसरों पर दबाव बनने पर स्थापना के डीपीओ अखिलेश्वर प्रसाद ने सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ राजकुमार से 66 करोड़ 44 लाख रुपये आवंटन की मांग की। सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ ने इस पर राज्य सरकार से 66 करोड़ 44 लाख रुपये की मांग की है, ताकि शिक्षकों का वेतन भुगतान हो सके।
जिले के नौ प्रखंडों के शिक्षकों का चार माह का वेतन भुगतान लम्बित है। इसमें रघुनाथपुर, दरौली, गुठनी, मैरवा, नौतन, जीरादेई, पचरुखी, महाराजगंज व गोरेयाकोठी शामिल है। इन शिक्षकों को सितम्बर, नवम्बर, दिसम्बर व जनवरी माह का वेतन भुगतान लम्बित है। वेतन भुगतान समय पर हो इसके लिए सभी प्रखंडों के बीईओ हेडमास्टरों से हर माह की 28 तारीख तक वेतन भुगतान के लिए उपस्थिति विवरणी भेज देते है। फिर भी वेतन समय पर नहीं मिलता है। अन्य प्रखंडों के शिक्षकों को नवम्बर, दिसम्बर व जनवरी का वेतन भुगतान करना है। जिस प्रखंडों के शिक्षकों को जीओबी मद से वेतन भुगतान होता है, उनका भुगतान नवम्बर तक हुआ है।
भूखे पेट गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए शिक्षक मजबूर
सीवान। जिले के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का जिस तरह वेतन भुगतान बकाया है, उससे लगता है कि शिक्षक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। भूखे पेट स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इससे स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। शिक्षक रोज दिन गिन रहे हैं कि कब वेतन का भुगतान होगा। कई शिक्षक कर्ज से घर खर्च चला रहे हैं। इससे उनमें ज्यादा बेचैनी है।
19 जनवरी को ही मांगी गई है राशि
सीवान। शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए स्थापना डीपीओ ने सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ से 19 जनवरी को राशि की मांग की है। इसमें नौ प्रखंडों में कार्यरत शिक्षकों के सितम्बर के लिए साढ़े चार करोड़, वेतनवृद्वि के लिए साढ़े आठ करोड़, नवम्बर व दिसम्बर माह के वेतन भुगतान के लिए 40 करोड़ शामिल है। नए नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए एक करोड़ रुपये मांगी गई है। जो आवंटन मांगा गया है, उसमें जनवरी के वेतन भुगतान को शामिल नहीं किया गया है। वेतन मद में आवंटन मिल भी जाता है तो जनवरी के वेतन भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ेगा। सर्व शिक्षा अभियान द्वारा मांगी गई आवंटन सोमवार को राज्य मुख्यालय को मिल गया है। वहां से आवंटन मिलने का इंतजार किया जा रहा है।
डीपीओ स्थापना ने जिले के 292 स्नातक प्रशिक्षितों के लिए सर्व शिक्षा के डीपीओ से राशि मांगी है। नवम्बर व दिसम्बर के वेतन भुगतान के लिए तीन करोड़ 44 लाख रुपये की मांग की है, ताकि उनका भी भुगतान किया जा सके।
क्या कहते हैं डीपीओ
सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ राजकुमार ने कहा कि स्थापना डीपीओ द्वारा मांगी गई राशि के आलोक में राज्य मुख्यालय से आवंटन की मांग की गई है। आवंटन मिलते ही वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
बिहार राज्य प्रारम्भिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष मंगल कुमार साह ने कहा कि सरकार शिक्षकों को समय पर वेतन भुगतान नहीं कर रही है। केवल जांच के नाम पर उन्हें परेशान करती है। राज्य सरकार को चाहिए कि शिक्षकों को हर माह वेतन भुगतान करें। ताकि उन्हें घर खर्च चलाने में सहूलियत हो।
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राज्य सरकार से रुपए की मांग की
विभाग को थोड़ी सी चिंता नहीं है कि समय पर वेतन मद की राशि राज्य सरकार से मांग कर हर माह का वेतन भुगतान कर दे। वेतन भुगतान के लिए अफसरों पर दबाव बनने पर स्थापना के डीपीओ अखिलेश्वर प्रसाद ने सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ राजकुमार से 66 करोड़ 44 लाख रुपये आवंटन की मांग की। सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ ने इस पर राज्य सरकार से 66 करोड़ 44 लाख रुपये की मांग की है, ताकि शिक्षकों का वेतन भुगतान हो सके।
जिले के नौ प्रखंडों के शिक्षकों का चार माह का वेतन भुगतान लम्बित है। इसमें रघुनाथपुर, दरौली, गुठनी, मैरवा, नौतन, जीरादेई, पचरुखी, महाराजगंज व गोरेयाकोठी शामिल है। इन शिक्षकों को सितम्बर, नवम्बर, दिसम्बर व जनवरी माह का वेतन भुगतान लम्बित है। वेतन भुगतान समय पर हो इसके लिए सभी प्रखंडों के बीईओ हेडमास्टरों से हर माह की 28 तारीख तक वेतन भुगतान के लिए उपस्थिति विवरणी भेज देते है। फिर भी वेतन समय पर नहीं मिलता है। अन्य प्रखंडों के शिक्षकों को नवम्बर, दिसम्बर व जनवरी का वेतन भुगतान करना है। जिस प्रखंडों के शिक्षकों को जीओबी मद से वेतन भुगतान होता है, उनका भुगतान नवम्बर तक हुआ है।
भूखे पेट गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए शिक्षक मजबूर
सीवान। जिले के प्राइमरी व मिडिल स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों का जिस तरह वेतन भुगतान बकाया है, उससे लगता है कि शिक्षक आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। भूखे पेट स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए मजबूर हो रहे हैं। इससे स्कूलों में पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। शिक्षक रोज दिन गिन रहे हैं कि कब वेतन का भुगतान होगा। कई शिक्षक कर्ज से घर खर्च चला रहे हैं। इससे उनमें ज्यादा बेचैनी है।
19 जनवरी को ही मांगी गई है राशि
सीवान। शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए स्थापना डीपीओ ने सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ से 19 जनवरी को राशि की मांग की है। इसमें नौ प्रखंडों में कार्यरत शिक्षकों के सितम्बर के लिए साढ़े चार करोड़, वेतनवृद्वि के लिए साढ़े आठ करोड़, नवम्बर व दिसम्बर माह के वेतन भुगतान के लिए 40 करोड़ शामिल है। नए नियोजित शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए एक करोड़ रुपये मांगी गई है। जो आवंटन मांगा गया है, उसमें जनवरी के वेतन भुगतान को शामिल नहीं किया गया है। वेतन मद में आवंटन मिल भी जाता है तो जनवरी के वेतन भुगतान के लिए इंतजार करना पड़ेगा। सर्व शिक्षा अभियान द्वारा मांगी गई आवंटन सोमवार को राज्य मुख्यालय को मिल गया है। वहां से आवंटन मिलने का इंतजार किया जा रहा है।
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डीपीओ स्थापना ने जिले के 292 स्नातक प्रशिक्षितों के लिए सर्व शिक्षा के डीपीओ से राशि मांगी है। नवम्बर व दिसम्बर के वेतन भुगतान के लिए तीन करोड़ 44 लाख रुपये की मांग की है, ताकि उनका भी भुगतान किया जा सके।
क्या कहते हैं डीपीओ
सर्व शिक्षा अभियान के डीपीओ राजकुमार ने कहा कि स्थापना डीपीओ द्वारा मांगी गई राशि के आलोक में राज्य मुख्यालय से आवंटन की मांग की गई है। आवंटन मिलते ही वेतन भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
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