संवाद सूत्र, बरियारपुर (मुंगेर) : प्रखंड में स्थापित नये उच्च विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से यहां दाखिला लेने वाले छात्रों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । विद्यार्थियों व अभिभावकों का कहना है कि आखिर कब तक बहाली का इंतजार करना पड़ेगा। सरकार उच्च शिक्षा में बदलाव के लिए बड़े-बड़े दावे कर रही है, लेकिन नये बनाए गए उच्च विद्यालय में शिक्षक ही नहीं है।
विद्यार्थियों व अभिभावकों का कहना है कि नजदीक में विद्यालय खुल जाने के कारण उन लोगों को लगा था कि अब बच्चियों व बच्चों को दूर के विद्यालय भेजने से उन्हें छुटकारा मिल जाएगा तथा उनके पंचायत में ही खुले विद्यालय में उनके बच्चे शिक्षा ग्रहण करेंगे लेकिन ऐसे किसी भी विद्यालय में शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है जिससे विद्यार्थी नामांकन कराने के बाद घर में बैठने को विवश हैं। अभिभावक पंकज कुमार ,विनोद कुमार ,सुमन कुमार सहित अन्य ने कहा कि इससे तो अच्छा रहता कि पुराने उच्च विद्यालय में अपने बच्चों का नामांकन कराते जिससे कम से कम बच्चों को उच्च शिक्षा तो मिल जाती।अब विद्यालय में नामांकन करा कर पछता रहे हैं।
बताते चलें कि सरकार द्वारा वैसे पंचायत जिसमें पहले से उच्च विद्यालय स्थापित नहीं थे उस पंचायत के एक मध्य विद्यालय को उत्क्रमित कर उच्च विद्यालय का दर्जा दिया। ऐसे विद्यालय में नामांकन तथा मैट्रिक की परीक्षा का पंजीयन कराने का भी आदेश दिया गया। इसके अलावा आज से लगभग 10 वर्ष पूर्व उत्क्रमित किए गए 4 विद्यालयों में भी आज तक सभी विषयों के शिक्षक की नियुक्ति नहीं की जा सकी है।
जबकि 10 वर्ष से इस विद्यालय के विद्यार्थी मैट्रिक की परीक्षा पास कर कालेज में नामांकन करा रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि सरकार को विद्यालय में नामांकन कराने के पूर्व शिक्षकों की नियुक्ति करनी चाहिए जिससे कि विद्यार्थी नामांकन के बाद इधर-उधर नहीं भटके। ऐसे में उन लोगों को अपने बच्चों को प्राइवेट ट््यूशन दिलाने के अलावा कोई रास्ता नहीं रह गया है।