अब बिहार में शराबियों को नौकरी नहीं मिलेगी। प्राइवेट सेक्टर में भी शिकंजा कसा जा रहा है। सरकार की सख्ती के बाद आदेश जारी कर अफसरों को जवाबदेह बनाया जा रहा है। बिहार के सभी 38 जिलों में प्रशासन की सख्ती दिख रही है।
पटना में अधिकारियों ने होटल से लेकर अन्य प्राइवेट सेक्टर से जुड़े लोगों के साथ बैठक कर शराब को लेकर रणनीति बनाई है। CM नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा था, "शराब की सूचना होगी तो पुलिस कहीं भी छापेमारी कर सकती है।'
अधिकारियों ने बताया, "शराब की हिस्ट्री वालों को नौकरी नहीं दी जाए। कर्मचारियों से शपथ लेने को कहा जा रहा है, जिससे कोई शराब नहीं पीएं। अफसरों को जवाबदेह बनाया जा रहा है ताकि प्राइवेट सेक्टर में भी शराब को लेकर सख्ती बरती जा सके। इसके लिए भविष्य में और सख्ती की तैयारी चल रही है। बिहार के सभी जिलों में शराब को लेकर अलग-अलग रणनीति तय की जा रही है।'
शराबबंदी कानून को लेकर सख्ती
पटना कमिश्नर संजय कुमार अग्रवाल और IG संजय सिंह ने शराबबंदी कानून का सख्ती से अनुपालन कराने के साथ मॉनिटरिंग के लिए सभी जिलों के DM, SP व अन्य उच्चाधिकारियों के साथ होटल, रेस्टोरेंट, लॉज संचालक के साथ बैठक की है। इसमें साफ कहा गया है कि ऐसे लोगों को नौकरी पर नहीं रखा जाए, जिसके शराब पीने ही हिस्ट्री रही हो। होटल, बैंक्वेट हॉल के मालिक को CCTV लगाना जरूरी है। उसका लोकेशन बैंक्विट हॉल एवं परिसर में रखना होगा ताकि शादी में शामिल व्यक्तियों की ऐसी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके।
थानेदारों को सख्ती का निर्देश
अपने-अपने अनुमंडलीय क्षेत्र के होटल एवं बैंक्विट हॉल की गतिविधियों पर SDO एवं SDPO विशेष नजर रखेंगे। इसके लिए सभी अनुमंडल पदाधिकारी एवं पुलिस उपाधीक्षक संयुक्त रूप से गस्त करने के साथ मॉनिटरिंग का निर्देश दिया गया है।
शराब के धंधों में संलिप्त लोगों और कारोबारियों के विरुद्ध छापेमारी अभियान तेज करने का निर्देश दिया गया है। उत्पाद एवं पुलिस विभाग की टीम को एक्टिव मोड में रेड करने का निर्देश दिया गया है। सरकार की तरफ से टोल फ्री नंबर जारी किया गया है, जिसका नंबर 15545/ 18003456268 है। इस पर सूचना दी जा सकती है।