राज्य के नियोजित शिक्षकों को सामाजिक सुरक्षा के तहत ईपीएफ का लाभ
मिलेगा। राज्य के प्रारंभिक से लेकर प्लसटू तक के सरकारी विद्यालयों में
वर्तमान में कार्यरत सभी प्रकार के साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों के साथ
ही भविष्य में नियोजित शिक्षक के रूप में योगदान करने वाले शिक्षकों को भी
इस सुविधा से जोड़ा जाएगा। इस दिखा में कार्रवाई को लेकर कर्मचारी भविष्य
निधि संगठन (ईपीएफओ) ने राज्य सरकार के शिक्षा विभाग को पत्र लिखा है।
गौरतलब है कि राज्य के नियोजित शिक्षक ईपीएफ की सुविधा से अबतक वंचित हैं। इसको लेकर अरवल, औरंगाबाद और भोजपुर के कुछ शिक्षकों की ओर से पटना हाईकोर्ट में एक वाद दायर किया गया था। मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने 17 सितम्बर 2019 को अपने आदेश में सभी प्रकार के नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ और एमपी एक्ट 1952 का लाभ देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने इसे सुनिश्चित करने का जिम्मा ईपीएफओ के क्षेत्रीय पीएफ कमिश्नर को दिया है। कार्रवाई के लिए 60 दिनों की मोहलत दी गयी है।
कोर्ट के आदेश की तामीला के लिए ईपीएफ के क्षेत्रीय कमिश्नर आर डब्ल्यू साइम ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन को पिछले ही सप्ताह पत्र लिखकर हाईकोर्ट द्वारा दिये गये 60 दिन के समय का ध्यान कराया है। उन्होंने याचिककर्ताओं की मांग पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है। अदालत के आदेश की किसी तरह की अवमानना न हो, इसका भी ध्यान रखने को कहा गया है।
ईपीएफ आयुक्त ने श्री महाजन को लिखे पत्र में निवेदन किया है कि बिहार के सक्षम नियोजित शिक्षकों को ईपीफ का लाभ देने के लिए शीघ्र जरूरी कदम उठाए जाएं। इसके लिए अपने क्षेत्रीय और जिला कार्यालयों को आवश्यक निर्देश दें। राज्य में कार्यरत ईपीएफओ के क्षेत्रीय और जिला कार्यालय से इस संबंध में किसी तरह के सहयोग के लिए सम्पर्क किया जा सकता है।
उन्होंने शिक्षा विभाग से कहा है ईपीएफ और एमपी एक्ट 1952 के दायरे से नियोजित शिक्षकों को जोड़ने के लिए हर जिले में एक नोडल अफसर नियुक्त किया जाए तथा राज्य स्तर पर एक कोऑर्डिनेटर बनाएं तथा उनके नम्बर ईपीएफओ से साझा करें, ताकि अगले कदम के लिए उनसे सम्पर्क साधा जा सके। हाईकोर्ट के आदेश पर अमल के के लिए ईपीएफओ की ओर से अरवल, औरंगाबाद और भोजपुर के डीईओ तथा डीपीओ स्थापना को भी पत्र भेजा गया है।
माध्यमिक शिक्षक संघ ने भी की थी मांग
21 सितम्बर को ईपीएफओ को पत्र लिखकर बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय ने सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने की मांग की थी। संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि राज्य के साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को नियुक्ति की तिथि से ही ईपीएफ की सुविधा मिलनी चाहिए।
गौरतलब है कि राज्य के नियोजित शिक्षक ईपीएफ की सुविधा से अबतक वंचित हैं। इसको लेकर अरवल, औरंगाबाद और भोजपुर के कुछ शिक्षकों की ओर से पटना हाईकोर्ट में एक वाद दायर किया गया था। मामले पर सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने 17 सितम्बर 2019 को अपने आदेश में सभी प्रकार के नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ और एमपी एक्ट 1952 का लाभ देने का निर्देश दिया। कोर्ट ने इसे सुनिश्चित करने का जिम्मा ईपीएफओ के क्षेत्रीय पीएफ कमिश्नर को दिया है। कार्रवाई के लिए 60 दिनों की मोहलत दी गयी है।
कोर्ट के आदेश की तामीला के लिए ईपीएफ के क्षेत्रीय कमिश्नर आर डब्ल्यू साइम ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन को पिछले ही सप्ताह पत्र लिखकर हाईकोर्ट द्वारा दिये गये 60 दिन के समय का ध्यान कराया है। उन्होंने याचिककर्ताओं की मांग पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है। अदालत के आदेश की किसी तरह की अवमानना न हो, इसका भी ध्यान रखने को कहा गया है।
ईपीएफ आयुक्त ने श्री महाजन को लिखे पत्र में निवेदन किया है कि बिहार के सक्षम नियोजित शिक्षकों को ईपीफ का लाभ देने के लिए शीघ्र जरूरी कदम उठाए जाएं। इसके लिए अपने क्षेत्रीय और जिला कार्यालयों को आवश्यक निर्देश दें। राज्य में कार्यरत ईपीएफओ के क्षेत्रीय और जिला कार्यालय से इस संबंध में किसी तरह के सहयोग के लिए सम्पर्क किया जा सकता है।
उन्होंने शिक्षा विभाग से कहा है ईपीएफ और एमपी एक्ट 1952 के दायरे से नियोजित शिक्षकों को जोड़ने के लिए हर जिले में एक नोडल अफसर नियुक्त किया जाए तथा राज्य स्तर पर एक कोऑर्डिनेटर बनाएं तथा उनके नम्बर ईपीएफओ से साझा करें, ताकि अगले कदम के लिए उनसे सम्पर्क साधा जा सके। हाईकोर्ट के आदेश पर अमल के के लिए ईपीएफओ की ओर से अरवल, औरंगाबाद और भोजपुर के डीईओ तथा डीपीओ स्थापना को भी पत्र भेजा गया है।
माध्यमिक शिक्षक संघ ने भी की थी मांग
21 सितम्बर को ईपीएफओ को पत्र लिखकर बिहार राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष केदारनाथ पांडेय ने सभी नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने की मांग की थी। संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि राज्य के साढ़े चार लाख नियोजित शिक्षकों को नियुक्ति की तिथि से ही ईपीएफ की सुविधा मिलनी चाहिए।