धोरैया : फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर
विद्यालय में तैनात शिक्षकों पर एवं इस गोरखधंधे में सहयोग कर बढ़ावा देने
वाले पदाधिकारियों के विरुद्ध निगरानी विभाग ने शिकंजा कसा है.
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो पटना द्वारा
धोरैया प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ, बीईओ, कई पंचायतों के मुखिया सहित पंचायत
सचिव व शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. निगरानी ब्यूरो के पुलिस
निरीक्षक विपिन कुमार के आवेदन पर धोरैया थाना में 33 लोगों के विरुद्ध
मामला दर्ज किया गया है.
बताया गया है कि उच्च न्यायालय पटना के
जनहित याचिका संख्या 15459/14 में पारित आदेश के आलोक में बिहार राज्य के
उच्चतर माध्यमिक, माध्यमिक पुस्तकालयाध्यक्ष, प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष
2006 से अब तक नियोजित शिक्षकों के शैक्षणिक व शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की
जांच निगरानी द्वारा की गयी थी.
पुलिस अधीक्षक निगरानी अन्वेषण ब्यूरो
पटना के आदेशानुसार सूचक को बांका जिला शिक्षक जांच प्रभारी के लिए
प्रतिनियुक्त किया गया था. निगरानी जांच में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति
पटना के द्वारा शिक्षकों का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया कहा गया है.
निगरानी के दायरे में आने वालों में दो तत्कालीन बीडीओ, एक तत्कालीन बीईओ,
तत्कालीन प्रखंड प्रमुख समेत कई पंचायतों के मुखिया व पंचायत सचिव भी शामिल
है.
ये बनाये गये हैं आरोपित
तत्कालीन बीडीओ राजीव कुमार व अखिलेश्वर
प्रसाद सिंह, तत्कालीन बीईओ राधे पासवान, पूर्व प्रमुख वीणा देवी, मुखिया
जमीला खातून, गौरी देवी, किरण देवी, तलत प्रवीण, शिव शंकर सिंह, चंदना
देवी, बीबी शैरूण, निर्मला देवी, पंचायत सचिव प्रभाकर सिंह, अशोक मंडल,
राजू दास, नवल किशोर झा, अनिरुद्ध मंडल, कपिलदेव सिंह, श्रीकांत राय सहित
फर्जी प्रमाण पत्र संलग्न कर शिक्षक पद पर आसीन होने वाले रेणु कुमारी,
अंजू कुमारी, विनोद कुमार सिंह, आनंद कुमार, शंभू कुमार मंडल, अमित कुमार,
बासुकीनाथ सिंह, आशुतोष कुमार सिंह, मो. जुबेर, कुमार हिमांशु, सुधा देवी,
नीरज कुमार तथा सुनीता कुमारी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गयी है.