इंटर मूल्यांकन कार्य से विरमित शिक्षक भी जांचेंगे मैट्रिक की कॉपियां
पटना : इंटर वार्षिक माध्यमिक परीक्षा 2019 की उत्तर पुस्तिकाओं की
मूल्यांकन के बाद अब मैट्रिक के कॉपियों का मूल्यांकन कार्य शुरू होगा.
इंटर का मूल्यांकन कार्य 18 मार्च को समाप्त हो रहा है. हालांकि यह भी
निर्देश है कि जहां मूल्यांकन कार्य किसी वजह से शेष रह गया है, वहां 26
मार्च तक मूल्यांकन कार्य जारी रहेगा. इससे साथ ही मैट्रिक के मूल्यांकन
कार्य को लेकर बोर्ड के द्वारा दिशा निर्देश जारी कर दिये गये हैं. सभी
जिला शिक्षा पदाधिकारियों व सभी मूल्यांकन केंद्र निदेशकों को पत्र लिख
बोर्ड ने परीक्षकों की नियुक्ति के लिए कह दिया है.
केंद्र निदेशक कर सकते हैं परीक्षक नियुक्त : बिहार बोर्ड ने
परीक्षकों की नियुक्ति को लेकर मूल्यांकन केंद्रों के निदेशकों को अधिकार
सौंपा है.
बोर्ड ने कहा कि डीइओ इंटर मूल्यांकन कार्य से विरमित हो चुके
परीक्षकों को मैट्रिक मूल्यांकन कार्य के लिए अनिवार्य रूप से प्रतिनियुक्त
करें. ऐसे परीक्षक बिना जिला शिक्षा पदाधिकारी की अनुमति के भी अपने स्तर
से स्वयं जाकर मैट्रिक के मूल्यांकन केंद्र पर योगदान दे सकते हैं.
मूल्यांकन केंद्र निदेशक उनकी अर्हता की जांच करने के पश्चात अपने स्तर से
उन्हें परीक्षक के रूप में नियुक्त करेंगे. ऐसे मामलों में जिला शिक्षा
पदाधिकारी के स्तर से प्रतिनियुक्ति की अनिवार्यता नहीं होगी.
कोड का होगा आवंटन
मैट्रिक के मूल्यांकन केंद्रों में स्थानीय स्तर पर चिह्नित शिक्षकों
को आवश्यकतानुसार प्रधान परीक्षक सह परीक्षक नियुक्त करने का निर्देश समिति
द्वारा पूर्व में ही सभी मूल्यांकन केंद्र निदेशक को दिया गया है.
मूल्यांकन केंद्र निदेशक द्वारा स्थानीय स्तर नियुक्त किये प्रधान
परीक्षकों या सह परीक्षकों का शिक्षक कोड यदि समिति द्वारा पूर्व से आवंटित
नहीं हो, तो वैसी स्थिति में उनका शिक्षक कोड मूल्यांकन केंद्र निदेशक
द्वारा प्रक्रिया के अनुसार आवंटित किया जायेगा. नियुक्ति पत्र पर शिक्षक
कोड आवंटन करने को सर्वप्रथम बोर्ड अंकित करने के उपरांत उनके विद्यालय का
कोड अंकित किया जायेगा.
दो पालियों में होगा मूल्याकंन
शिक्षा पदाधिकारी अपने जिला के मैट्रिक के सभी मूल्यांकन केंद्रों में
मूल्यांकन कार्य की विषयवार समीक्षा कर लेंगे एवं जिन मूल्यांकन केंद्रों
में मूल्यांकन की गति धीमी हो, उन मूल्यांकन केंद्रों पर दो पालियों में
सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर एक बजे तक तथा दोपहर दो बजे से रात आठ बजे तक
मूल्यांकन कार्य संपन्न कराने का निर्देश संबंधित मूल्यांकन केंद्र निदेशक
को अपने स्तर से देंगे. इसके अलावा किसी भी मूल्याकंन केंद्र के मूल्यांकन
केंद्र निदेशक अपने स्तर से भी दो पालियों में मूल्यांकन कराने का निर्देश
दे सकते हैं. डीइओ से इसके लिए अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी.