सरकार के शिक्षा विभाग और टीएमबीयू के बीच बीएड के सत्र 2017-19 के
प्रशिक्षु शिक्षकों का भविष्य दांव पर लगता दिख रहा है। ये वैसे छात्र हैं
जो सरकारी प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक हैं लेकिन अनट्रेंड हैं। प्रशिक्षण
के लिए इन्होंने संबंधित सत्र में बीएड में दाखिला लिया था।
कायदे से इनका सत्र जून 2019 में पूरा होना है। लेकिन वित्त से जुड़े केन्द्र सरकार के साथ समझौते को देखते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने टीएमबीयू को मार्च 2019 तक इनका रिजल्ट जारी करने को कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर मार्च 2019 तक रिजल्ट जारी नहीं हुअा तो इन प्रशिक्षुओं की नौकरी खत्म हो जाएगी। इधर, टीएमबीयू का कहना है कि उसे पहले से इसकी कोई जानकारी नहीं थी कि रिजल्ट मार्च में देना होगा। विवि के अधिकारी ने नाम नहीं छापने का आग्रह कर बताया कि शिक्षा विभाग से लेकर राजभवन तक हमेशा सत्र नियमित करने, कक्षाएं पूरी करने और कोर्स पूरा करने को कहता रहता है। एनसीटीई के नियम के तहत वर्ष में कम से कम दो सौ कक्षाएं होना जरूरी है। यह भी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में अचानक परीक्षा की तैयारी करना आसान नहीं है। हालांकि परीक्षा को लेकर सीटीई घंटाघर से पत्र मिला है। विचार किया जा रहा है कि परीक्षा की तैयारी कैसे की जाए। सीटीई घंटाघर के प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि उन्हाेंने विवि को पत्र देकर परीक्षा लेने और रिजल्ट मार्च तक जारी करने का आग्रह किया है। राज्य सरकार के प्रारंभिक स्कूलों में नियोजित शिक्षकों के भुगतान के लिए 80 प्रतिशत राशि राज्य सरकार और 20 प्रतिशत केन्द्र सरकार देती है।
कायदे से इनका सत्र जून 2019 में पूरा होना है। लेकिन वित्त से जुड़े केन्द्र सरकार के साथ समझौते को देखते हुए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने टीएमबीयू को मार्च 2019 तक इनका रिजल्ट जारी करने को कहा है। साथ ही यह भी कहा है कि अगर मार्च 2019 तक रिजल्ट जारी नहीं हुअा तो इन प्रशिक्षुओं की नौकरी खत्म हो जाएगी। इधर, टीएमबीयू का कहना है कि उसे पहले से इसकी कोई जानकारी नहीं थी कि रिजल्ट मार्च में देना होगा। विवि के अधिकारी ने नाम नहीं छापने का आग्रह कर बताया कि शिक्षा विभाग से लेकर राजभवन तक हमेशा सत्र नियमित करने, कक्षाएं पूरी करने और कोर्स पूरा करने को कहता रहता है। एनसीटीई के नियम के तहत वर्ष में कम से कम दो सौ कक्षाएं होना जरूरी है। यह भी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में अचानक परीक्षा की तैयारी करना आसान नहीं है। हालांकि परीक्षा को लेकर सीटीई घंटाघर से पत्र मिला है। विचार किया जा रहा है कि परीक्षा की तैयारी कैसे की जाए। सीटीई घंटाघर के प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि उन्हाेंने विवि को पत्र देकर परीक्षा लेने और रिजल्ट मार्च तक जारी करने का आग्रह किया है। राज्य सरकार के प्रारंभिक स्कूलों में नियोजित शिक्षकों के भुगतान के लिए 80 प्रतिशत राशि राज्य सरकार और 20 प्रतिशत केन्द्र सरकार देती है।