बिहार बोर्ड की ओर से देशरत्न डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर मेधा
दिवस समारोह का आयोजन किया गया। ज्ञान भवन में सोमवार को आयोजित समारोह में
मैट्रिक और इंटर 2018 के कुल 43 टॉपरों को पुरस्कृत किया गया। इसमें
मैट्रिक के टॉप-10 के 29 टॉपर और इंटर के टॉप-5 के 14 टॉपर शामिल है।
1 लाख से 10 हजार रुपये तक का पुरस्कार
मैट्रिक और इंटर के तीनों संकाय में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले टॉपरों को एक-एक लाख रुपये की राशि दी गई। द्वितीय स्थान वाले को 75-75 हजार और तीसरे स्थान पर रहने वालों को 50-50 हजार रुपये दिये गए। इसके अलावा सभी को लैपटॉप, ई-बुक रीडर दिया गया। मैट्रिक के चौथे से दसवीं स्थान प्राप्त करने वालों को 10-10 हजार और इंटर के चौथे और पांचवा स्थान प्राप्त करने वालों को 15-15 हजार रुपये की राशि दी गई।
मेधावी का काम विश्व स्तर पर मनन और चिंतन करने का है
मेधावी छात्र का काम विश्व स्तर पर सोचना चाहिए। पहले अध्ययन करें, इसके बाद मनन करना चाहिए। मनन के बाद चिंतन और फिर उसका उपयोग करना चाहिए। मेधावी छात्र को केवल अपने ज्ञान अर्जित नहीं करना चाहिए। ज्ञान के साथ विवेक और बुद्धि भी जरूरी है। ज्ञान के साथ विवेक का इस्तेमाल होता तो हिरोशिमा-नागासाकी जैसे घटना नहीं होती। बिहार बोर्ड द्वारा आयोजित डा. राजेंद्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान के दौरान ये बातें पद्मश्री जगमोहन सिंह राजपूत ने कहीं।
मेधा दिवस समारोह में आए छात्र और अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्होंने आइंस्टीन का उदाहरण देते हुए कहा कि आइंस्टीन पढ़ने में बहुत ही साधारण छात्र थे। लेकिन उनका आचरण बहुत ही अच्छा है। आचरण हमेशा अच्छा रखिये। किसी देश का विकास वहां कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से होता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तभी आयेगी जब शिक्षक उसी तरह के होंगे। शिक्षक जैसे चाहेंगे वैसे ही समाज बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रश्न खूब पूछना चाहिए और जिज्ञासा आपकी पूरी होगी आप वैसे ही समाज को बनाएंगे।
1 लाख से 10 हजार रुपये तक का पुरस्कार
मैट्रिक और इंटर के तीनों संकाय में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले टॉपरों को एक-एक लाख रुपये की राशि दी गई। द्वितीय स्थान वाले को 75-75 हजार और तीसरे स्थान पर रहने वालों को 50-50 हजार रुपये दिये गए। इसके अलावा सभी को लैपटॉप, ई-बुक रीडर दिया गया। मैट्रिक के चौथे से दसवीं स्थान प्राप्त करने वालों को 10-10 हजार और इंटर के चौथे और पांचवा स्थान प्राप्त करने वालों को 15-15 हजार रुपये की राशि दी गई।
मेधावी का काम विश्व स्तर पर मनन और चिंतन करने का है
मेधावी छात्र का काम विश्व स्तर पर सोचना चाहिए। पहले अध्ययन करें, इसके बाद मनन करना चाहिए। मनन के बाद चिंतन और फिर उसका उपयोग करना चाहिए। मेधावी छात्र को केवल अपने ज्ञान अर्जित नहीं करना चाहिए। ज्ञान के साथ विवेक और बुद्धि भी जरूरी है। ज्ञान के साथ विवेक का इस्तेमाल होता तो हिरोशिमा-नागासाकी जैसे घटना नहीं होती। बिहार बोर्ड द्वारा आयोजित डा. राजेंद्र प्रसाद स्मृति व्याख्यान के दौरान ये बातें पद्मश्री जगमोहन सिंह राजपूत ने कहीं।
मेधा दिवस समारोह में आए छात्र और अभिभावकों को संबोधित करते हुए उन्होंने आइंस्टीन का उदाहरण देते हुए कहा कि आइंस्टीन पढ़ने में बहुत ही साधारण छात्र थे। लेकिन उनका आचरण बहुत ही अच्छा है। आचरण हमेशा अच्छा रखिये। किसी देश का विकास वहां कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से होता है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तभी आयेगी जब शिक्षक उसी तरह के होंगे। शिक्षक जैसे चाहेंगे वैसे ही समाज बनेगा। उन्होंने कहा कि प्रश्न खूब पूछना चाहिए और जिज्ञासा आपकी पूरी होगी आप वैसे ही समाज को बनाएंगे।