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डीपीई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की याचिका खारिज की

जमुई। बिहार के एक लाख से अधिक शिक्षकों को डिप्लोमा इन प्राइमरी एडुकेशन के रिजल्ट प्रकाशन की तिथि से प्रशिक्षित का वेतन दिए जाने के मामले की शुक्रवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया।
मामले की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने बिहार सरकार द्वारा दो साल के बाद विशेष अनुमति याचिका को दायर करने व सरकार के तर्को को बेबुनियाद बताते हुए याचिका को खारिज किया और पटना हाईकोर्ट के पारित आदेश, जिससे बिहार के सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण उत्तीर्णता तिथि से प्रशिक्षित वेतन मिल रहा है, को बरकरार रखा। बिहार पंचायत-नगर प्रारंभिक शिक्षक के प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल ¨सह ने सुप्रीम कोर्ट के प्रति आभार प्रकट करते हुए इसे नियोजित शिक्षकों की जीत बताया। सुप्रीम कोर्ट में शिक्षक संघ के अधिवक्ता अजय कुमार ¨सह ने बताया कि शिक्षकों के दो वर्षीय प्रशिक्षण और संवर्धन कोर्स में बिलंब राज्य सरकार के कारण हुआ है। इसमें शिक्षकों की सहभागिता नहीं है। इसलिए प्रशिक्षण उतीर्ण करने के उपरांत शिक्षकों को प्रशिक्षित वेतन मिलना चाहिए। डिप्लोमा इन प्राइमरी एडुकेशन उत्तीर्णता तिथि से प्रशिक्षित शिक्षक का दर्जा सहित अन्य सुविधा को लेकर विगत दिन हाईकोर्ट पटना में शिक्षकों ने जीत दर्ज किया था। तत्पश्चात राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बिहार सरकार के याचिका खारिज किये जाने से बिहार के लाखों शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान प्रदेश अध्यक्ष आनंद कौशल ¨सह, प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज कुमार ¨सह, प्रदेश सचिव बिपिन बिहारी भारती, प्रदेश कोषाध्यक्ष प्रशांत कुमार मौजूद थे।

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